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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Thursday, January 20, 2022

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Books New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

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Briefing New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

बेटियों का पिता की संपत्ति पर कितना अधिकार, सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया बड़ा फैसला

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि अगर हिंदू पुरुष की बिना विल (वसीयत) की मौत हो जाए तो उसकी बेटियों को पिता की खुद की अर्जित संपत्ति और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेटी को अन्य सदस्यों की अपेक्षा ज्यादा वरीयता होगी। सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं को संपत्ति के अधिकार से संबंधित यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा कि विल के बिना यदि शख्स की मौत हो जाए तो उसकी मौत के बाद संपत्ति चाहे खुद की अर्जित हो या फिर पैतृक संपत्ति के बंटवारे के बाद उसे मिली हो उनका बंटवारा उनके कानूनी वारिसों के बीच होगा। पीठ ने इसके साथ ही कहा कि ऐसे पुरुष हिंदू की बेटी अपने अन्य संबंधियों (जैसे मृत पिता के भाइयों के बेटे/बेटियों) के साथ वरीयता में संपत्ति की उत्तराधिकारी होने की हकदार होगी। बेटी ने पिता की खुद की अर्जित संपत्ति में दावेदारी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पीठ किसी अन्य कानूनी उत्तराधिकारी की अनुपस्थिति में बेटी को अपने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति को लेने के अधिकार से संबंधित कानूनी मुद्दे पर गौर कर रही थी।

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Movies New York TimesBy BY TEO BUGBEE Via NYT To WORLD NEWS

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Health New York TimesBy BY PAM BELLUCK Via NYT To WORLD NEWS

कोर्ट ने कहा- पत्नी से यौन संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में नहीं

नई दिल्ली: () ने पत्नी की सहमति के बगैर उससे यौन संबंध बनाने को लेकर पति को मुकदमे से बचाने वाले बलात्कार कानून के तहत दिए गए अपवाद से पैदा हुई चुनौती पर गुरुवार को चर्चा की। अदालत ने कहा कि, यदि कानून लैंगिक रूप से तटस्थ हो तो क्या यह असंवैधानिक हो सकता है। अदालत ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह कहा। हाई कोर्ट ने कहा कि, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375 में दिये गये अपवाद के तहत किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी से यौन संबंध बनाने पर, यदि पत्नी 15 साल से कम उम्र की नहीं है तो यह बलात्कार नहीं माना जाएगा। न्यायमूर्ति राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विषय में न्याय मित्र नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन से कहा, ‘‘मान लीजिए कि आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार की परिभाषा) लैंगिक रूप से तटस्थ है और यह अपवाद कहता है कि जब दो पक्ष विवाहित हैं...आपके मुताबिक, क्या अपवाद तब भी असंवैधानिक होगा। ’’ इस जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता जॉन ने कहा कि, मैं शुक्रवार को इसका जवाब देने की कोशिश करूंगी। उन्होंने अपनी दलील आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘‘वैवाहिक साथी के ना का अवश्य ही सम्मान किया जाना चाहिए। बलात्कार खुद में एक गंभीर अपराध है।’’