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Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, February 14, 2021

What’s on TV This Week: ‘In Cold Blood’ and ‘The Black Church’


Arts New York TimesBy BY GABE COHN Via NYT To WORLD NEWS

Pulwama Shahid: पुलवामा हमले में शहीद हुए CRPF जवान का परिवार सरकार से क्यों नाराज?


पुलवामा हमले के 2 साल बाद भी सरकार के अधूरे वादों से एक शहीद का परिवार नाराज है। मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले CRPF जवान अश्विनी काछी पुलवामा हमले में देश के लिए शहीद हो गए थे। काछी के पिता के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन्हें 1 करोड़ रुपए, परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी और घर देने का वादा किया था। 1 करोड़ रुपए तो मिल गए, लेकिन बाकी वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। पिता का ये भी दावा है कि उनके बेटे के नाम पर एक सरकार मैदान और स्कूल बनाने का वादा भी किया गया था जो अभी तक अधूरा है।


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Bihar News : पटना में अगलगी से मचा हड़कंप, गाड़ियों में हवा भरने वाली टंकी के फटने से हादसा


पटना: राजधानी पटना में कल एक बड़ा हादसा हुआ है। हालांकि इस हादसे में लोग बाल-बाल बच गए। हादसा पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी गोलम्बर पर हुआ जहां गाड़ियों में हवा भरने वाली टंकी में अचानक धमाका हो गया और आग लग गई। हालांकि बाद में आग पर काबू पा लिया गया।


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MP News : नशे के खिलाफ श्योपुर में मशाल जुलूस, हजारों लोग हुए शामिल, किन्नरों ने भी दिया साथ


श्योपुर
मध्यप्रदेश के श्योपुर में तेजी से बढ़ते नशे के काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए स्थानीय लोग मुहिम चला रहे हैं। रविवार को एक विशाल मशाल जुलूस निकालकर किन्नरों ने भी इस मुहिम का समर्थन किया है। वहीं, स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। इस दौरान लोगों ने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी है।

कांग्रेस विधायक से मांगी 1 करोड़ की रंगदारी, नहीं देने पर बेटे को मारने की धमकी

दरअसल, जिले में स्मेक जैसे नशे की चपेट में आकर बर्बाद हो रहे युवाओं और भावी पीढ़ी को बचाने के लिए लोगों ने नशे के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। यही वजह है कि गत 9 जनवरी से तमाम समाजसेवी संगठनों ने चलाई जा रही मुहिम के तहत मशाल जुलूस निकाला है। इसमें करीब 1 हजार लोग शामिल हुए हैं।

‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते हुए हुक्का लाउंज में की तोड़फोड़, BJP के पूर्व MLA सहित 17 गिरफ्तार

मशाल जुलूस में समाजसेवियों ,किन्नरों और आमजन ने हिस्सा लेकर नशे की काली छाया से क्षेत्र को बचाने का संकल्प लिया है। गो स्मैक गो जैसे नारे के साथ ही पुलिस प्रशासन के विरोध में लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की है। मशाल जुलूस का समापन जय स्तंभ चौक पर हुआ, जहां पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई है। लोगों का कहना है कि जिले में स्मैक, गांजे का काला धंधा फल फूल रहा है लेकिन प्रशासन इस ओर मूकदर्शक बना है। इस काले कारोबार पर पाबंदी लगाई जाए नहीं तो चरणबद्ध आंदोलन को तेज किया जाएगा।


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PM-covid-update


Slideshows New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

No Corrections: Feb. 15, 2021


Corrections New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Rakesh Tikait at Karnal Mahapanchayat: गरजे टिकैत- ज्यादा दिमाग खराब ना करे सरकार, अभी गद्दी वापसी का नारा नहीं दिया


भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों पर केंद्र की मोदी सरकार को एक बार फिर बड़ी धमकी दी है। हरियाणा के करनाल में महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार ज्यादा दिमाग खराब ना करे। उन्होंने कहा कि अभी तो किसानों ने कानून वापसी का नारा लगाया है, गद्दी वापसी का नारा नहीं लगाया। टिकैत ने कहा, 'सरकार आप बनाते रहो, चलाते रहो, जो करना है करो लेकिन आप हमारे काम करते रहो। सरकार किसी की भी हो, हम सरकार से किसानों के लिए पॉलिसी पर बात करेंगे।'


