Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, April 4, 2021

Bihar News : काहे की शराबबंदी! नवादा जिले में जहरीली शराब कांड के बाद गया के इस वीडियो ने मचाया हड़कंप


गया: इस वीडियो को देखकर आपको भी शक होने लगेगा कि बिहार में शराबबंदी है भी या नहीं। इधर नवादा में जहरीली शराब 15 लोगों की जान ले चुका है तो दूसरी तरफ पड़ोसी जिले गया से वायरल हुए एक वीडियो ने हड़कंप मचा दिया है।

बिहार में काहे की शराबबंदी!
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। वीडियो में दिख रहे लोगों की तलाश शुरू कर दी है। कुछ ग्रामीणों के मुताबिक ये वीडियो गया जिले के डुमरिया प्रखंड के मैगरा थाना क्षेत्र के वलीचक का है। जहां होली के दिन एक ऑर्केस्ट्रा प्रोग्राम में खुलेआम शराब की बोतल के साथ बार बाला संग ठुमके लगाए गए। इस मामले में पुलिस ने मैगरा थाने में केस भी दर्ज कर लिया है।


via WORLD NEWS

Our ‘Before’ No Longer Makes Sense. How Do We Live Now?


U.S. New York TimesBy BY ELIZABETH DIAS AND AUDRA D. S. BURCH Via NYT To WORLD NEWS

The Return of March Madness Brought Back Hope


Sports New York TimesBy BY KURT STREETER Via NYT To WORLD NEWS

In the Philippines, Everyone Knows Jordan Clarkson’s Name


Sports New York TimesBy BY SCOTT CACCIOLA Via NYT To WORLD NEWS

What to Watch as Gonzaga Plays Baylor for the N.C.A.A. Men’s Title


Sports New York TimesBy BY ADAM ZAGORIA Via NYT To WORLD NEWS

Word of the Day: compunction


The Learning Network New York TimesBy BY THE LEARNING NETWORK Via NYT To WORLD NEWS

23 की शहादत: वे घाव बांध लड़ते रहे, खाली झोपड़ियों में गए, तो वहां भी बिछा था जाल

