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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, December 19, 2020

विपक्ष ने आंदोलन को हवा दी? किसानों ने PM मोदी और कृषि मंत्री को भेजा खत

नई दिल्ली ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम खत लिखकर दो टूक कहा है कि उनका आंदोलन अराजनीतिक है। खत में कमिटी ने जोर दिया है कि किसानों का आंदोलन किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। पीएम मोदी और तोमर को अलग-अलग हिंदी में लिखे खत में AIKSCC ने कहा है कि सरकार का यह मानना गलत है कि किसानों के आंदोलन के पीछ विपक्षी पार्टियों का हाथ है। यह पत्र ऐसे वक्त में लिखा गया है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को तीन कृषि कानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले करीब 40 किसान यूनियनों में से एक AIKSCC ने पीएम के नाम अपने खत में लिखा है, 'सच्चाई तो यह है कि किसान आंदोलन ने राजनीतिक दलों को अपने विचार बदलने पर मजबूर किया है और आपका (प्रधानमंत्री मोदी) यह दावा कि राजनीतिक दलों ने इसे हवा दी है, गलत है।' दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करते हुए नए कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने कहा कि ये कानून एक दिन में नहीं बने हैं बल्कि दशकों से इसकी तैयारी चल रही थी। पीएम ने कहा था कि अपनी राजनीतिक जमीन खिसकने की वजह से अभी इन कानूनों का विरोध करने वाले कभी इन्हीं सुधारों के पक्षधर थे। AIKSCC ने अपने खत में लिखा है, 'आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और समूहों में से किसी की भी कोई भी मांग किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ी हुई है।' वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे खुले खत में किसान संगठन ने आरोप लगाया है कि तीनों कृषि कानूनों में गड़बड़ियां हैं। AIKSCC ने आरोप लगाया है कि कृषि मंत्री बातचीत में मुख्य मुद्दे से ध्यान भटका रहे थे। इससे पहले गुरुवार को किसानों को लिखे एक खुले खत में कृषि मंत्री तोमर ने कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों पर नए कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने किसानों से इन झूठ के चक्कर में न आने की अपील की और कहा कि केंद्र उनकी हर चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है।

सोनिया की मीटिंग में राहुल के पक्ष में बना माहौल, पर असंतुष्टों ने रख दी अलग मांग

नई दिल्लीकांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के साथ शनिवार को हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान सौंपे जाने की इच्छा जताई। हालांकि, कुछ महीने पहले व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव और पार्टी के भीतर नेताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया। राहुल को अध्यक्ष बनाने की उठी मांग कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि वह पार्टी की ओर से दी जाने वाली किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं और अध्यक्ष को चुनने का फैसला चुनाव पर छोड़ना चाहिए। दूसरी तरफ, पत्र लिखने वाले नेताओं के धड़े ने राहुल गांधी की ओर से ऐसी कोई टिप्पणी किए जाने से इनकार किया है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने एकमत से राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की इच्छा जाहिर की। इन नेताओं में कई ऐसे वरिष्ठ नेता भी शामिल थे, जिन्होंने सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पहले पत्र लिखा था। इन नेताओं को G-23 नाम से चर्चा मिली थी क्योंकि अगस्त में सोनिया गांधी को खत लिखने वालों में 23 नेता शामिल थे। असंतुष्ट नेताओं ने अध्यक्ष के लिए चुनाव पर दिया जोर सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं वरिष्ठ नेताओं को महत्व देता हूं। इनमें से बहुत सारे लोगों ने मेरे पिता के साथ काम किया है।’ सूत्रों ने यह भी बताया कि पत्र लिखने वाले नेताओं के धड़े ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पर जोर दिया ताकि इसकी विश्वसनीयता बढ़ सके। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के भीतर नेताओं को जिम्मेदारी दिए जाने के बाद उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि सभी नेताओं को साथ मिलकर चलने और संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में संगठन, तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया जाएगा। पार्टी में कोई झगड़ा नहीं, सबको सोनिया, राहुल के नेतृत्व में भरोसा: गहलोत बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘राजनीति में जो होता है, वो दिखता नहीं और जो दिखता है वो होता नहीं। जब सभी नेताओं को राहुल गांधी और सोनिया जी के नेतृत्व में विश्वास है तो फिर झगड़ा कहां है।’ उन्होंने यह भी बताया, ‘बैठक में सभी की इच्छा थी कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें और सब मिलकर उन ताकतों के खिलाफ लड़ें, जो देश में लोकतंत्र को खत्म कर रही हैं।’ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया, ‘आज यह पहली बैठक थी। आगे ऐसी बैठकें और होंगी। शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर चिंतन शिविर भी होगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे वातावरण में चर्चा हुई। पार्टी को मजबूत करने के लिए जो भी मुद्दे उठाए गए थे, उनका संज्ञान लिया जाएगा। आगे कुछ लोग बैठेंगे और उनकी बात भी सुनी जाएगी।’ असंतुष्ट नेता भी बैठक में हुए शामिल राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ए के एंटनी, अंबिका सोनी, अशोक गहलोत, पी चिदंबरम, कमलनाथ और हरीश रावत की मौजूदगी में पत्र लिखने वाले नेताओं की सोनिया से मुलाकात हुई। सोनिया के आवास 10 जनपथ पर हुई इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हुए। ये नेता पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका थी। कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले भी सोनिया से मुलाकात की थी। अगस्त में 23 नेताओं ने सोनिया को लिखा था खत दरअसल इस साल अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया। कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी। इसके बाद वे फिर से कांग्रेस के कई नेताओं के निशाने पर आ गए।