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Purnia News : बिहार में होटल के कमरे में डॉक्टर ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, पारिवारिक विवाद बताई जा रही वजह


नमिता कुमारी, पूर्णिया: पूर्णिया में एक होटल के कमरे में एक डॉक्टर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना सहायक खजांची थाना के आरएन साव चौक के पास होटल होलीडे इंटरनेशनल के कमरा नंबर 203 की है। यहां डॉक्टर साकेत सा शव फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और सहायक खजांची पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ आनंद पाण्डेय और सहायक थाना प्रभारी अमित कुमार होटल पहुंचे। उन्होंने परिजनों के सामने होटल के कमरे का दरवाजा खुलवाया तो देखा कि डॉ साकेत राय का शव पंखे से लटका हुआ था। शव को उतारकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

झगड़े के बाद घर से निकले थे डॉक्टर
परिजनों ने बताया कि साकेत का अपने घर में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। पारिवारिक विवाद के कारण वह घर से भाग गए थे और होटल के कमरे में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली। होटल के मैनेजर विकास के मुताबिक कल शाम में डॉक्टर साकेत राय ने कमरा बुक किया था। सुबह जब देर तक उन्होंने कमरा नहीं खोला तो लोगों को शक हुआ। थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टि में खुदकुशी का मामला प्रतीत हो रहा है। परिजनों की तरफ से आवेदन मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।


via WORLD NEWS

What to Do With a Day Off


Smarter Living New York TimesBy BY TIM HERRERA Via NYT To WORLD NEWS

Quotation of the Day: Decade After Arab Spring, Autocrats Rule Tattered Mideast


Today’s Paper New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

फिर बढ़े LPG सिलिंडर के दाम, राहुल बोले- जनता से लूट, सिर्फ ‘दो’ का विकास

नई दिल्‍ली कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एलपीजी सिलिंडर की कीमत बढ़ाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने इसे 'जनता से लूट' करार देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केवल 'दो लोगों का विकास' कर रही है। रविवार को राजधानी दिल्‍ली में रसोई गैस सिलिंडर के दाम 50 रुपये बढ़ा दिए गए थे। बढ़ी हुई कीमत रविवार रात 12 बजे से लागू भी हो गई है। यह बढ़ोतरी घरेलू एलपीजी सिलिंडर (14.2 किलोग्राम) की कीमतों में हुई है। अब दिल्‍ली में गैस सिलिंडर 719 रुपये के बजाय 769 रुपये में मिलेगा। तीन महीने में तीन बार बढ़ चुके दामएलपीजी सिलिंडर के रेट में दिसंबर 2020 के बाद से तीसरी बार बढ़ोतरी की गई है। रविवार से पहले, 4 फरवरी को नॉन-सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर की कीमत में 25 रुपये का इजाफा किया गया था। जिसके बाद एक सिलिंडर की कीमत 694 रुपये से बढ़कर 719 रुपये हो गई थी। एक तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमत भी लगातार बढ़ रही है, दूसरी तरफ गैस सिलिंडर के दाम बढ़ने से जनता के लिए मुसीबत बढ़ गई है। क्रूड ऑयल और नैचनल गैस से कुकिंग गैस निकाली जाती है। एलपीजी गैस सिलिंडर्स के दाम सरकारी तेल कंपनियां हर महीने समीक्षा के बाद तय करती हैं। अंतराष्‍ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों और अमेरिकी डॉलर-रुपये के एक्‍सचेंज रेट के आधार पर कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं। केंद्र को 'हम दो, हमारे दो' की सरकार बता चुके हैं राहुलराहुल ने पिछले गुरुवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि यह यह सरकार 'हम दो, हमारे दो' की सरकार है। इशारा किन लोगों की तरफ है, यह देश के लोग अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ने आरोप लगाया था, ‘‘एक नारा था, हम दो हमारे दो। यह हम दो हमारे दो की सरकार है।’’ उन्होंने यह आरोप भी लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि उन्होंने विकल्प दिया है। इन्होंने भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या का विकल्प दिया है।’’