नई दिल्‍ली छत्‍तीसगढ़ के जंगल शनिवार को फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठे। घात लगाकर किए गए हमले में 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक नक्‍सलियों ने पूरी योजना के साथ सुरक्षा बलों पर हमला किया। सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के दो हजार से ज्‍यादा जवान एक नक्‍सली कमांडर की इलाके में मौजूदगी की सूचना पर सर्च ऑपरेशन करने गए थे। वापसी में टेकलगुड़ा गांव से थोड़ी दूर पर अचानक गोलियां चलने लगीं। कैसे किया गया हमला?टेकलगुड़ा गांव के एक तरफ पहाड़ और तीन तरफ जंगल है। यह इलाका नक्‍सलियों की बटालियन 1 का है जिसका मुखिया कमांडर माडवी हिड़मा है। उसके यहां मौजूद होने की भनक मिली थी। सूचना पर भारी संख्‍या में जॉइंट फोर्स के जवान भेजे गए। शनिवार को दोपहर जब सर्च टीमें लौट रही थीं तो टेकलगुड़ा गांव से करीब 100 मीटर दूर अचानक फायरिंग शुरू हो गई। जवान जबतक कुछ समझ पाते, तबतक पहाड़‍ी की ओर से भी गोलियां आने लगीं। नक्‍सलियों के जाल में फंस गए जवानहर तरफ नक्‍सली मौजूद थे, जवान बीच में खुले स्‍थान पर थे। गांववालों के मुताबिक, नक्‍सलियों ने एक पहाड़ी पर फायरिंग पोजिशन तैयार की थी। स्‍थानीय अखबार नई दुनिया के मुताबिक, पहली गोली गांव से चली थी। अमूमन सुरक्षा बल गांवों की तरफ अंधाधुंध फायरिंग नहीं करते इसलिए असमंजस में रह गए। तबतक पहाड़ी से गोलियां चलने लगीं। जवानों ने उधर जवाबी फायरिंग शुरू की और गांव टेकलगुड़ा की तरफ जाने लगे। अपने घायल साथियों को लेकर कुछ जवान टेकलगुड़ा गांव में पहुंचे जो कि नक्‍सलियों की एक चाल निकली। उन्‍होंने पूरा गांव खाली करा लिया था। झोपड़‍ियों में गांववालों की जगह नक्‍सली मौजूद थे। जैसे ही सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे, नक्‍सलियों ने हमला बोल दिया। वहां एलएमजी, रॉकेट लॉन्‍चर जैसे हथियार जुटाए गए थे। मौके पर पहुंचे स्‍थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब एक किलोमीटर के दायरे में खून से लथपथ जवानों के शव पड़े हुए थे। तीन तरफ से हमला हुआ, खुद मरहम-पट्टी करते रहे जवानशनिवार को करीब छह घंटे तक तीन जगहों पर मुठभेड़ चली। करीब एक किलोमीटर के दायरे में U शेप के फॉर्मेशन में नक्‍सलियों ने मोर्चा संभाल रखा था। एक तरफ पहाड़ी, दूसरी तरफ गांव और कुछ देर बाद पीछे से भी फायरिंग होने लगी। नक्‍सलियों ने कैंची बम, बीजीएल, यूजीएल जैसे हथियारों का इस्‍तेमाल किया। गांव के पास से खून के धब्‍बों के अलावा इंजेक्‍शन, सीरिंज व अन्‍य दवाइयां मिली हैं। मुठभेड़ के दौरान, जवान अपने घायल साथियों की मरहम-पट्टी भी करते रहे। नई दुनिया के अनुसार, करीब एक किलोमीटर के दायरे में लगे हर पेड़ के तने में गोलियों के निशान मिले हैं। जवान इन्‍हीं पेड़ों की ओट लेकर नक्‍सलियों का मुकाबला करते रहे। शाम होते-होते जवानों ने फायरिंग रोकी और कैंप की तरफ चले गए। नक्‍सली रातभर गांव और आसपास मंडराते रहे। गोलियां बरसाईं, लूटपाट भी करते गए नक्‍सलीआईजी बस्‍तर सुंदरराज पी के अनुसार, नक्‍सलियों ने शहीद जवानों की वर्दी, जूते व अन्‍य हथियार लूट लिया। उन्‍होंने बताया कि 7 एके-47 राइफल, दो इंसास राइफल और एक एलएमजी लूटी गई है। एक महिला नक्‍सली का शव इंसास राइफल के साथ मिला जिसकी पहचान माडवी वनोजा के रूप में हुई जिसे पामेड़ एलजीएस कमांडर बताया जा रहा है। प्रेशर बम के चलते रस्सियों से खींचे गए शवटेकलगुड़ा गांव को नक्‍सलियों का गढ़ माना जाता है। वायुसेना के हेलिकॉप्‍टर्स की मदद से शहीद जवानों के शवों को बाहर निकाला गया। नई दुनिया अखबार ने मौके से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गांव लाशों से पट गया था। शनिवार को यहां पहली बार वायुसेना के हेलिकॉप्‍टर उतरे। शवों के पैर में लंबी रस्‍सी बांधी गई और दूसरे छोर से उन्‍हें खींचा गया। ऐसा इसलिए क्‍योंकि नक्‍सली अक्‍सर शवों के नीचे बम लगा देते हैं। इसके बाद पूरे सम्‍मान के साथ शहीदों के शव विमान में रखवाए गए। बस्‍तर में नक्‍सलियों का खूनी खेलबस्‍तर के इलाके में नक्‍सलियों ने खूब खून बहाया है। शनिवार के हमले में कुल 23 जवान शहीद हुए हैं जबकि 33 घायल हैं। इससे पहले,
  • 23 मार्च, 2021 को माओवादियों ने नारायणपुर में एक बस को उड़ा दिया। 5 पुलिसकर्मी शहीद हुए, 13 घायल।
  • 21 मार्च, 2021 को सुकमा में हुई मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हुए।
  • 9 अप्रैल, 2019 को दंतेवाड़ा में एक आईईडी ब्‍लास्‍ट में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी और चार सुरक्षाकर्मी मारे गए।
  • 24 अप्रैल, 2017 को सुकमा में हुई मुठभेड़ में CRPF के 27 जवान शहीद हुए।
  • मार्च 2017 में सुकमा में हुई मुठभेड़ में CRPF के 12 जवान शहीद हुए।
  • 25 मई, 2013 में नक्‍सलियों ने कांग्रेस के कुछ नेताओं और सुरक्षा बलों समेत कुल 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
  • 29 जून, 2010 को नारायणपुर में CRPF के 27 जवान शहीद हुए।
  • 17 मई, 2010 को दंतेवाड़ा से सुकमा जा रही बस को नक्‍सलियों ने उड़ा दिया। इसमें कुल 36 लोग मारे गए जिनमें 12 स्‍पेशल पुलिस अधिकारी थे।
  • 6 अप्रैल, 2010 को एक मुठभेड़ में CPRF के 75 जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हुए।
गृहमंत्री के कार्यक्रम रद्द, सीएम बोले- नक्‍सलियों की आखिरी लड़ाईसुरक्षा बलों पर हमले की जानकारी मिलने के बाद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम के चुनावी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उन्‍होंने उच्चाधिकारियों संग बैठक में नक्‍सलियों के खिलाफ नए ऑपरेशन पर चर्चा की। शाह ने कहा कि लड़ाई अधिक मजबूती, सटीकता और तीव्रता से जारी रहेगी। छत्‍तीगसढ़ सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 'यह मुठभेड़ नहीं, बल्कि युद्ध है। यह नक्‍सलियों के लिए अंतिम लड़ाई साबित होगी।' सीएम ने अस्‍पताल जाकर घायलों से भी मुलाकात की।

