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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, January 5, 2022

देश में ओमीक्रोन से पहली मौत; कोरोना के केस पिछले 24 घंटे में 70 हजार के पार पहुंचे

नई दिल्ली भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मौत का पहला मामला बुधवार को राजस्थान में सामने आया जबकि कोविड-19 के नये मामले 70,000 के पार चले गए। केंद्र ने इसे “बेतहाशा वृद्धि” बताया है जिसका प्रसार वायरस की दूसरी क्रूर लहर के दौरान दर्ज प्रसार से “कहीं ज्यादा” है। संक्रमण के प्रसार की गति को दर्शाने वाला पैमाना ‘आर नॉट वैल्यू’ अभी के मामलों में अधिक स्तर पर है। तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के बढ़ती महामारी से निपटने के लिए रात के कर्फ्यू को नए सिरे से लागू करने वाले राज्यों की बढ़ती सूची में शामिल होने के साथ ही केंद्र ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि (पिछले आठ दिनों में 6.3 गुना वृद्धि) शहरों में हो रही है और ओमीक्रोन स्वरूप इसका प्रमुख कारण है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आर नॉट वैल्यू’ 2.69 है। यह 1.69 के उस आंकड़े से अधिक है जो हमने महामारी की दूसरी लहर के चरम पर देखी थी। मामलों का प्रसार पहले से कहीं अधिक तेज है।" केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक के अपडेट आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना वायरस के नये स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के 2,135 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 828 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। ये मामले 24 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 653 मामले सामने आए, इसके बाद दिल्ली में 464, केरल में 185, राजस्थान में 174, गुजरात में 154 और तमिलनाडु में 121 मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में 73 वर्षीय व्यक्ति जिसकी पिछले सप्ताह मृत्यु हो गई, उसके नमूने में ओमीक्रोन स्वरूप की उपस्थिति दिखी। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राजस्थान में मौत का मामला "तकनीकी रूप से" ओमीक्रोन से संबंधित है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओमीक्रोन से संक्रमित होने की रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी। मरीज बुजुर्ग व्यक्ति थे और उन्हें मधुमेह के साथ अन्य बीमारियां भी थीं एवं प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज अन्य रोगों के साथ-साथ संक्रमण के लिए किया जा रहा था।’’ अग्रवाल ने कहा,‘‘हमारे दिशानिर्देश कहते हैं कि अगर कोरोना वायरस संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाता है। इसी प्रकार अगर व्यक्ति ओमीक्रोन से ग्रस्त पाया जाता है और भले ही इसका देर से पता चले, हम उसे ओमीक्रोन संक्रमण का मामला मानते हैं।’’ राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बताया कि व्यक्ति (73) के नमूने के जीनोम अनुक्रमण में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है उसकी दो बार कोविड जांच की गई थी जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और 31 दिसंबर को उदयपुर के अस्पताल में मरीज की मौत हो गई थी। कई राज्यों ने कई चिकित्सकों के संक्रमित होने की जानकारी दी है जिससे किसी संकट से निपटने के लिए चिकित्सा कर्मियों की कमी की आशंका पैदा हो गई है। मुंबई में महाराष्ट्र सरकार और नगर निकाय द्वारा संचालित अस्पतालों के 159 रेजिडेंट डॉक्टर तीन दिन में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में एक दिन में कोविड-19 के 58,097 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,50,18,358 हो गई है। करीब 199 दिन बाद इतने अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं। इससे पहले 20 जून 2021 को 58,419 नए मामले सामने आए थे। देश में 534 और संक्रमितों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,82,551 हो गई है। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या करीब 81 दिन बाद दो लाख के पार चली गई। अगर शाम को कुछ राज्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को भी ध्यान में रखा जाए तो देशव्यापी कोविड मामले 70,000 के आंकड़े को पार कर गए। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और दिल्ली उन राज्यों में शामिल थे, जिन्होंने मामलों में एक दिन में भारी उछाल दर्ज किया। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शहरों में कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है और "ओमीक्रोन का प्रसार प्रमुख है।" उन्होंने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में कहा कि संक्रमण फैलने की गति को कम करने के लिए सामूहिक समारोहों से बचने की जरूरत है। पॉल ने कहा, "अब हम कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना कर रहे हैं और हम मानते हैं कि बड़े पैमाने पर, यह ओमीक्रोन की वजह से है, विशेष रूप से हमारे देश के पश्चिमी हिस्सों में और यहां तक कि विशेष रूप से बड़े शहरों में जहां से हमारे पास अधिक डेटा है।" उन्होंने कहा कि गत 30 दिसंबर को संक्रमण दर 1.1 प्रतिशत थी और अगले दिन, यह 1.3 प्रतिशत हो गई तथा अब देश में पांच प्रतिशत की संक्रमण दर है। पॉल ने कहा कि इसी तरह, 30 दिसंबर को कोविड के 13,000 मामले थे और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 58,000 हो गई। हालांकि, उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर अपेक्षाकृत कम है। यह दिल्ली में 3.7 फीसदी और मुंबई में पांच फीसदी के करीब है। पॉल ने कहा, "यह हमारे पास शुरुआती इनपुट है। इसकी तुलना में पिछले साल और यहां तक कि 2020 में भी अस्पताल में भर्ती होने की दर 20 फीसदी के करीब थी।" हालांकि,उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को सतर्क, अनुशासित तथा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश महामारी के इस चरण का भी सामना करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है, पॉल ने कहा कि अन्य देशों में, यह देखा गया है कि तेजी से वृद्धि की तरह, मामलों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा, "डेनमार्क, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में, एक या डेढ़ महीने के भीतर मामलों में गिरावट शुरू हो गई। हम अपनी आबादी के लिए यह स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते। यह कैसे व्यवहार करता है, यह पिछले संक्रमणों, टीकाकरण की स्थिति और हमारी अपनी विशेषताओं और जनसंख्या घनत्व पर निर्भर करेगा। यह नहीं कहा जा सकता है कि जिस तरह एक महीने के भीतर मामलों की स्थिति वहां हुई, वह यहां भी होगी।’’ नीति आयोग के सदस्य ने कहा, "इस स्तर पर यह कहना कि यह किस बिंदु तक चलेगा और कितने समय तक, यह जल्दबाजी होगा। यदि कोई वैज्ञानिक डेटा आता है, तो हम साझा करेंगे। लव अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि चार जनवरी को वैश्विक स्तर पर 25.2 लाख मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में पिछले आठ दिनों में कोविड के मामलों में 6.3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। संक्रमण दर में तीव्र वृद्धि हुई है और यह 29 दिसंबर के 0.79 प्रतिशत के आंकड़े से बढ़कर पांच जनवरी को 5.03 प्रतिशत तक हो गई है।’’ अग्रवाल ने कहा कि छह राज्यों - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु में प्रत्येक में 10,000 से अधिक उपचाराधीन मामले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात में कोविड-19 मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। अग्रवाल ने कहा कि 28 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक संक्रमण दर है, जबकि 43 जिलों में 5-10 प्रतिशत के बीच साप्ताहिक संक्रमण दर है।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में 534 मरीजों की मौत के साथ मृतक संख्या बढ़कर 4,82,551 पहुंच गई। देश में अभी 2,14,004 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.61 प्रतिशत है जबकि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.01 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 42,174 की वृद्धि दर्ज की गई है।