Your Monday Briefing


Briefing New York TimesBy BY NATASHA FROST Via NYT To WORLD NEWS

SOP: कंटेनमेंट जोन वालों को वर्क फ्रॉम होम, कोरोना मरीज मिला तो भी बंद नहीं होगा ऑफिस

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कार्यालयों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके मुताबिक, अगर संक्रमण के एक या दो मामले सामने आते हैं तो केवल उतने ही भाग को सैनिटाइज करने की आवश्यकता पड़ेगी, जहां पिछले 48 घंटे में मरीज की गतिविधियां रही हों। शनिवार को जारी एसओपी के मुताबिक, तय नियमों के तहत सैनिटाइज करने के बाद कार्य शुरू किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि अगर कार्यस्थल पर कई मामले सामने आते हैं तो पूरी इमारत अथवा ब्लॉक को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया करनी होगी और उसके बाद ही कार्य शुरू किया जा सकता है। कंटेनमेंट जोन वालों को 'वर्क फ्रॉम होम' नई एसओपी के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करना चाहिए और जब तक क्षेत्र कंटेनमेंट जोन की श्रेणी से बाहर नहीं हो, तब तक कार्यालय नहीं जाना चाहिए। साथ ही ऐसे कर्मचारियों को घर से ही कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बिना लक्षण वाले लोग ही आ सकेंगे ऑफिस इसके मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत आने वाले कार्यालय बंद ही रहेंगे। इसके अलावा, केवल बिना लक्षण वाले कर्मचारियों और आगंतुकों को ही कार्यालय में आने की अनुमति दी जानी चाहिए। एसओपी में कोविड-19 बचाव उपायों का सख्ती से पालन करने पर भी जोर दिया गया है।

बाबुओं की पैराशूट एंट्री क्या कोटा उड़ा ले जाएगी? सरकारी नौकरी के मौके घटेंगे?