पढ़ें संपादकीयः चुनाव से पहले छापे, क्या ठीक है टैक्स विभाग की नीयत?

तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए होने वाले मतदान के ठीक पहले डीएमके नेता एमके स्टालिन की बेटी, पार्टी के अन्य नेताओं और उनसे जुड़े लोगों पर आयकर विभाग के छापे पड़े। इससे एक बार फिर यह आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी अपने राजनीतिक हित साधने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इस आरोप के जवाब में कहा जा सकता है कि अगर किसी के खिलाफ शिकायतें आती हैं और कोई एजेंसी जांच शुरू करती है तो फिर उस प्रक्रिया को किसी भी बात से क्यों प्रभावित होना चाहिए। अगर बीच में कोई चुनाव वगैरह आ जाते हैं तो क्या सिर्फ इसीलिए वह जांच रोक दी जाए? 'कानून को अपना काम करने देना चाहिए' का बहुप्रचारित तर्क इस सवाल का जवाब ना में देता है और सत्तारूढ़ दल आम तौर पर विरोधियों की आलोचना को शांत करने के लिए इसी का इस्तेमाल करते आए हैं। बात तो यह भी सही है कि इन एजेंसियों का दुरुपयोग कोई आज से शुरू नहीं हुआ है। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान ही को 'पिंजरे के तोते' का 'तमगा' मिला था। लेकिन बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यह पुरानी रीत बदलेगी। मगर देखने में यह आया कि ऐसी शिकायतें कम होने के बजाय और बढ़ गईं। कुछ अरसा पहले की ही बात है। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार अंदरूनी चुनौतियों की वजह से संकट में थी। तभी गहलोत के करीबी नेताओं पर आयकर विभाग के छापे पड़ने लगे। और बात सिर्फ इतनी ही नहीं है। इस मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच टकराव तक हो चुके हैं। कुछ राज्य बगैर इजाजत सीबीआई के अपने यहां आने पर पाबंदी लगा चुके हैं। यह बात भी छिपी नहीं है कि राजनीति में आरोपों का जवाब आरोपों से देकर काम चला लिया जाता है। लेकिन यहां मूल सवाल राजनीति का नहीं, देश की जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता का है। हमारी जांच एजेंसियां ठीक से जांच करके वास्तविक दोषियों तक पहुंचें और उन्हें कानून के मुताबिक सजा दिलाएं, यह जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक यह भी है कि वे ऐसा करते हुए नजर आएं। इससे उनके तौरतरीकों और नीयत को लेकर किसी के मन में संदेह नहीं रह जाएगा। अब अगर यह मान भी लें कि तमिलनाडु में जिन मामलों में शुक्रवार को छापे मारे गए, वे सचमुच गंभीर थे, तब भी यह सवाल बना रहता है कि क्या ये मामले ऐसे थे कि दो-तीन दिन रुक जाने से जांच पटरी से उतर जाती? क्या छह अप्रैल को मतदान हो जाने का इंतजार ये अफसर नहीं कर सकते थे ताकि इन छापों को राजनीतिक रंग देने की कोई गुंजाइश ही न बचती?