दूसरी लहर में भी इतनी नहीं थी आर नॉट वैल्यू जितनी अब, भारत में ऐसे ही नहीं तेज हुई कोरोना की रफ्तार

नई दिल्ली केंद्र ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह नए ओमीक्रोन की वजह से है। संक्रमण के फैलने की गति को दर्शाने वाला पैमाना आर नॉट वैल्यू 2.69 है, जो महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान दर्ज की गई आर नॉट वैल्यू 1.69 से अधिक है। कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने बुधवार संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शहरों में कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है और ओमीक्रोन का प्रसार प्रमुख है।उन्होंने जोर देकर कहा कि संक्रमण फैलने की गति को कम करने के लिए सामूहिक समारोहों से बचने की जरूरत है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा, अब हम कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि का सामना कर रहे हैं और हम मानते हैं कि बड़े पैमाने पर, यह ओमीक्रोन की वजह से है, विशेष रूप से हमारे देश के पश्चिमी हिस्सों में और यहां तक कि विशेष रूप से बड़े शहरों में जहां से हमारे पास अधिक डेटा है। उन्होंने कहा कि गत 30 दिसंबर को संक्रमण दर 1.1 प्रतिशत थी और अगले दिन, यह 1.3 प्रतिशत हो गई और अब देश में पांच प्रतिशत की संक्रमण दर है। पॉल ने कहा कि इसी तरह, 30 दिसंबर को कोविड के 13,000 मामले थे और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 58,000 हो गई। दूसरी लहर से भी अधिक इस बार आर नॉट वैल्यू पॉल ने कहा, स्पष्ट रूप से, यह एक फैलती हुई महामारी है। आर नॉट वैल्यू 2.69 है। यह 1.69 के उस आंकड़े से अधिक है जो हमने महामारी की दूसरी लहर के चरम पर देखी थी। मामलों का प्रसार पहले से कहीं अधिक तेज है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर अपेक्षाकृत कम है। यह दिल्ली में 3.7 फीसदी और मुंबई में पांच फीसदी के करीब है। पॉल ने कहा, यह हमारे पास शुरुआती इनपुट है। इसकी तुलना में पिछले साल और यहां तक कि 2020 में भी अस्पताल में भर्ती होने की दर 20 फीसदी के करीब थी। उन्होंने कहा कि हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है और लोगों को सतर्क, अनुशासित और तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश महामारी के इस चरण का भी सामना करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर देखी जा रही है, पॉल ने कहा कि अन्य देशों में, यह देखा गया है कि तेजी से वृद्धि की तरह, मामलों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा डेनमार्क, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में, एक या डेढ़ महीने के भीतर मामलों में गिरावट शुरू हो गई। हम अपनी आबादी के लिए यह स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते। यह कैसे व्यवहार करता है, यह पिछले संक्रमणों, टीकाकरण की स्थिति और हमारी अपनी विशेषताओं और जनसंख्या घनत्व पर निर्भर करेगा। यह नहीं कहा जा सकता है कि जिस तरह एक महीने के भीतर मामलों की स्थिति वहां हुई, वह यहां भी होगी। कितने समय तक रहेगी तेजी नीति आयोग के सदस्य ने कहा,इस स्तर पर यह कहना कि यह किस बिंदु तक चलेगा और कितने समय तक, यह जल्दबाजी होगा। यदि कोई वैज्ञानिक डेटा आता है, तो हम साझा करेंगे।ओमीक्रोन के संबंध में, अधिकारियों ने कहा कि जहां देश भर में मामलों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है, वहीं महामारी की पिछली लहरों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की दर अपेक्षाकृत कम रही है। भार्गव ने बताया कि टाटा एमडी और आईसीएमआर ने ओमीक्रोन का पता लगाने वाली आरटी-पीसीआर किट विकसित की है, और इसे भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की ओर से अनुमोदित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह चार घंटे में परिणाम देगी और देश के जीनोम-अनुक्रमण प्रयासों को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और त्वरित घरेलू परीक्षण तथा रैपिड-एंटीजन परीक्षण प्रमुख भूमिका निभाएंगे। आठ दिनों में कई गुना बढ़े कोरोना के मामले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्तर पर कोविड के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि चार जनवरी को वैश्विक स्तर पर 25.2 लाख मामले दर्ज किए गए, जो महामारी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा भारत में पिछले आठ दिनों में कोविड के मामलों में 6.3 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। संक्रमण दर में तीव्र वृद्धि हुई है और यह 29 दिसंबर के 0.79 प्रतिशत के आंकड़े से बढ़कर पांच जनवरी को 5.03 प्रतिशत तक हो गई है। अग्रवाल ने कहा कि छह राज्यों – महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु में प्रत्येक में 10,000 से अधिक उपचाराधीन मामले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, झारखंड और गुजरात में कोविड-19 मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है। अग्रवाल ने कहा कि 28 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक साप्ताहिक संक्रमण दर है, जबकि 43 जिलों में 5-10 प्रतिशत के बीच साप्ताहिक संक्रमण दर है। केंद्र ने कहा कि भारत में 15-18 वर्ष की आयु के 1.06 करोड़ या 14.3 प्रतिशत किशोरों को कोविड रोधी की पहली खुराक दी गई है। इसने कहा कि देश में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के अनुमानित तौर पर 7,40,57,000 किशोर हैं और वे टीकाकरण के लिए पात्र हैं। इसके अलावा, 90.8 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि 65.9 प्रतिशत का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट में बोली केंद्र सरकार- होने दी जाए नीट पीजी की काउंसिलिंग