नई दिल्ली प्रशासनिक सुधार की दिशा में उठाया गया महत्वाकांक्षी कदम 'लैटरल एंट्री' क्या आरक्षण पर खतरा है? क्या सीनियर अधिकारियों के पद पर सीधी नियुक्ति की इस प्रक्रिया से मौजूदा व्यवस्था प्रभावित होगी? क्या इस नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रहेगी? क्या लैटरल एंट्री ब्यूरोक्रेसी में 'निजीकरण' की एक कोशिश है? ये सवाल तब उठे हैं जब हाल में सरकार ने संयुक्त सचिव और डायरेक्टर के स्तर पर बहाली के लिए 30 पदों का विज्ञापन जारी किया जिसमें इन पर सीधी नियुक्ति होनी है। विपक्ष के निशाने पर आया कदम इस विज्ञापन के जारी होते ही इस पर सियासत तेज हो गई। एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा, 'बीजेपी खुलेआम अपनों को लाने के लिए पिछला दरवाजा खोल रही है और जो अभ्यर्थी सालों-साल मेहनत करते हैं उनका क्या? बीजेपी सरकार अब ख़ुद को भी ठेके पर देकर विश्व भ्रमण पर निकल जाए वैसे भी उनसे देश नहीं संभल रहा है।' उन्होंने कहा कि जो आईएएस बनने की तैयारी में हैं उनके अवसर छीन लिए गए। आरजेडी सुप्रीमो तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर सरकार के लिए ऐसे लोगों की प्रतिभागिता सचमुच अपरिहार्य है तो क्या सारी योग्यता निजी क्षेत्र के लोगों में ही है? अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लोगों को व्यवस्था से धीरे-धीरे बाहर करने और आरक्षण को घटाने का इसे केंद्र सरकार का घृणित प्रयास क्यों नहीं माना जाए। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि वह इस मामले में संसद का घेराव करेंगे। यह मसला राज्यसभा में भी उठा था और कई नेताओं ने इस पर सरकार से जवाब भी मांगा। खुद सरकार के अंदर से भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने एनबीटी से कहा कि वे भी चाहेंगे कि इन पदों के योग्य आरक्षित वर्ग के जो लोग हों, उनकी नियुक्ति हो। उनकी अनदेखी न होने पाए और जरूरत महसूस होने पर प्रधानमंत्री जी से भी बात करूंगा। अपनों को तरजीह देने का आरोप हालांकि अब तक लैटरल एंट्री पर आम राय पक्ष में आई लेकिन विपक्ष ने इसके बहाने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। इसे सीधा आरक्षण से जोड़ दिया तो कांग्रेस सहित कई दलों ने मोदी सरकार की इस कोशिश को अपने लोगों को ब्यूरोक्रेसी में जगह देने का आरोप लगाया। डीओपीटी सूत्रों के अनुसार सरकार की चिंता आरोपों से अधिक दूसरे दो मुद्दों पर अधिक है। पहला मुद्दा लैटरल एंट्री पर ब्यूरोक्रेसी की चिंता को लेकर है। सूत्रों के अनुसार डीओपीटी के प्रस्ताव पर शुरू में अधिकारियों ने चिंता जताई थी। लेकिन बाद में पीएम के निर्देश पर अधिकारियों की कमिटी बनाई तब इस पर सहमति बनी। दूसरी चिंता इसमें आरक्षण का प्रावधान का न होना है। सरकार पर विपक्ष आरक्षण विरोधी के नाम पर हमला करता रहा है। सरकार ने इसके लिए जो गाइडलाइंस बनाई है, उसके अनुसार केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी पदों पर लैटरल एंट्री की नियुक्ति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। राज्यसभा में कई सदस्यों के जवाब पर सरकार की ओर से कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह बात संसद के पिछले सत्र में कही थी। कहा गया था कि लैटरल एंट्री के तहत सिंगल