Quotation of the Day: ‘Be Sleek and Silent’: How China Censored Bad News About Covid


Today’s Paper New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Celebrate Kwanzaa With a Craft Workshop and Take Some Time to Meditate


At Home New York TimesBy BY KATHERINE CUSUMANO AND EMMA GRILLO Via NYT To WORLD NEWS

Pick Up the Knitting Needles for a Mood Booster


At Home New York TimesBy BY KATE ATHERLEY Via NYT To WORLD NEWS

Lawmakers Resolve Fed Dispute as They Race to Close Stimulus Deal


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE AND JEANNA SMIALEK Via NYT To WORLD NEWS

गिरिराज सिंह ने किसान आंदोलन पर उठाए सवाल, कहा- कांग्रेस और कम्युनिस्ट के लोग हैं दोगले, फिर बोले दोगला शब्द है संवैधानिक


संदीप कुमार, बेगूसराय
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सवाल उठाए हैं। बिहार के बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस आंदोलन में किसान संघ के लोग कम हैं। इसमें थके-हारे लोग हैं जिनको जनता ने रिजेक्ट कर दिया है। चाहे कांग्रेस के लोग हों या कम्युनिस्ट के लोग यह लोग दोगले हैं। दोगला शब्द भारत का संवैधानिक शब्द है जिसकी दो जुबान चलती है।

'जो सीएए समर्थक थे वो कर रहे किसान आंदोलन का समर्थन'
गिरिराज सिंह ने कहा कि कृषि बिल के समर्थन में लोग प्रधानमंत्री को हस्ताक्षर कर भेज रहे हैं। जो सीएए के समर्थक थे वह आज किसान आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं। ये लोग प्रधानमंत्री का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। कृषि बिल किसानों के हित में है और प्रधानमंत्री ने कहा है 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी जो होकर रहेगा। किसान आंदोलन में विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है। किसानों के सुझाव के लिए केंद्र सरकार का दरवाजा हमेशा खुला है।

'ममता बन गई हैं तुष्टिकरण का प्रतीक'
पश्चिम बंगाल को लेकर गिरिराज सिंह ने कहा कि आज टीएमसी में भगदड़ मच रही है। ममता तुष्टिकरण की प्रतीक बन गई हैं और वहां गैर मुस्लिमों का रहना दुभर हो गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं। उनके चेहरे में सरदार पटेल का चेहरा देखता हूं।


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Grace Knowlton, Sculptor Who Worked ‘in the Round,’ Dies at 88


Arts New York TimesBy BY KATHARINE Q. SEELYE Via NYT To WORLD NEWS

You Don’t Have to Spend a Lot to Get Your Kids Outside


At Home New York TimesBy BY A.C. SHILTON Via NYT To WORLD NEWS

Don’t Just Read the News, Build With It


At Home New York TimesBy BY CHRISTY HARMON Via NYT To WORLD NEWS

Netanyahu becomes the first Israeli to be inoculated against Covid-19.