देश में कोरोना वायरस से भी ज्यादा जानें ले रही हैं ये बीमारियां, दंग कर देंगे आंकड़े

Deaths Due To Non-Communicable Diseases : देश में कोरोना वायरस की नई लहर इतनी जोरदार है कि पिछले साल का रेकॉर्ड भी टूट चुका है। रविवार को पूरे भारत में 1 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आए जो पिछले साल के एक दिन में अधिकतम 98,795 नए केस से ज्यादा है। कोविड-19 महामारी अब तक 1.65 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है। लेकिन, आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि देश में अब भी कोविड से ज्यादा दूसरी बीमारियों के कारण मौतें हो रही हैं। आइए देखते हैं कुछ हैरान कर देने वालें आंकड़े...

All About Non-Communicable Disease : देश में कोरोना वायरस की नई लहर इतनी जोरदार है कि पिछले साल का रेकॉर्ड भी टूट चुका है। रविवार को पूरे भारत में 1 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आए जो पिछले साल के एक दिन में अधिकतम 98,795 नए केस से ज्यादा है।


देश में कोरोना वायरस से भी ज्यादा जानें ले रही हैं ये बीमारियां, जानकर दंग रह जाएंगे आप

Deaths Due To Non-Communicable Diseases : देश में कोरोना वायरस की नई लहर इतनी जोरदार है कि पिछले साल का रेकॉर्ड भी टूट चुका है। रविवार को पूरे भारत में 1 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आए जो पिछले साल के एक दिन में अधिकतम 98,795 नए केस से ज्यादा है। कोविड-19 महामारी अब तक 1.65 लाख से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है। लेकिन, आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि देश में अब भी कोविड से ज्यादा दूसरी बीमारियों के कारण मौतें हो रही हैं। आइए देखते हैं कुछ हैरान कर देने वालें आंकड़े...



भारत में गैर-संक्रामक बीमारियों का कहर
भारत में गैर-संक्रामक बीमारियों का कहर

हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस संक्रामक है। यह एक से दूसरे को संक्रमित करता है और इस तरह महामारी विकराल हो गई है। लेकिन, डाइबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी गैर-संक्रामक बीमारियां भी कम जानलेवा नहीं हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश में हर तीन में से दो मौतें ऐसी ही बीमारियों के कारण हो रही हैं जो एक इंसान से दूसरे इंसान को संक्रमित नहीं करते हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश के 16 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की कम-से-कम 10% आबादी इन जानलेवा लेकिन गैर-संक्रामक बीमारियों से ग्रसित है।



​करीब दो-तिहाई मौतों की वजह गैर-संक्रामक बीमारियां
​करीब दो-तिहाई मौतों की वजह गैर-संक्रामक बीमारियां

1990 के दशक से ही भारत में ऐसी गैर-संक्रामक बीमारियां (Non-Cmmunicable Diseases यानी NCDs) संक्रामक बीमारियों के मुकाबले ज्यादा घातक साबित हो रही हैं। गैर-संक्रामक बीमारियों ने वर्ष 2017 में 63 लाख भारतीयों की जानें ली थीं। उस साल देश में करीब दो-तिहाई मौतें इन्हीं NCDs के कारण हुई थीं। आंकड़े बताते हैं कि गैर-संक्रामक बीमारियों से दुनियाभर में हुई मौतों में 15.3% हिस्सेदारी सिर्फ भारत की है।