पोस्ट काडर में नियुक्ति नहीं है जहां कभी आरक्षण का प्रावधान नहीं रहा है। ऐसे होती है बहाली और प्रावधान डीओपीटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालयों में जॉइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति होगी। इनका टर्म तीन साल का होगा और अगर अच्छा प्रदर्शन हुआ तो पांच साल तक के लिए इनकी नियुक्ति की जा सकती है। इन पदों पर आवेदन के लिए अधिकतम उम्र की सीमा 55 तो न्यूनतम उम्र 40 साल है। इनका वेतन केंद्र सरकार के अंतर्गत जॉइंट सेक्रेटरी वाला होगा। सारी सुविधा उसी अनुरूप ही मिलेगी। इन्हें सर्विस रूल की तरह काम करना होगा और दूसरी सुविधाएं भी इस अनुरूप मिलेंगी। मालूम हो कि किसी मंत्रालय या विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी का पद अहम होता है और तमाम बड़ी नीतियों को अंतिम रूप देने में या इसके अमल में इनका खास रोल होता है। इनके चयन के लिए केवल इंटरव्यू होगा और कैबिनेट सेक्रेटरी के नेतृत्व में बनने वाली कमिटी इनका इंटरव्यू लेगी। योग्यता के अनुसार सामान्य ग्रेजुएट और किसी सरकारी, पब्लिक सेक्टर यूनिट, यूनिवर्सिटी के अलावा प्राइवेट सेक्टर में 15 साल का अनुभव रखने वाले भी इन पदों के लिए आवेदन दे सकते हैं। आवेदन में योग्यता इस तरह तय की गई है कि कहीं भी 15 साल का अनुभव रखने वालों की सरकार की टॉप ब्यूरोक्रेसी में डायरेक्ट एंट्री का रास्ता खुल गया है। 2018 में हुई थी 10 पदों पर नियुक्ति इससे पहले 2018 में लैटरल एंट्री के जरिये 10 पदों पर नियुक्ति की गई थी। तब भी इसमें आरक्षण का विवाद उठा था। इसके बाद 2019 में आम चुनाव को देखते हुए इस नियुक्ति के बाद कोई पहल नहीं हुई। 2019 में आम चुनाव जीतने के तुरंत बाद इस दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दिया गया लेकिन पिछले साल कोविड संकट के कारण कुछ नहीं हुआ। अब जबकि हालात कुछ सामान्य हुए सरकार ने तुरंत इसे मजबूती से आगे बढ़ाने के संकेत दे दिए। सूत्रों के अनुसार इन 30 पदों पर नियुक्ति के तुरंत बाद फिर बहाली होगी। वहीं केंद्र सरकार लैटरल एंट्री पर उठे विवाद को बेवजह बता रही है। सरकार से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यूपीए सरकार के समय बनी नीतियों को ही आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया कि दूसरे प्रशासनिक सुधार के लिए पेश रिपोर्ट में आईएएस की संख्या में लगातार कमी को पूरा करने और एक्सपर्ट की मदद लेने की मंशा से लैटरल एंट्री का रास्ता तलाशने को कहा था। पीएम के बयान के बाद बहस तेज वहीं लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के ब्यूरोक्रेसी पर तीखे तंज के बाद भी यह बहस तेज हो गई कि सरकार लैटरल एंट्री पर तमाम विवादों के बीच आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा था कि सब कुछ बाबू ही करेंगे? आईएएस बन गए मतलब वो फर्टिलाइज़र का कारखाना भी चलाएगा, केमिकल का कारखाना भी चलाएगा, आईएएस हो गया तो वो हवाई जहाज़ भी चलाएगा, ये कौन सी बड़ी ताकत बनाकर रख दी है हमने? बाबुओं के हाथ में देश देकर हम क्या करने वाले हैं? हमारे बाबू भी तो देश के हैं, तो देश का नौजवान भी तो देश का है। बता दें कि दूसरे कार्यकाल में मोदी ब्यूराक्रेसी की सुस्ती पर कई बार चिंता व्यक्त कर चुके हैं।

