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Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Friday, January 7, 2022

WORLD NEWS: Kyle Rittenhouse trial: Witness says man shot was acting 'belligerently'


"Kyle Rittenhouse trial: Witness says man shot was acting 'belligerently' The first man shot and killed by Kyle Rittenhouse on the streets of Kenosha was acting “belligerently” that night but did not appear to pose a serious threat to anyone, a witness testified Friday at Rittenhouse's murder trial. U.S. " Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Critical race theory is in public schools despite denials from the left


"Critical race theory is in public schools despite denials from the left Tony Kinnett, owner and executive director of 'Chalkboard Review,' explains how CRT is implemented in schools and the impact on Glenn Youngkin's Virginia victory Education" Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Ahmaud Arbery murder trial begins after controversial jury selection


"Ahmaud Arbery murder trial begins after controversial jury selection Opening statements began Friday in the murder trial of three White men charged in the shooting death of Ahmaud Arbery, with a prosecutor telling jurors that faulty assumptions led them to chase down the 25-year-old Black man. Arbery's killing was largely ignored until a leaked cellphone video stirred outrage that deepened a national reckoning over racial injustice. U.S. " Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Widows running New York City Marathon to honor fallen husbands, help grieving process


"Widows running New York City Marathon to honor fallen husbands, help grieving process Gold Star widow Shannon Slutman and FDNY widow Irene Sullivan have raised thousands of dollars for Tunnel to Towers ahead of their run. Military" Via FOX NEWS To WORLD NEWS

14 One-Pot Vegetarian Recipes That Keep Effort to a Minimum


Food New York TimesBy BY TANYA SICHYNSKY Via NYT To WORLD NEWS

Remembering When It Snowed … in Hawaii


Books New York TimesBy BY R. KIKUO JOHNSON Via NYT To WORLD NEWS

LAC पर एक भी रोबॉट सैनिक तैनात नहीं, चीनी मीडिया का एक और प्रॉपगैंडा उजागर

नई दिल्ली चीन प्रॉपगैंडा वॉर में माहिर है। उसे पता है कि हाड़ गला देने वाली बर्फीली सर्दी के मौसम में चौबीसों घंटे तैनात रहने का दमखम रखने वाले भारतीय सैनिकों के सामने उसका टिकना नाममुकिन है। इस कारण उसने अपने मुखौटा मीडिया के जरिए अफवाह फैलाया कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के प्लाटून में रोबॉट सैनिकों को शामिल कर लिया है। जबकि सच्चाई यह है कि पूर्वी लद्दाख समेत कहीं भी वास्तविक निंयत्रण रेखा (LAC) की रखवाली में एक भी रोबॉटिक सोल्जर तैनात नहीं है। -40 डिग्री सेल्सियस तक ठंड में टिक नहीं पाते चीनी सैनिक भारतीय सुरक्षा बलों के उच्चपदस्थ सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि सीमाओं पर चीन की तरफ कहीं भी रोबॉट सैनिक नहीं दिखा है। उन्होंने कहा कि पीएलए सैनिकों को असीम ठंड का सामना करने में नानी याद आ रही है, इसलिए अगर उसने रोबॉट सैनिक बना लिए तो उसके लिए ठीक ही होगा। दरअसल, चीनी सेना के शीर्ष अधिकारी लगातार दूसरे वर्ष अपने सैनिकों को भारतीय सीमा पर माइनस 20 से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस ठंड में तैनात रहने को मजबूर कर रहे हैं जबकि ये सैनिक इतनी ठंड में रहने को अभ्यस्त नहीं हैं। बैरकों से निकल नहीं पाते चीनी सैनिक भारतीय सुरक्षा बलों के सूत्रों ने कहा कि अभी सीमा पर बंदूक लिए किसी रोबॉट की तैनाती नहीं पाई गई है। हालांकि, चीन को इसकी बहुत जरूरत है क्योंकि चिलचिलाती ठंड में तैनाती उसके सैनिकों की जान पर बन आई है। कई जगहों पर तापमान इतना नीचे चला गया है कि चीनी सैनिक अपने बैरकों से निकलने का साहस नहीं कर पा रहे हैं। कई जगहों पर वो बैरकों से बाहर आते भी हैं तो तुरंत वापस अंदर चले जाते हैं। ठंड में पीएलए की हालत पतली चीनी सैनिकों को पिछले साल भी इसी कठिन हालात का सामना करना पड़ा था। तब पीएलए को भारतीय सीमा पर तैनात अपने 90% सैनिकों को बदलना पड़ा था क्योंकि वो ठंड के कारण बीमार पड़ गए थे और तरह-तरह की परेशानियों से तंग आ गए थे। यहां तक कि पैंगोंग झील इलाके में संघर्ष की जगह पर भी चीनी सैनिकों को हर दिन बदल दिया जाता था और काफी ऊंचाई वाले उस इलाके में चीनी सैनिकों की गतिविधियां भी काफी सीमित कर दी गई थीं। भारतीय सैनिक विपरीत परिस्थितियों के लिए अभ्यस्त इधर, भारतीय सैनिक ऊंचाई वाले इलाकों में न केवल तैनाती को पूरी तरह अभ्यस्त है बल्कि पहाड़ी इलाकों में युद्ध लड़ने में माहिर है। भारतीय सैनिकों के पास बिल्कुल विपरीत प्राकृतिक वातावरण में खुद को ढाल लेने की अद्भुत क्षमता हासिल है। यही वजह है कि भारतीय सेना अपनी सैन्य टुकड़ियों को लगातार दो सालों के लिए ऊंची चोटियों पर तैनात करती है और उनमें 40 से 50 प्रतिशत सैनिकों को हर साल बदला जाता है।

अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है नीट पीजी काउंसलिंग, SC ने दी इजाजत, पढ़ें अदालत की पूरी सुुनवाई

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को अपने अहम अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने शुरू करने की इजाजत दे दी है। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अगले सप्ताह से नीट-पीजी काउंसलिंग शेड्यूल शुरू होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने साल 2021-22 के एडमिशन के लिए काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दे दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के ऑल इंडिया कोटा के तहत नीट पीजी में 27 फीसदी ओबीसी रिजर्वेशन के संवैधानिक वैधता को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि 2021-22 के एडमिशन साल के लिए नीट पीजी काउंसलिंग शुरू होगा और इसके लिए जो क्राइटेरिया केंद्र ने नोटिफाई किया है उसके तहत ही काउंसलिंग शुरू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट पीजी 2021 और नीट यूजी 2021 का काउंसलिंग 29 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के तहत होगा इसमें केंद्र ने नोटिफाई किया है कि दाखिले में 27 फीसदी सीट ओबीसी के लिए और 10 फीसदी सीट ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए ऑल इंडिया सीट में रिजर्व होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया कोटा में नीट पीजी और यूजी के लिए ओबीसी रिजर्वेशन के संवैधानिक वैधता को सही ठहराया और कहा कि हम इस मामले में पांडेय कमिटी की सिफारिश को स्वीकार करते हैं। इसमें 2019 के ऑफिस मेमोरेंडम का 2021-22 के ऑर्डर में इस्तेमाल हुआ है इसके तहत ईडब्ल्यूएस के लिए भी क्राइटेरिया तय किया गया था ताकि ईडब्ल्यूएस की पहचान सुनिश्चित हो सके और एडमिशन प्रक्रिया प्रभावित न हो। मौजूदा क्राइटेरिया में ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपये तक की आमदनी तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि हम पांडेय कमिशन की सिफारिश को स्वीकार करते हैं जिसमें 2021-22 के एडमिशन के लिए 27 फीसदी ओबीसी और 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए ऑल इंडिया कोटा तय किया गया है ताकि दाखिला न अवरुद्ध हो। लेकिन साथ ही कहा है कि भविष्य में ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिए पांडेय समिती द्वारा तय क्राइटेरिया की वैधता, याचिका पर सुनवाई के बाद फैसले पर निर्भर होगा। सुप्रीम कोर्ट का क्या है आदेश अदालत ने अपने ऑर्डर में कहा कि 29 जुलाई 2021 के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है। इसमें नीट दाखिले लिए ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी ऑल इंडिया कोटे में रिजर्वेशन दिया गया है। नीट पीजी आवेदकों ने नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी और याचिकाकर्ता ने दलील दी कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के तहत नीट पीजी में रिजर्वेशन नहीं हो सकता। ईडब्ल्यूएस के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया पर भी सवाल उठाया गया था। केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा और बाद में 25 नवंबर 2021 को केंद्र ने कहा कि वह ईडब्ल्यूएस मामले में तय क्राइटेरिया पर दोबारा विचार करेगा और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। 