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बंगाल पर अपनी संस्कृति थोपना चाहती है बीजेपी, पहचान के लिए हमारी जंग: जितिन
कोलकाता पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की लड़ाई तेज हो गई है। कांग्रेस के बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने आरोप लगाया है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी अहम की लड़ाई में बिजी हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन लोगों को विकल्प देने के लिए है, जो रोजी-रोटी के मुद्दे को लेकर प्रतिबद्ध है और बंगाल की पहचान के लिए लड़ रहा है। जितिन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस यथाशीघ्र वाम दलों के साथ सीटों का समझौता करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए गठित समिति चर्चा के दौरान सीटों की ‘विशेषता’ पर ध्यान केंद्रित करेगी जिन पर पार्टी लड़ेगी। जितिन प्रसाद ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मिलकर काम कर रही हैं और दिल्ली में कोई बैठ कर निर्देश नहीं दे रहा, पार्टी के हित में जो भी होगा उसे सभी हिताधारकों को भरोसे में लेकर किया जाएगा। जितिन ने कहा कि राज्य से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से बड़े पैमाने पर प्रचार कराने की मांग है और दावा किया कि सही समय आने पर शीर्ष नेतृत्व प्रचार करेगा। वाम दलों से सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा, ‘सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया और वार्ता जारी है और हम इसे यथा शीघ्र करना चाहते हैं, हमे समय से पहले अपने उम्मीदवारों को तय कर लेना चाहिए ताकि हम उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर सकें जहां पार्टी लड़ेगी।’ राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह चुनाव बीजेपी नीत केंद्र सरकार के प्रदर्शन और राज्य के लिए गए काम पर होना चाहिए, साथ ही यह तृणमूल कांग्रेस के रिपोर्ट कार्ड पर होना चाहिए लेकिन दुख की बात है कि यह उनके ‘अहम की लड़ाई’ को लेकर है। जितिन प्रसाद कहते हैं कि केंद्र और राज्य के बीच गतिरोध की वजह से कई योजनाओं का लाभ जनता को नहीं दिया गया। उन्होंने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। प्रसाद ने दावा किया कि रोजगार, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे अहम विषयों पर बात नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती हैं क्योंकि वे अपनी सरकारों की नाकामियों को छिपाना चाहते हैं। जितिन प्रसाद के अनुसार, ‘एक अन्य मुद्दा है, हमने देखा कि कैसे दोनों पार्टियों (टीएमसी और बीजेपी) मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कर रही हैं और पश्चिम बंगाल की पहचान और संस्कृति एवं सपंन्न सांस्कृतिक विरासत को धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है। कांग्रेस बंगाल की विरासत और संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ेगी।’ जितिन प्रसाद ने जोर देकर कहा कि खासतौर पर बीजेपी अपनी संस्कृति पश्चिम बंगाल के लोगों पर थोपना चाहती है जिसकी इजाजत कांग्रेस नहीं देगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ओछे मुद्दों के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं और तनाव व अहम का महौल पैदा कर कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि बंगाल के लोग पहले हों न कि व्यक्तिगत अहम।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या यह चुनाव पश्चिम बंगाल की पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए होगा तो प्रसाद ने कहा, ‘निश्चित तौर से यह अहम मुद्दा है, खासतौर पर जब बीजेपी अपनी संस्कृति थोपना चाहती है।’ कांग्रेस- लेफ्ट गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है लेकिन पहली प्राथमिकता सीटों का बंटवारा और संयुक्त प्रचार अभियान शुरू करने को लेकर है। उन्होंने रेखांकित किया कि कांग्रेस-वाम गठबंधन का पश्चिम बंगाल के लोगों से गहरा संबंध है। प्रसाद ने कहा कि रोजी-रोटी का मुद्दा पीछे चला गया है जिसे उनका गठबंधन सामने लाएगा। बता दें कि राज्य विधानसभा के 294 सीटों के लिए इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है। जब प्रसाद से पूछा गया कि क्या AIMIM के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस-वाम दल गठबंधन को नुकसान होगा तो उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे में पार्टियां कहीं भी चुनाव लड़ सकती हैं। प्रसाद ने कहा, ‘वह किसी एक पार्टी के बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं जिसे जनता ने देखा है कि वह खुद नहीं लड़ती बल्कि अन्य लोगों की मदद के लिए कठपुतली है।’
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अगले 3-4 दिनों तक सर्दी से कोई राहत नहीं, आज से उत्तर भारत में ठंड का एक नया दौर