राजेश चौधरी, नई दिल्ली नीट पीजी काउंसलिंग मामले की सुनवाई के दौरान में केंद्र सरकार ने कहा कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू होने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस दलील पर याचिकाकर्ताओं से जवाब दाखिल करने को कहा। याचिकाकर्ताओं ने नीट पीजी के ऑल इंडिया कोटा में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी रिजर्वेशन को चुनौती दे रखी है। साथ ही ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये सालाना आय के क्राइटेरिया पर भी सवाल उठाया गया है। 'नीट पीजी काउंसलिंग की इजाजत दी जाए' नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के कारण रेजिडेंट्स डॉक्टरों के प्रोटेस्ट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 31 दिसंबर को उनकी ओर से हलफनामा दायर किया गया है। केंद्र ने कहा 25 नवंबर को जो बयान दिया था उस वक्त मौजूदा हालात के बारे में पता नहीं था। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया पर दोबारा विचार कर फैसला लेंगे और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। अब एक्सपर्ट कमिटी की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है जिसके तत ईडब्ल्यूएस के लिए तय मौजूदा क्राइटेरिया जारी रहेगा। रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनकी चिंता भी जायज है हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दें। हम मानते हैं कि 25 नवंबर को हमने कहा था कि काउंसिंल तब तक नहीं होगी जब तक दोबारा विचार कर फैसला नहीं लिया जाता है लेकिन जब बयान दिया था तब मौजूदा स्थिति के बारे में पता नहीं था। केंद्र सरकार की अर्जी का हो रहा है विरोध जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि आप दोबारा ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया को देखेंगे अब आपने हलफनामा दिया। सॉलिसिटर जरनल ने कहा एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश स्वीकार कर ली गई है। हम इस मामले में याचिकर्ताओं को सुनेंगे। इस दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता वकील श्याम दीवान और अरविंद दत्तार से पक्ष रखने को कहा। तब दत्तार ने कहा कि दो परेशानी है अगर काउंसलिंग होने दिया जाएगा। अगर रिपोर्ट के आधार पर काउंसिंग होने दिया गया तो फिर मतलब यह होगा कि आठ लाख के क्राइटेरिया के आधार पर एडमिशन भी होगा? फिर हमारी अर्जी का क्या होगा? सुनवाई के दौरान श्याम दीवान ने दलील दी कि हम ईडब्ल्यूएस और ओबीसी रिजर्वेशन दोनों को ही नीट पीजी में ऑल इंडिया कोटा के लिए विरोध करते हैं। केंद्र सरकार ने गेम के बीच में नियम बदले हैं और वह नहीं हो सकता। श्याम दीवान ने कहा कि नीट पीजी एग्जाम के लिए 15 मार्च 2021 को नोटिफिकेशन जारी हुआ। पेपर अप्रैल में होना था लेकिन कोविड के कारण सितंबर में हुआ। इसी दौरान 29 जुलाई 2021 को केंद्र ने नोटिफिकेशन जारी कर ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए ऑल इंडिया कोटा में रिजर्वेशन देने का फैसला किया गया। और इस तरह से जनरल कैटगरी की 2500 सीटें ले ली गई। गेम के बीच में नियम बदल दिया गया। एग्जाम के नोटिस जारी होने के बाद रिजर्वेशन का फैसला लिया गया और ऐसे में इस एडमिशन में इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में रिजर्वेशन नहीं होना चाहिए और पीजी कोर्स कई कोर्स के लिए आखिरी कोर्स है ऐसे में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स का सिद्धांत यहां भी लागू होता है। अरविंद दत्तार ने दूसरे याची की ओर से दलील दी कि ओबीसी कमिशन की तरह ही ईब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख का क्राइटेरिया तय करने के लिए कोई स्टडी नहीं की गई और मनमाने तरीके से इसे लागू किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि किस कोर्स में ईडब्ल्यूएस क्राइेटरिया लागू है तब अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार के संस्थान में काफी समय से लागू है। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अगली सुनवाई के लिेए तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा था जब तक क्राइटेरिया पर विचार नहीं होगा तब तक काउंसलिंग नहीं होगी सुप्रीम कोर्ट में 25 नवंबर को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि नीट पीजी का काउंसलिंग प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी जब तक केंद्र सरकार ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये की लिमिट पर दोबारा फैसला नहीं ले लेती है। सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने कहा था कि वह ईडब्यूएस के लिए आठ लाख रुपये की जो लिमिट तय कर रखी है उस बारे में दोबारा विचार करेगा और चार हफ्ते में दोबारा विचार कर फैसला लिया जाएगा और तब तक नीट की काउंसलिंग रुकी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि था आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) घोषित करने के लिए आठ लाख रुपये सलाना आमदनी से कम आमदनी का जो क्राइटेरिया तय किया गया है उसके लिए उसने क्या एक्सरसाइज किया है। केंद्र से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि वह बताए कि जो मानदंड तय किया गया है उसके पीछे क्या आधार है। क्या है केंद्र सरकार का फैसला गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी रिजर्वेश देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।

