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Tuesday, November 23, 2021
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पृथ्वीपुर के थप्पड़बाज टीआई को देखिए, खाद के लिए परेशान किसान को सड़क पर मारा चांटा
निवाड़ी
खाद की कमी से परेशान मध्य प्रदेश के किसानों को अब अधिकरियों के कोप का भी शिकार होना पड़ रहा है। अफसर अब उन्हें खाद की मांग करने पर खुलेआम थप्पड़ लगाने से भी बाज नहीं आ रहे। निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर के टीआई धर्मेंद्र यादव ने खाद लेने आए किसान के गाल पर जोरदार तमाचा जड़ दिया। सोमवार को हुई घटना का वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ।
सोमवार को किसान खाद लेने के लिए पृथ्वीपुर खाद वितरण केंद्र पहुंचे थे। उन्हें खाद नहीं मिल पाया तो वे आक्रोशित हो गए। किसानों ने निवाड़ी से टीकमगढ़ की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर दिया। जाम हटवाने आए टीआई ने एक किसान को थप्पड़ जड़ दिया। किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
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26/11 हमले पर मनीष तिवारी ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, बीजेपी बोली- राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखा
नयी दिल्ली पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पुस्तक को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी की नयी पुस्तक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तिवारी इस किताब में साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले पर जवाबी प्रतिक्रिया को लेकर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए दिख रहे हैं। तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘10 फ्लैश प्वाइंट्स: 20 ईयर्स’ में लिखा है कि कई बार संयम कमजोरी की निशानी होती है और भारत को 26/11 हमले के बाद कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी। भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना उनकी पुस्तक के इस अंश को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखा। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने फिलहाल इस पुस्तक पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है, हालांकि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें यह मुद्दा उस वक्त उठाना चाहिए था जब वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे। तिवारी संप्रग सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे। तिवारी की इस किताब में देश की सुरक्षा हालात पर प्रकाश लोकसभा सदस्य तिवारी ने इस पुस्तक में पिछले दो दशक के देश के सुरक्षा हालात पर प्रकाश डाला है। यह पुस्तक दो दिसंबर से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी उन्होंने इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसने सेना के ‘माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प’ को खत्म कर भाजपा सरकार ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है। तिवारी कांग्रेस के उस ‘जी 23’ समूह में शामिल हैं जिसने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक संगठनात्मक बदलाव और जमीन पर सक्रिय अध्यक्ष की मांग की थी। कभी-कभी संयम ताकत नहीं कमजोरी की निशानी- तिवारी उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर अपनी इस पुस्तक के कुछ अंश साझा किए। पुस्तक में उन्होंने लिखा, ‘अगर किसी देश (पाकिस्तान) को निर्दोष लोगों के कत्लेआम का कोई खेद नहीं है तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। ऐसे मौके आते हैं जब शब्दों से ज्यादा कार्रवाई दिखनी चाहिए। 26/11 एक ऐसा ही मौका था।’ तिवारी ने मुंबई आतंकी हमले को क्रूर हमला करार देते हुए इसे ‘भारत का 9/11’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसा समय था जब भारत को प्रतिक्रिया में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी।’ 26/11 हमले को लेकर किताब में लिखा उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री मार्ग से मुंबई के विभिन्न इलाकों में घुस गए थे और उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। उस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे। भाजपा ने तिवारी की इस पुस्तक को लेकर आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संप्रग सरकार को 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद जिस प्रकार की मजबूत जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी, वैसी नहीं की और उसने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखा। भाजपा पर किया हमला उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे 304 पृष्ठों की किताब से एक उद्धरण पर भाजपा की प्रतिक्रिया पर हंसी आती है। इस पुस्तक में भारत को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा हालात संबंधी प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है। मुझे हैरानी होगी कि अगर भाजपा अपने शासनकाल के समय राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति से निपटने के संदर्भ में किए गए ‘कड़े विश्लेषण’ पर भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दे।’ कांग्रेस ने नहीं की कोई टिप्पणी दूसरी तरफ, कांग्रेस ने तिवारी की पुस्तक पर फिलहाल आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तिवारी की पुस्तक से जुड़े सवाल पर कहा, ‘‘पहले किताब आए, हम और आप पढ़ेंगे। फिर देखते हैं कि चर्चा करनी है या नहीं... उस किताब या किसी अन्य बात से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आम लोग आज महंगाई के कारण कितना संघर्ष कर रहे हैं। हमारा यह धर्म है कि हम इन लोगों की आवाज उठाएं।’’ अधीर रंजन चौधरी का बयान अधीर रंजन चौधरी ने तिवारी को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘कभी-कभी विवादों से घिरी किताबें ज्यादा बिकती हैं। आज विवाद खड़ा हुआ है तो किताब ज्यादा बिकेगी और भाजपा सेल्समैन बन जाएगी।’ उन्होंने यह भी कहा कि तिवारी को मुंबई हमले के बजाय चीन और भारत की सीमा पर उसकी हालिया गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। तिवारी की इस पुस्तक से कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस नेता खुर्शीद की पुस्तक ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ को लेकर विवाद खड़ा हुआ था क्योंकि इसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों के साथ की थी। विवाद खड़ा होने के बाद खुर्शीद ने कहा था कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में फर्क है और उन्होंने किसी को आतंकवादी नहीं कहा है।
संसद सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और क्रिप्टो करेंसी सहित ये विधेयक पेश करेगी मोदी सरकार
नई दिल्ली के लिए 26 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल है। सचिवालय के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा। इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने के आसार हैं। लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध हैं। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक की ओर से जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लिए नहीं है कोई नियम भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे। लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 बनाया था। कृषि कानून के विरोध में पिछले एक साल से प्रदर्शन तीन कृषि कानून के विरोध में पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। ये विधेयक भी हैं सत्र के लिए सूचीबद्ध संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मादक पदार्थ एवं मन:प्रभावी औषधि संशोधन विधेयक 2021 पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। यह विधेयक इससे संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया जा रहा है। इसके अलावा सत्र के दौरान केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021 और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना संशोधन विधेयक 2021 भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। ये दोनों विधेयक भी संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाए जाएंगे। सत्र के दौरान राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021, मानव तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक 2021, विद्युत संशोधन विधेयक 2021, उत्प्रवास विधेयक 2021 आादि पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। 29 नवंबर से शुरू होगा सत्र संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय के एक बयान के अनुसार, "सत्रहवीं लोकसभा का सातवां सत्र 29 नवंबर, 2021 को शुरू होगा। सरकारी कामकाज की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र के 23 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने की संभावना है।"
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान तक सहायता पहुंचाने के लिए दिया रास्ता, भारत ने नहीं दी तवज्जो, कहा- कोई विकल्प भी नहीं था
नई दिल्ली पाकिस्तान की ओर से भारत को अफगानिस्तान जाने के लिए रास्ता खोलने की घटना को भारत ने बहुत तवज्जो नहीं दी है। भारत के अनुसार अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करना मजबूरी था। पाकिस्तान के इस कदम से बहुत अधिक संकेत नहीं मिलने की बात भी कही है। भारत का मानना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक पर सख्त कदम उठाने के अलावा अपनी नियत में स्पष्ठता नहीं लाता है तब तक वह भरोसे के लायक नहीं है। दरअसल, एक दिन पहले पाकिस्तान ने भारत के लिए अफगानिस्तान जाने के लिए अपने रास्तों को खोल दिया है ताकि वह वहां गेहूं की मदद दे सके। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने इस फैसल की जानकारी ट्वीट कर दी। दरअसल मास्को में हुई मीटिंग के बाद भारत ने अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने की एलान किया था। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह वाघा सीमा के रास्ते जाने की अनुमति दे। इसके बाद ही पाकिस्तान ने रास्ता खोला। अभी कुछ दिन पहले करतारपुर कोरीडार भी खोला गया। इसके बाद यह चर्चा उठी कि क्या दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरने के यह संकेत है? पाकिस्तान पर भरोसा करना संभव नहींभारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अभी इस बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं है। तर्क दिया गया कि अभी कुछ दिन पहले ही जब अफगानिस्तान के हालात पर विचार के लिए भारत ने जब मीटिंग बुलायी तो उसका पाकिस्तान इससे भाग गया। ऐसे में उसकी नियत पर भरोसा करना बिल्कुल संभव नहीं है। भारत ने कहा कि शुरू से स्टैंड साफ है कि अब पाकिस्तान पहले एक्शन युक्त नियत दिखाए तभी आगे कोई कुछ संभावना बन सकती है।
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