नई दिल्ली उत्तर भारत के लोगों पर ठंड कहर बनकर बरस रही है। हिमाचल प्रदेश के कुफरी, भरमौर, केलोंग और कल्पा में रविवार को बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहा। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन में उत्तर और मध्य भारत में कड़ाके की ठंड का एक नया दौर शुरू होने का अनुमान जताया है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में अपने खेत में सिंचाई करते हुए 45 वर्षीय किसान की कथित रूप से ठंड लगने से मौत हो गई। दिल्ली में ठंड और कोहरे का डबल अटैक दिल्ली में भी धुंध की घनी चादर छाई रही, जिससे दृश्यता घटकर 100 मीटर रह गई और यातायात प्रभावित हुआ। घने कोहरे के चलते सफदरजंग वेधशाला में दृश्यता 200 मीटर जबकि पालम में 100 मीटर दर्ज की गई। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पूर्वी हवा चलने और बादल छाए रहने के चलते तापमान बढ़कर 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है। पूर्वी हवा बर्फ से ढंके पश्चिमी हिमालय से आ रहीं उत्तर-पश्चिमी पवनों की भांति ठंडी नहीं होतीं जबकि बादल छाए रहने की वजह से तापमान में वृद्धि होती है। अगले तीन-चार दिनों तक जारी रहेगी कड़ाके की ठंड मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार तक तापमान में 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू-कश्मीर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने से 25 जनवरी से शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं जोर पकड़ने लगेंगी। अगले तीन-चार दिन तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और इससे लगे मध्य तथा पश्चिमी भारत के हिस्सों में इनका प्रभाव बना रहेगा। मौसम विभाग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुफरी, भरमौर, केलोंग और कल्पा में बर्फबारी हुई जबकि राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में मध्यम स्तर की बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति का प्रशासनिक केन्द्र केलोंग राज्य का सबसे ठंडा इलाका बना हुआ है, जहां तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है। राजस्थान से कश्मीर तक कड़ाके की ठंड राजस्थान के हिस्सों में रात का तापमान सामान्य से अधिक रहा। भीलवाड़ा में सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में रविवार को बर्फबारी के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बादलों के बीच सुबह के समय धूप भी निकली। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में तापमान शून्य से नीचे 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो बीती रात के तापमान माइनस दो डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। इसके अलावा गुलमर्ग का तापमान शनिवार रात माइनस 11 डिग्री सेल्सियस रहा। पहलगाम का तापमान शून्य से 12 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यूपी में किसान की ठंड से मौत मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शीतलहर के बीच मौसम शुष्क रहा। राज्य के कुछ इलाकों में बीते 24 घंटे के दौरान घना कोहरा छाया रहा। राज्य में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'किशनपुर थाना इलाके के मेहरौली गांव में 45 वर्षीय किसान कामता निषाद की अपने खेत में सिंचाई करते वक्त कथित रूप से ठंड लगने से मौत हो गई।'
11 घंटे तक चली 9वें दौर की बातचीत, भारत ने फिर कहा- 'पीछे तो पूरी तरह ही हटना पड़ेगा'
नई दिल्ली भारत ने रविवार को चीन से दो टूक शब्दों में पूर्वी लद्दाख के सभी टकराव वाले जगहों से पूरी तरह पीछे हटने को कहा है। करीब ढाई महीने के के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बातचीत हुई। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना था। 11 घंटे तक चली बातचीत जानकारी के मुताबिक, कोर कमांडर स्तर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की ओर स्थित मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह 10 बजे शुरु हुई थी जो रात में 9 बजे के बाद तक चली। इस बातचीत के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि टकराव वाले क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चीन के ऊपर है। तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन की इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की बातचीत में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी। बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं। भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। टकराव वाले स्थानों पर एकसाथ हो डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की बातचीत 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था, लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी। भारत के 50 हजार जवानों की तैनाती पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। राजनयिक बातचीत में भी नहीं निकला था कोई ठोस समाधान पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक बातचीत की थी, लेकिन इसमें भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। छठें दौर की सैन्य बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी। (पीटीआई और भाषा से इनपुट्स के साथ)
The Chiefs are trying to make history. The Bills are trying to erase it.
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Son Tipped Off F.B.I. About His Father, Who Is Charged in Capitol Riot
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After trading field goals, the Bucs have a fourth-quarter drive with under two minutes remaining.
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Cause of a Sleepless Night
Crosswords & Games New York TimesBy BY DEB AMLEN Via NYT To WORLD NEWS
Tom Brady gets picked off on three straight possessions.
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Vaccinations are lagging in South Carolina, a hot spot for the virus.
U.S. New York TimesBy BY LUCY TOMPKINS Via NYT To WORLD NEWS
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