World New York TimesBy BY ISABEL KERSHNER Via NYT To WORLD NEWS

मोबाइल से बात करते जा रही थी लड़की, पीछे से युवक आया और छीन कर भाग गया, देखें CCTV वीडियो


भिंड
शहर में एक राह चलती लड़की से बाइक सवार युवक ने मोबाइल लूट लिया और बड़े आराम से मौके से फरार हो गया है। लूट की यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जानकारी के अनुसार भिंड के महावीरगंज इलाके में एक युवती अपने मोबाइल फोन पर बात करती जा रही थी। युवती ने अपने दाएं हाथ में मोबाइल पकड़ रखा था और कान से मोबाइल लगाकर बातों में मशगूल थी।

Ujjain: महाकाल मंदिर परिसर में मिले प्राचीन अवशेष, अब पुरातत्वविदों की निगरानी में होगी खुदाई

तभी युवती को मोबाइल फोन पर बात करते हुए एक बाइक सवार युवक ने देख लिया। बाइक सवार युवक ने पहले युवती के पीछे बाइक रोककर कुछ सेकंड के लिए उसे देखा। फिर इसके बाद बाइक सवार युवक ने बाइक स्टार्ट करते हुए युवती के बगल से बाइक निकाली और युवती के मोबाइल पर झपट्टा मारकर बाइक सवार युवक मोबाइल लूट ले गया।

उज्जैन में लव जिहाद का मामला- पति से अलग रह रही महिला को हिंदू बन फंसाया, 2 साल बाद ड्राइविंग लाइसेंस से खुली पोल

मोबाइल लूटते ही युवती ने शोर मचाकर बाइक सवार युवक का पीछा भी किया लेकिन बाइक सवार युवक मौके से फरार हो गया। यह वारदात मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अज्ञात बाइक सवार युवक की तलाश शुरू कर दी है।


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Saturday pm


Briefing New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Fight for Washington N.F.L. Team May Tighten Owner’s Grip on It


Sports New York TimesBy BY KEN BELSON AND KATHERINE ROSMAN Via NYT To WORLD NEWS

Congress Grasps for Stimulus Deal as Fed Dispute Poses Final Hurdle


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE AND JEANNA SMIALEK Via NYT To WORLD NEWS

As vaccines arrive, the virus continues to ravage the U.S. and Europe.


World New York TimesBy BY BRYAN PIETSCH Via NYT To WORLD NEWS

Minnesota state senator who tested positive for coronavirus has died.


World New York TimesBy BY GIULIA MCDONNELL NIETO DEL RIO Via NYT To WORLD NEWS

Apple closes all California stores as virus cases spike.


Business New York TimesBy BY KELLEN BROWNING Via NYT To WORLD NEWS

West Bengal Election: 1998 के बाद अब 2020 में पहली बार इतनी तेजी से बिखरी TMC, कहीं ये मोह ले न डूबे ममता दीदी को !