अटारी में इस बार आम लोग नहीं देख पाएंगे 'रिट्रीट समारोह', जान लें वजह

नई दिल्ली कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी में दैनिक 'रिट्रीट समारोह' में जनता के प्रवेश को तत्काल प्रभाव से रोका दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को यह जानकारी दी। अटारी में शाम को आयोजित होने वाले इस समारोह के लिए महामारी के प्रसार के कारण जनता का प्रवेश सात मार्च, 2020 से निलंबित रहने के बाद पिछले साल 15 सितंबर को बहाल किया गया था। यह आयोजन पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर के सामने अटारी संयुक्त जांच चौकी पर आयोजित किया जाता है जोकि अमृतसर शहर से लगभग 26 किमी दूर है। इस दौरान बीएसएफ के जवान पाक रेंजर्स के साथ परेड करने के बाद राष्ट्रीय ध्वज सम्मान सहित उतारने की रस्म अदा करते हैं। बीएसएफ ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति और अमृतसर के जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी नवीनतम दिशा-निर्देशों के मद्देनजर अटारी में संयुक्त जांच चौकी पर रिट्रीट समारोह को देखने आने वाले आम लोगों के प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। भारत और पाकिस्तान पारंपरिक रूप से कई वर्षों से अटारी-वाघा सीमा पर रिट्रीट समारोह आयोजित करते रहे हैं और इस कार्यक्रम में दोनों देशों के लोगों के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

देश में अगले पांच साल में लाए जाएंगे 50 चीता, पर्यावरण मंत्री ने बताया पूरा प्लान

नई दिल्ली 1952 में विलुप्त हो जाने के बाद चीता एक बार फिर भारत में नजर आने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक कार्य योजना की घोषणा की जिसके तहत अगले पांच वर्ष में 50 चीता देश में लाए जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में कार्य योजना की शुरुआत करते हुए कहा, “स्वतंत्र भारत में विलुप्त हो चुके चीता भारत में वापसी के लिए तैयार हैं।” एनटीसीए के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि चीता को फिर से लाने की योजना कोविड-19 के कारण अधर में लटक गई थी। कार्य योजना के अनुसार, लगभग 10-12 युवा चीतों का एक समूह जो पुन: प्रजनन के लिए आदर्श होगा, को पहले वर्ष के दौरान नामीबिया या दक्षिण अफ्रीका से एक संस्थापक पशु धन के रूप में आयात किया जाएगा। तीन सौ पन्नों की कार्य योजना में कहा गया, “"जंगली नर पशुओं के एक मौजूदा समूह का चयन किया जाएगा, जबकि कोशिश की जाएगी कि चयनित मादाएं भी एक-दूसरे से परिचित हों।”