BCCL ने BARC को भेजा 431 करोड़ का नोटिस, पूछा- 'न्यूज लीडर को क्यों बनाया नंबर-2'

नई दिल्ली बीसीसीएल यानी टाइम्स ग्रुप ने अपने चैनल टाइम्स नाउ की टीआरपी कम दिखाने को लेकर ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) को कानूनी नोटिस भेजा है। इसने कहा है कि बार्क ने उसके चैनल टाउम्स नाऊ की टीआरपी को गलत तरीके से हेरफेर कर कम करके दिखाया। बीसीसीएल ने बार्क से 431 करोड़ रुपये का हर्जाना भुगतान करने को कहा है। यह भी कहा है कि वह बयान जारी कर बताए कि बीसीसीएल का चैनल टाइम्स नाउ बिना किसी विवाद के लीडर था और 2017-2019 के बीच नंबर वन था। बार्क के ऑडिट में कई चैनलों की टीआरपी में हेरफेर बीसीसीएल (बेनेट कॉलमन ऐंड कंपनी लिमिटेड) की ओर से कहा गया है कि बार्क ने टीआरपी में अवैध और फ्रॉड तरीके से हेरफेर किया और कपट वाला काम किया है। बार्क, उसके अधिकारी और सदस्य सीधे और परोक्ष तौर पर कपटपूर्ण और अवैध गतिविधि में शामिल रहे हैं। इनकी मंशा थी कि बीसीसीएल को नुकसान पहुंचाया जा सके। 25 दिसंबर 2020 को मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बार्क के ऑडिट में पाया गया है कि कई चैनलों की टीआरपी में हेरफेर की गई है। 'अवैध तरीके से नंबर वन चैनल को नंबर-2 बनाया' बार्क को भेजे लीगल नोटिस में कहा गया है, 'हमारा चैनल टाइम्स नाउ अंग्रेजी में 2017 तक नंबर वन चैनल रहा और लीडर रहा है। उसे अवैध तरीके से दूसरे नंबर का बनाया गया। एक नए लॉन्च चैनल को नंबर वन बना दिया गया। मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा था कि व्यूअरशिप और टीआरपी में हेरफेर की गई। पुलिस के मुताबिक, बार्क ने गलत मंशा से जानबूझकर ये सब किया और इससे बीसीसीएल को नुकसान उठाना पड़ा है। बार्क ने इस मामले में 24 जुलाई 2020 को गलत रिपोर्टिंग की है। बार्क ने अपनी ओर से कोई कोशिश भी नहीं की कि इस हेराफेरी और कपटपूर्ण गतिविधि को पुलिस को रिपोर्ट की जाए।' 'बार्क के कपटपूर्ण काम से रेवेन्यू पर हुआ विपरीत असर' नोटिस में कहा गया है, 'फॉरेंसिक रिपोर्ट, चार्जशीट, पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस और छानबीन से पता चलता है कि बार्क ने कपटपूर्ण काम किया है। देखा जाए तो बार्क ने विश्वास के साथ छल किया है। उसने गाइडलाइंस, नीति, रेग्युलेशन और नियम का उल्लंघन किया है। टाइम्स नाउ चैनल के व्यूअरशिप और टीआरपी को जानबूझकर कम किया गया, ताकि नए चैनल को फायदा पहुंचाया जा सके। इससे बीसीसीएल के रेवेन्यू पर विपरीत असर हुआ है। उसके ग्रोथ, प्रतिष्ठा और गुडविल पर असर हुआ है। टाइम्स ग्रुप की छवि पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर हुआ है। बीसीसीएल (टाइम्स ग्रुप) सम्मानित मीडिया हाउस है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक सहित मीडिया के तमाम बिजनेस से जुड़ा है। इसका इंग्लिश न्यूज चैनल टाइम्स नाउ है।' '431 करोड़ हर्जाने के तौर पर बीसीसीएल को भुगतान किया जाए' इसके अलावा नोटिस में कहा गया है, 'बार्क टीआरपी घोटाले में सक्रिय तौर पर शामिल है। इस कारण उस पर सिविल के साथ-साथ क्रिमिनल केस भी बनता है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, अमानत में खयानत, आपराधिक साजिश, जानबूझकर अपराधी को छुपाने और सबूत नष्ट करने जैसे मामले बनते हैं।' बार्क को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि वह 431 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर बीसीसीएल को भुगतान करे। साथ ही, लाइसेंस फीस के तौर पर 21.83 करोड़ रुपये का भी बार्क भुगतान करे। इस रकम का 18 फीसदी सालाना ब्याज का भी भुगतान किया जाए। वह अपनी वेबसाइट पर बयान जारी करे कि उसके रेकॉर्ड के मुताबिक टाइम्स नाउ चैनल नंबर वन चैनल था और बिना किसी संदेह के वह 2017 से 2019 के बीच लीडर रहा। 'मीडिया में बयान जारी करे बार्क' बार्क को भेजे नोटिस में बीसीसीएल ने कहा है, 'बार्क इस संबंध में अपने बयान को पांच शीर्ष अंग्रेजी और हिंदी न्यूज चैनल में अपने खर्चे पर जारी करे। हिंदी और अंग्रेजी अखबार में भी उस बयान को जारी करे। इसके अलावा, फॉरेंसिक रिपोर्ट और चार्जशीट के आधार पर गलती करने वाले ब्रॉडकास्टर और चैनल्स के साथ-साथ बार्क के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। बीसीसीएल की लीगल टीम की ओर से कहा गया है कि सात दिनों के भीतर नोटिस की शर्तों का पालन किया जाए। ऐसा नहीं करने पर उनके मुवक्किल (बीसीसीएल) बार्क के खिलाफ क्रिमिनल और सिविल कार्रवाई शुरू करेगी।'

‘You feel trapped’: Living in a tiny home during a pandemic.


World New York TimesBy BY DANIELLE BRAFF Via NYT To WORLD NEWS

Japan’s Growth Rebounds, but Virus-Related Weakness Looms


Business New York TimesBy BY BEN DOOLEY AND MAKIKO INOUE Via NYT To WORLD NEWS

Biden Takes Center Stage With Ambitious Agenda as Trump’s Trial Ends


U.S. New York TimesBy BY MICHAEL D. SHEAR Via NYT To WORLD NEWS

Blue Lives Matter Is Over


Opinion New York TimesBy BY CHARLES M. BLOW Via NYT To WORLD NEWS

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Postcard From Peru: Why the Morality Plays Inside The Times Won’t Stop


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A W.H.O. researcher says his trip to China provided new clues on the origins of the virus.


World New York TimesBy BY JAMES GORMAN Via NYT To WORLD NEWS