नई दिल्ली भारत में हर साल देश के किसी न किसी हिस्से में लोकतंत्र का त्योहार मनाया जाता है। 2020 में बिहार चुनाव हुए। जहां पर एनडीए ने बाजी मार ली। हालांकि बिहार के ये चुनाव हर बार की तरह नहीं थे इस बार एनडीए को सत्ता हासिल करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। अब 2021 में सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल (West Bengal Poll 2021) में टिकी हुई हैं। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा ने दशकों तक राज किया। उसके बाद ममता बनर्जी ने आकर सियासत में बड़ा फेरबदल किया और तब से वो सत्ता पर काबिज हैं। मगर अब ममता दीदी भी परेशान होंगी क्योंकि अब उनके अपने भी साथ छोड़ते जा रहे हैं। ममता बनर्जी का अंदाजसफेद साड़ी और चेहरे में तेज और तेज चाल। ममता बनर्जी की यही पहचान रही है। ममता बनर्जी बेहद जिद्दी और जुझारू हैं। खास बात ये है कि उनका ये अंदाज उनके खून में रहा है। यह जुझारूपन उनको अपने शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी पिता प्रमिलेश्वर बनर्जी से विरासत में मिला है। अपने इन्हीं गुणों की बदौलत वर्ष 1998 में कांग्रेस से नाता तोड़ कर तृणमूल कांग्रेस की स्थापना कर महज 13 वर्षों के भीतर राज्य में दशकों से जमी वाममोर्चा सरकार को उखाड़ कर उन्होंने अपनी पार्टी को सत्ता में पहुंचाया था। साल 2011 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने अकेले अपने बूते ही तृणमूल कांग्रेस को सत्ता के शिखर तक पहुंचा दिया। पार्टी का एक धड़ा क्यों है नाराजममता बनर्जी भले ही ये कह रही हों कि उनको इन नेताओं के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता मगर असल दर्द तो उनके दिल में होगा ही। जिनसे बैठकर वो कभी राज्य की सियासती चर्चे किया करती थी वो अब उनपर ही आरोप लगा रहे हैं। मगर ये सब एक दिन में नहीं हुआ। इसके लिए कहीं न कहीं ममता बनर्जी भी जिम्मेदार हैं। स्थानीय सूत्रों और टीएमसी के बागी नेताओं की मानें तो तृणमूल के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और जमीनी कार्यकर्ताओं के एक धड़े में उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर नाराजगी है। इन नेताओं का आरोप है कि ये दोनों पार्टी को मनमाने तरीके से चला रहे हैं। आज शाह के दौरे का आखिरी दिनभाजपा के रणनीतिकार और देश के गृहमंत्री अमित शाह बंगाल के चुनावी दौरे पर हैं। वो 18 तारीख की देर रात कोलकाता पहुंच गए थे और आज उनका बंगाल में दौरे का आखिरी दिन है। लेकिन उन्होंने पहले ही दिन अपनी ताकत का एहसास करा दिया। जिस तरह से बीजेपी का ग्राफ बंगाल में बढ़ता दिख रहा है उसको देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजे कुछ अलग होंगे। पहली बार एक दिन में इतना टूटी टीएमसीतृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने भी आशंका जताई कि आने वाले समय में और पार्टी नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं। 1998 में कांग्रेस से अलग होकर बनाई थी टीएमसीतृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार 1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस नयी पार्टी बनाई थी। तब से लेकर अब तक एक दिन में यह सर्वाधिक तृणमूल नेताओं का पलायन है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के बाद से तृणमूल कांग्रेस के 10 विधायक तथा कांग्रेस और माकपा के एक-एक विधायक भाजपा के खेमे में जा चुके हैं। हालांकि इनमें से किसी ने विधानसभा की सदस्यता नहीं छोड़ी। 20 विधायक बीजेपी के साथशनिवार के बाद तृणमूल कांग्रेस के 15 विधायक, माकपा के तीन विधायक और कांग्रेस के दो विधायक भाजपा के साथ आ गये हैं। 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के छह विधायक हैं। अधिकारी ने इस सप्ताह की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पद भी छोड़ दिया था। वह विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन अभी इसे स्वीकार नहीं किया गया है। वाम पार्टी भी टूट रहीबर्द्धमान पूर्व लोकसभा सीट से दो बार के तृणमूल कांग्रेस सांसद सुनील मंडल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। वह पिछले कुछ दिनों से मुखर तरीके से तृणमूल नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों पर बोल रहे थे। मंडल पहले वाम मोर्चा के घटक ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के विधायक थे और 2014 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे। मेदिनीपुर के कॉलेज ग्राउंड में आयोजित विशाल रैली में तृणमूल कांग्रेस विधायक बनश्री मैती, शीलभद्र दत्ता, बिस्वजीत कुंडू, शुक्र मुंडा और सैकत पांजा ने भाजपा का झंडा थामा। नेताओं से गुलजार हुआ भाजपा खेमागाजोले सीट पर 2016 में माकपा के टिकट पर जीतने वाली विधायक दीपाली बिस्वास को भी भाजपा में शामिल कराया गया। वह 2018 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गयी थीं। हल्दिया से माकपा विधायक तापस मंडल, तामलुक से भाकपा विधायक अशोक दिंडा और पुरुलिया से कांग्रेस विधायक सुदीप मुखर्जी भी भाजपा में शामिल हो गये। पूर्व तृणमूल सांसद दशरथ तिर्की ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली। पूर्व मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस, वाम और कांग्रेस के कई जिला स्तर के नेता भी भाजपा के खेमे में आ गये। कांग्रेस ने भी टीएमसी पर मढ़ा दोषशाह ने कहा, ‘जिस तरह की सुनामी आज मैं देख रहा हूं, उसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। ' माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि मेदिनीपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ चुके लोगों के खिलाफ आरोप थे और उन्हें अंतत: पार्टी छोड़नी पड़ी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने तापस मंडल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निकालने की योजना बनाई थी और उनके खिलाफ आंतरिक जांच लंबित है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस में बढ़ते असंतोष पर कहा कि पार्टी अपनी करनी का फल पा रही है।

Americans Scraping By Say They Fear a Second Stimulus Won’t Be Enough


U.S. New York TimesBy BY CARLY STERN AND NICHOLAS BOGEL-BURROUGHS Via NYT To WORLD NEWS

College Football Has Been Messy, So Why Not End That Way, Too?


Sports New York TimesBy BY BILLY WITZ Via NYT To WORLD NEWS

Trump Appointee Seeks to Cut Off Funding for Global Internet Access Group


U.S. New York TimesBy BY PRANSHU VERMA Via NYT To WORLD NEWS

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Crosswords & Games New York TimesBy BY CAITLIN LOVINGER Via NYT To WORLD NEWS