31 दिसंबर को केंद्र ने कहा कि उनके द्वारा इस मामले को देखने के लिए कमिटी बनाई गई थी और कमिटी की रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। इसके तहत कमिटी ने मौजूदा एडमिशन सेशन 2021-22 के लिए ईब्ल्यूएस क्राइटेरिया को भी मान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया तय करने के बारे में सुनवाई में अभी वक्त लगेगा। वहीं काउंसलिंग जल्दी शुरू हो ये जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑल इंडिया कोटे के लिए नीट के पीजी और यूजी दाखिले के लिए ओबीसी के 27 फीसदी रिजर्वेशन को वह वैध ठहराते हैं। -नीट पीजी और यूजी का काउंसलिंग शुरू किया जाए और वह 29 जुलाई 2021 के नोटिफिकेशन के तहत हो जिसमें ओबीसी के लिे 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी रिजर्वेशन ऑल इंडिया सीट में दिया गया है। और ईडब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख रुपये लिमिट का क्राइटेरिया तय किया गया है। -हम पांडेय कमिटी की सिफारिश को स्वीकार करते हैं ताकि 2021-22 के एडमिशन की प्रक्रिया बाधित न हो। -पांडेय कमिटी ने ईडब्ल्यूएस के लिे जो क्राइटेरिया तय किया है भविष्य के लिए अर्जी के फैसले पर निर्भर करेगा। -सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस के लिए तय क्राइटेरिया के मुद्दे पर सुनवाई के लिए मार्च के तीसरे हफ्ते की तारीख तय कर दी है। क्या रही थी दलीलें -इससे पहले दोनों पक्षों की दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित कर लिया था। नीट पीजी में ओबीसी और ईब्ल्यूएस कैटगरी में रिजर्वेशन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। इससे पहले जहां केद्र सरकार ने कहा कि काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दी जाए वहीं याचिकाकर्ताओं ने रिजर्वेशन कोटा का विरोध किया। याचिकाकर्ता ने ईब्ल्यूएस कैटगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया और कहा कि वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय की जा सकती है। -सुनवाई के दौरान ईडब्ल्यूएस के लिए केंद्र द्वारा 8 लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने का याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दत्तार ने कहा कि आठ लाख रुपये की लिमिट तय करने का कोई आधार नहीं है। इस ममले में पांडेय कमिशन रिपोर्ट में आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय करने के बारे में कोई स्ट़डी नहीं की गई। साथ ही एग्रीक्लचर लैंड के आधार पर जो लिमिट तय की गई है उसके लिए भी स्टडी नहीं की गई। एग्रीकल्चर लैंड के आधार पर 5 एकड़ की लिमिट रखी गई है। साथ ही रेजिडेंशियल संपत्ति का क्राइटेरिया भी गलत है। दत्तार ने दलील दी कि अलग-अलग राज्यों में इनकम का 8 लाख का एक समान क्राइटेरिया तय करने का कोई आधार नहीं दिखता है। पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया एक समान रखना भी सही नहीं है। केरल में जनसंख्या घनत्व ज्यादा है लेकिन वहां पांच एकड़ जमीन का क्राइटेरिया सही नहीं है। आठ लाख रुपये का क्राइटेरिया तय किया जाना मनमाना है। -वहीं केंद् की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि हमने 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ईडब्ल्यूएस क्राइटेरिया पर दोबारा विचार कर फैसला लेंगे और तब तक काउंसलिंग नहीं होगी। अब एक्सपर्ट कमिटी की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है जिसके तहत ईडब्ल्यूएस के लिए तय मौजूदा क्राइटेरिया जारी रहेगा। रेजिडेंट्स डॉक्टर प्रोटेस्ट कर रहे हैं उनकी चिंता भी जायज है हम अदालत से अनुरोध करते हैं कि नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करने की इजाजत दें। हम मानते हैं कि 25 नवंबर को हमने कहा था कि काउंसिंल तब तक नहीं होगी जब तक दोबारा विचार कर फैसला नहीं लिया जाता है लेकिन जब बयान दिया था तब मौजूदा स्थिति के बारे में पता नहीं था। क्या है केंद्र सरकार का फैसला गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी कर मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाले नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर स्टूडेंट को 10 फीसदी रिजर्वेश देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।