Hochul Charts New York’s Recovery in First State of State Speech


New York New York TimesBy BY LUIS FERRÉ-SADURNÍ AND GRACE ASHFORD Via NYT To WORLD NEWS

William M. Ellinghaus Dies at 99; Presided Over AT&T Breakup


Business New York TimesBy BY ROBERT D. MCFADDEN Via NYT To WORLD NEWS

प्रधानमंत्री मोदी ने ममता बनर्जी को उनके जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके 67वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना की। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। उनके स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।’ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्मीं ममता बनर्जी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। वह पहले कांग्रेस में थी लेकिन 1998 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था। राज्य विधानसभा के पिछले चुनाव में वापसी के बाद से ही वह विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्हें मोदी के खिलाफ एक प्रमुख विपक्षी चेहरे के रूप में भी देखा जाने लगा है।

new corona guidelines: राजस्थान में कोरोना का खौफ बढ़ा, जयपुर-जोधपुर में 17 जनवरी तक मिडिल स्कूल बंद


जयपुर। राजस्थान में कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार ने बुधवार को एक नई गाइडलाइन्स जारी की है। इस नई गाइडलाइन्स में कई तरह की नई पाबंदियां भी लगाई गई हैं। साथ ही डबल डोज वैक्सीनेशन को अनिवार्य कर दिया गया है।कोरोना की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक जयपुर नगर निगम और जोधपुर नगर निगम क्षेत्र में 17 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखने के आदेश दे दिए गए हैं। पूर्व में जारी की गई गाइडलाइन में जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 14 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के लिए स्कूलें बंद करने के आदेश थे। अब साथ ही संपूर्ण राजस्थान में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक जन अनुशासन कर्फ्यू लगाया गया है।


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Khargone Viral Video: आधे कटे शरीर पर 19 घंटे तक फन फैलाए खड़ी रही नागिन, देखिए वीडियो


एमपी के खरगोन में जेसीबी मशीन की चपेट में आकर एक नागिन (Nagin Viral Video) के दो टुकड़े हो गए, लेकिन इसके बाद वह 19 घंटे तक जिंदा रही। इतना ही नहीं, आधे कटे शरीर के साथ नागिन लगातार 19 घंटे (Half Cut Nagin Alive for 19 hours) तक फन फैलाए खड़ी रही। इस दौरान स्थानीय लोग उसकी पूजा-पाठ करते रहे और मौत के बाद विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया।

जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर करही तहसील मुख्यालय पर पुरानी बसन्त जिनिंग परिसर से वेस्ट मटीरियल हटाया जा रहा था। इसी दौरान सोमवार रात करीब आठ बजे एक नागिन जेसीबी के बकेट की चपेट में आ गई। इसमें नागिन के दो टुकड़े हो गए। इसके बाद भी नागिन के शरीर के एक हिस्से में जान बची थी। वह फन फैलाकर घटना वाली जगह पर खड़ी हो गई। कटा हुआ आधा हिस्सा भी उसके सामने पड़ा था।

घटना की जानकारी मिलते ही नाग मन्दिर के पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों को इस आश्चर्य पर भरोसा नहीं हो रहा था। जब कई घंटे तक नागिन फन फैलाए खड़ी रही तो लोगों ने वहां पूजा-पाठ शुरू कर दी। किसी ने नागिन के पास दूध से भरा कटोरा रखा तो कोई पाठ करने लगा। किसी ने शास्त्र वाचन किया तो एक जैन संत ने मांगलिक सुनाई। #ViralVideo, #MPNews, #Khargone


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Neighbors of the burned rowhouse were woken by screams.


U.S. New York TimesBy BY JOEL WOLFRAM Via NYT To WORLD NEWS