काफी डरावने हैं 21 राज्यों के आंकड़े
काफी डरावने हैं 21 राज्यों के आंकड़े

थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टिट्यूट (Thought Arbitrage Research Institute) ने भारत के 21 राज्यों से आंकड़े जुटाए और पाया कि हर 10 में से एक व्यक्ति किसी ना किसी घातक गैर-संक्रामक बीमारी से पीड़ित है। उसने इसकी वजह जानने की कोशिश की तो पता चला कि इसके पीछे खराब जीवनशैली और दूषित वातावरण की सबसे बड़ी भूमिका है। कुछ राज्यों में तो हर चौथा व्यक्ति यानी 25% आबादी ऐसी जानलेवा गैर-संक्रामक बीमारी से पीड़ित है। जिन 21 राज्यों से आंकड़े जुटाए गए, उनमें 27.2% बीमार आबादी के साथ ओडिशा की पहचान सबसे ज्यादा गैर-संक्रामक बीमारियों से पीड़ित राज्य के तौर पर हुई। उसके बाद 26.3% के साथ त्रिपुरा जबकि 22.3% के साथ असम का नंबर तीसरा है।

नोट: आंध्र प्रदेश के आंकड़े में तेलंगाना जबकि महाराष्ट्र के आंकड़े में गोवा के आंकड़े भी शामिल हैं।



​ये हैं देश की सबसे ज्यादा जानलेवा गैर-संक्रामक बीमारियां
​ये हैं देश की सबसे ज्यादा जानलेवा गैर-संक्रामक बीमारियां

भारत में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), पाचनतंत्र संबंधी बीमारियां और मधुमेह (डाइबिटीज) प्रमुख गैर-संक्रामक बीमारियां हैं। पाचनतंत्र की बीमारियों से सबसे ज्यादा ग्रसित राज्य ओडिशा है और हाइपरटेंशन के मामले में भी इसका नंबर शीर्ष तीन राज्यों में आता है। वहीं, पुडुचेरी में हाइपरटेंशन और डाइबिटीज के रोगियों का अनुपात बाकी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुकाबले ज्यादा है।



​किस आयुवर्ग के कितने प्रतिशत लोग, किस बीमारी से पीड़ित
​किस आयुवर्ग के कितने प्रतिशत लोग, किस बीमारी से पीड़ित

देश में 25 से 35 वर्ष के आयुवर्ग की आबादी में डाइबिटीज या हाइपरटेंशन जैसी मेटाबॉलिक इलनेस का खतरा चार गुना जबकि 35 से 45 वर्ष के आयुवर्ग में यह तिगुना बढ़ गया है। वहीं, 35 से 45 वर्ष के आयुवर्ग में हृदय रोग, कैंसर, श्वसन तंत्र से संबंधित गंभीर बीमारियों का खतरा दोगुना हो गया है। इसका सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। तमाम तरह की गैर-संक्रामक बीमारियों की बात करें तो 76% ऐसी बीमारियों की वजह खराब हवा ही है। वहीं, 66.5% बीमारियों की वजह पर्याप्त शारीरिक गतिविधियों का अभाव, 55% की वजह खराब खान और 44% का कारण बहुत ज्यादा तनाव है।



​हर 28 भारतीयों में एक हाइपरटेंशन का शिकार
​हर 28 भारतीयों में एक हाइपरटेंशन का शिकार

30 साल पहले भारत की सबसे सामान्य बीमारियां संक्रामक हुआ करती थीं और उन्हीं संक्रामक बीमारियों के कारण आधी मौतें भी हुआ करती थीं। लेकिन, आज मौतों की वजह बन रहीं तीन सबसे ज्यादा घातक बीमारियां गैर-संक्रामक हैं। देश में अभी तनाव से 3.6%, पाचनतंत्र से संबंधी बीमारियों से 3.2%, डाइबिटीज से 2.9%, श्वसनतंत्र संबंधी बीमारियों से 1.8%, दिमाग/तंत्रिका संबंधी (Brain/Neurological) बीमारियों से 1.3% मौतें हो रही हैं।