12 जनवरी को हो सकती है भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 14वें दौर की बातचीत

नई दिल्ली भारत और चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की 14वें दौर की वार्ता 12 जनवरी को होने की संभावना है जिसमें पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के शेष क्षेत्रों से पीछे हटने की प्रक्रिया की दिशा में प्रगति के विषय पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा । घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी । सूत्रों ने कहा कि यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सीमा क्षेत्र में चुशूल में आयोजित होने की संभावना है। समझा जाता है कि इस वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष द्वारा देपसांग, बुल्ज और देमचाक से जुड़े मुद्दों का समाधान निकालने सहित संघर्ष के शेष क्षेत्रों में जल्द से जल्द पीछे हटने पर जोर देने की संभावना है। दोनों देशों के बीच 13वें दौर की सैन्य बातचीत पिछले वर्ष 10 अक्तूबर को हुई थी जो गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी। इस बैठक में दोनों पक्ष कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे थे । भारतीय सेना ने वार्ता के बाद कहा था कि उसकी ओर से दिये गए रचनात्मक सुझावों पर चीनी पक्ष सहमत नहीं था और वह (चीनी पक्ष) अपनी ओर से भी कोई आगे बढ़ने वाला प्रस्ताव नहीं दे सका । भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में गतिरोध शुरू हुआ। पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक टकराव के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने काफी संख्या में सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पिछले वर्ष लगातार कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे तथा गोगरा क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी की।

समान नागरिक संहिता पब्लिक पॉलिसी से जुड़ा मुद्दा, कोर्ट नहीं दे सकता निर्देश: HC में बोला केंद्र

नई दिल्लीकेंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किए अपने काउंटर एफिडेविट में बताया है कि फिलहाल समान नागरिक संहिता लागू करने की कोई योजना नहीं है। केंद्र ने बताया कि समान नागरिक संहिता () को लागू कराने का जिक्र संविधान के नीति निदेशक तत्वों में है। ये पब्लिक पॉलिसी से जुड़ा मुद्दा है और इस पर कोर्ट की तरफ से कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किए जा सकते। देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग को लेकर बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र ने अपना ये हलफनामा दिया है। केंद्र ने अपने काउंटर एफिडेविट में यह भी कहा कि कानून बनाने का अधिकार विधायिका का है। कोई भी बाहरी अथॉरिटी या सत्ता उसे किसी खास कानून को बनाने के लिए दिशानिर्देश नहीं दे सकता। इस आधार पर केंद्र सरकार ने जनहित याचिका को खारिज करने की मांग की है। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में मांग की है कि अदालत समान नागरिक संहिता बनाने के लिए केंद्र को निर्देश दे। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए केंद्र को न्यायिक आयोग या हाई लेवल एक्सपर्ट कमिटी के गठन का निर्देश दिया जाए। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने को लेकर अहम टिप्पणी की थी। कॉमन सिविल कोड की पैरवी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि समाज में जाति, धर्म और समुदाय से जुड़ी बाधाएं मिटती जा रही हैं। अदालत ने अनुच्छेद 44 के कार्यान्वयन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इस पर ऐक्शन लेना चाहिए।

'केसीआर दुमदार मुख्यमंत्री'- तेलंगाना के सीएम पर बरसे शिवराज


तेलंगाना बीजेपी के विशेष कार्यक्रम में शमिल होने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को हैदराबाद पहुंचे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर जोरदार हमले किए। उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनेगी।

शिवराज ने कहा कि मैं समझता था कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर दमदार आदमी हैं, लेकिन वे तो दुमदार निकले। इतना डरा हुआ मुख्यमंत्री मैंने आज तक नहीं देखा। वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर अत्याचार करते हैं और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने को भी अपराध समझते हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करवाते हैं और हमारे प्रदेश अध्यक्ष को जेल भेजते है। बीजेपी के बढ़ते समर्थन से वे डर और कायरता भरे कदम उठाते हैं। #ShivrajSinghChouhan, #Telangana, #KCR


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I Can’t Brook the Idea of Banning ‘Negro’


Opinion New York TimesBy BY JOHN MCWHORTER Via NYT To WORLD NEWS