एक दिन पहले ही केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका को उसके लक्ष्मण रेखा की याद दिलाई थी। अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि संविधान का विकास सिर्फ और सिर्फ संसद के जरिए होगा, न्यायपालिका या किसी भी अन्य संस्था का इसमें कोई रोल नहीं है।