​शहरों पर ज्यादा खतरा
​शहरों पर ज्यादा खतरा

आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों पर गैर-संक्रामक बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है। खासकर डाइबिटीज और हृदय रोग की चपेट में ज्यादातर पुरुष ही आते हैं, लेकिन हाइपरटेंशन महिलाओं में ज्यादा आम है। पाचनतंत्र की बीमारियों की दर महिलाओं में 3.1% जबकि पुरुषों में 3.3%, ब्रेन/न्यूरोलॉजी से संबंधी बीमारियां महिलाओं में 1.34% तो पुरुषों में 1.29%, हाइपरटेंशन महिलाओं में 4% तो पुरुषों में 3.2%, डाइबिटीज पुरुषों में 2.6% तो महिलाओं में 3.1% जबकि अन्य गैर-संक्रामक बीमारियां महिलाओं में 11.3% तो पुरुषों में 11.9% है।



​ग्रामीण भारत भी अछूता नहीं
​ग्रामीण भारत भी अछूता नहीं

शहरों के मुकाबले गांव भी गैर-संक्रामक बीमारियों के लिहाज से ज्यादा अछूता नहीं है। हालांकि, गांवों में लोगों की जीवनशैली शहरों के मुकाबले बेहतर होती है। वहां शहरों के मुकाबले हवा-पानी भी ज्यादा शुद्ध है। फिर भी पाचन तंत्र से संबंधी बीमारियों से गांवों के 3.4% लोग तो शहरों के 2.8%, ब्रेन/न्यूरोलॉजिकल इलनेस से गांवों के 1.4% तो शहरों के 1.1%, हाइपरटेंशन से गांवों के 3.4% तो शहरों के 4%, श्वसन संबंधी बीमारियों से शहरों के 1.9% तो गावों के 1.6%, डाइबिटीज से गांवों के 2.5% तो शहरों के 3.6% जबकि अन्य गैर-संक्रामक बीमारियों से गांवों के 11.6% तो शहरों के 11.7% लोग ग्रसित हैं।



तो क्या अफसरों को हर महीने घूस देता था सचिन वझे? NIA के हाथ लगे अहम सबूत

मुंबईउद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी एक स्कॉर्पियो कार में विस्फोटक मिलने और कारोबारी मनसुख हीरेन की कथित हत्या की जांच के दौरान एनआईए के हाथ कुछ दस्तावेज लगे हैं। इनमें मुंबई पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को संदिग्ध रूप से रिश्वत के पैसों के भुगतान का जिक्र है। अधिकारियों ने बताया कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे की भूमिका की जांच के सिलसिले में गुरुवार को दक्षिण मुंबई के गिरगांव स्थित एक क्लब पर छापे के दौरान एजेंसी को ये दस्तावेज मिले। एनआईए इन दस्तावेज की जांच कर रही है। वझे 7 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में है। CBI को दिए जाएंगे दस्तावेजमामले से संबंधित और जानकारी साझा करने से पहले एनआईए क्लब के मालिक और अन्य से दस्तावेज के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी। अधिकारियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो दस्तावेज को आगे की जांच के लिए आयकर विभाग या सीबीआई के साथ साझा किया जाएगा, क्योंकि एनआईए को सिर्फ आतंकवाद रोधी मामलों की जांच करने की इजाजत है। क्लब में लगवाई थी शिंदे की नौकरी अधिकारियों ने कहा है कि इस क्लब में वझे काफी जाता था और वहां उसने नरेश गौर और सह आरोपी विनायक शिंदे की नौकरी भी लगवाई थी। दोनों फिलहाल एनआईए की हिरासत में हैं। क्या है दस्तावेज में - अधिकारियों ने बताया कि एक दस्तावेज में कार्यालयों और पदों के साथ अफसरों के नाम हैं। - नामों के सामने रकम का जिक्र है, जिसकी माहवार तालिका बनाई गई है। - अधिकारियों को शक है कि कार्यालयों और अफसरों के नामों के सामने लिखी रकम रिश्वत हो सकती है, जो हर महीने दी जाती है।

