अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते एक साल में तेल की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। ब्रेंट क्रूड ऑयल इंडेक्स के अनुसार मार्च 2020 में यह 30 डॉलर प्रति बैरल थी जो फरवरी 2021 में तकरीबन 64 डॉलर प्रति बैरल हो गई। यह महंगाई स्पष्ट रूप से मांग-आपूर्ति के बुनियादी सिद्धांत पर आधारित है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आया यह बदलाव जब पेट्रोल पंप पर उतरता है तो भारत के मीडिया में इस पर तीखी प्रतिक्रिया होती है, लेकिन इसकी असली वजहों को समझने की कोशिश का हमेशा अभाव दिखता है।