चुनाव आयोग ने सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना पर सवाल उठाया है। सरकार ने कहा था कि राजनीतिक फंडिंग के लिए चुनावी बॉन्ड योजना एक नीतिगत निर्णय है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा था यह निर्णय लेने के लिए उन्हें 'दोषी' नहीं ठहराए जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। NGO एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने योजना की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। NGO ने अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए कहा- या तो चुनावी बांड जारी करने पर रोक लगाई जाए या दानदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। चुनाव आयोग ने केंद्र की दलील का विरोध करते हुए चुनावी बॉन्ड योजना में गोपनीयता रखे जाने पर सवाल उठाए हैं।
via WORLD NEWS
No comments:
Post a Comment