यूपी CM योगी आदित्यनाथ ने भी लगवाई कोविड वैक्सीन की पहली डोज

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री () ने Covid-19 वैक्सीनेशन करवा लिया है। उन्होंने लखनऊ के सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली डोज लगवाई। उन्होंने सभी लोगो से वैक्सीनेशन लगवाने की अपील करते हुए संक्रमण के प्रति सावधानी बरतने की अपील की। वैक्सीन लगवाने के बाद सीएम योगी ने कहा, 'मैं मुफ्त टीका उपलब्ध कराने के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं। मैं देश के वैज्ञानिकों को भी धन्यवाद देता हूं। टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। अपनी बारी आने पर हम सभी को इसे लगवाना चाहिए।' इसके साथ ही योगी ने लोगों से अपील करते हुए वैक्सीन लगवाने के बाद भी सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि Covid की यह दूसरी लहर, संक्रमण के मद्देनजर जरूरी व्यवहार और गाइडलाइंस के उल्लंघन का नतीजा है।

ब्लॉगः म्यांमार के शरणार्थियों पर सरकार साफ स्टैंड लेने से बचती दिख रही है

मणिपुर सरकार को जनता के विरोध के आगे झुकना पड़ा। उसे वह आदेश तीन दिन में ही वापस लेना पड़ा, जिसमें पड़ोसी देश म्यांमार से भाग कर आ रहे शरणार्थियों को भोजन और आश्रय मुहैया कराने के लिए शिविर लगाने से मना किया गया था, लेकिन केंद्र के रुख में अभी भी इस मामले में एक तरह की दुविधा दिख रही है। अब तक हजार से ज्यादा शरणार्थी म्यांमार से भाग कर इस तरफ आ चुके हैं। इनमें से कई तो वहां की पुलिस और अन्य सरकारी सेवाओं के लोग हैं, जिन्होंने सैनिक तख्ता पलट का सरेआम विरोध किया था। अब जब म्यांमार की सेना हर विरोधी को गोली मारने पर उतारू है तो उन्हें अपनी जान बचाने को सबसे मुफीद जगह भारत ही दिख रही है।

Bihar News : छपरा में ट्यूशन पढ़ाने जा रही टीचर की गोली मारकर हत्या, घर में मचा कोहराम


अमित गिरी, छपरा: जिले में परसा थाना क्षेत्र के बजदहिया के समीप अपराधियों ने एक शिक्षिका की गोली मार कर हत्या कर दी। मृतक का नाम प्रमिला है जो बनकेरवा गांव की रहने वाली बताई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि प्रमिला ट्यूशन पढाने जा रहीं थी तभी थोड़ी देर बाद घरवालों को प्रमिला की हत्या की सूचना मिली इसके बाद घर में कोहराम मच गया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है हालांकि अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।


via WORLD NEWS

SAG Awards Go to ‘The Trial of the Chicago 7,’ Chadwick Boseman and Viola Davis


Movies New York TimesBy BY KYLE BUCHANAN Via NYT To WORLD NEWS

PM-covid-update


Slideshows New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

With lockdowns, masks and vaccines, the once-battered Navajo Nation has gained control of the virus.


World New York TimesBy BY MELINA DELKIC AND MADELEINE NGO Via NYT To WORLD NEWS

‘I was just like, oh please, God, don’t go in.’


Sports New York TimesBy BY MARISA INGEMI AND NATALIE WEINER Via NYT To WORLD NEWS

A Rookie Wins the ANA Inspiration Ahead of a Fast-Closing Challenger


Sports New York TimesBy BY KAREN CROUSE Via NYT To WORLD NEWS

Stanford Wins N.C.A.A. Women’s Basketball Title for First Time in 29 Years


Sports New York TimesBy BY GILLIAN R. BRASSIL Via NYT To WORLD NEWS

The Lawyer Behind the Throne at Fox


Business New York TimesBy BY BEN SMITH Via NYT To WORLD NEWS

Stanford wins the title as Arizona misses its final shot.


Sports New York TimesBy BY NATALIE WEINER Via NYT To WORLD NEWS

Gonzaga’s Buzzer-Beater a Reminder of the Hoopla That’s Missing


Sports New York TimesBy BY BILLY WITZ Via NYT To WORLD NEWS

Stanford is slightly ahead with one quarter left.


Sports New York TimesBy BY MARISA INGEMI Via NYT To WORLD NEWS