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Wednesday, February 2, 2022

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Sports New York TimesBy BY TARIQ PANJA Via NYT To WORLD NEWS

'मोदी सरकार के दौरान एकजुट हुए पाक-चीन...' राहुल के दावे पर जयशंकर का पलटवार, बताया इतिहास

नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव () पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस () के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। () ने आरोप लगाया कि भारत को गणतंत्र दिवस समारोह () में शरीक होने के लिए कोई विदेशी अतिथि () नहीं मिल सका। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के दौरान पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं। जिसके बाद विदेश मंत्री () ने राहुल के दोनों आरोपों को खारिज करते हुए ऐतिहासिक तथ्यों को प्रस्तुत किया है। जयशंकर ने कहा कि जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था, उन्होंने 27 जनवरी को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजित किया। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस के लिए कोई विदेशी अतिथि नहीं मिला। भारत में रहने वाले जानते हैं कि हम कोरोना (महामारी) की लहर का सामना कर रहे हैं। जयशंकर बोले- क्या राहुल गांधी भूल गए हैं? उन्होंने लिखा कि जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था। उन्होंने 27 जनवरी को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन किया। क्या राहुल गांधी इसे भी भूल गए हैं? भारत ने कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन वे कोविड-19 स्थिति के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। 27 जनवरी को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। राहुल के आरोपों के जवाब में रखे ऐतिहासिक सबूत विदेश मंत्री ने पाकिस्तान और चीन को लेकर सरकार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के आरोपों के लिए भी उनकी आचोलना की। जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि इस सरकार के कारण पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं। कुछ ऐतिहासिक सबक इस प्रकार हैं: 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया ; चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया। विदेश मंत्री ने राहुल से पूछा सवाल विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच 1970 के दशक से घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी रहा है। उन्होंने कहा कि 2013 में, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ। तो, अपने आप से पूछें: क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?

Delhi HC on Mask During Driving: कार में अकेले होने पर भी मास्क लगाने के आदेश पर भड़का दिल्ली हाईकोर्ट, क्या कहा?


दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अकेले कार चलाते समय भी मास्क लगाने का आदेश था। इस आदेश के तहत अगर कोई व्यक्ति कार के अंदर मास्क पहना नहीं दिखा तो उसका 2000 रुपए तक चालान काटा जा सकता है। लेकिन दिल्ली सरकार के इस आदेश पर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि 'अकेले कार चलाते समय भी मास्क लगाने का दिल्ली सरकार का आदेश बेतुका है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा यह आदेश अब भी मौजूद क्यों है? आपने इसे वापस क्यों नहीं लिया। यह असल में बेतुका है कि आप अपनी ही कार में बैठे हैं और मास्क भी लगाएं।

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, 'यह आदेश अब भी मौजूद क्यों है?' दरअसल, अदालत ने यह टिप्पणी तब की, जब दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जिसमें मास्क नहीं पहने होने के कारण एक व्यक्ति का चालान काटा गया। वह व्यक्ति अपनी मां के साथ एक कार में बैठा हुआ था और गाड़ी की खिड़की के कांच ऊपर चढ़ा कर कॉफी पी रहा था।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा कि हाईकोर्ट का सात अप्रैल 2021 का वह फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था, जिसमें निजी कार अकेले चलाते वक्त मास्क नहीं पहने होने को लेकर चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, 'कोई व्यक्ति कार की खिड़कियों की कांच ऊपर चढ़ा कर वाहन के अंदर बैठा हुआ है और उसका 2,000 रुपये का चालान काट दिया जा रहा है। सिंगल पीठ का आदेश बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का आदेश जब जारी किया गया था तब स्थिति अलग थी और अब महामारी लगभग खत्म हो गई है।

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता को जब यह याद दिलाया कि शुरूआती आदेश दिल्ली सरकार ने जारी किया था जिसे फिर सिंगल जज के समक्ष चुनौती दी गई थी, इस पर मेहरा ने कहा कि चाहे वह दिल्ली सरकार का आदेश हो या केंद्र का, यह खराब आदेश था और उस पर पुनर्विचार की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि वह आदेश खराब था तो आप उसे वापस क्यों नहीं ले लेते।

आपको बता दें कि सिंगल बेंच का 2021 का आदेश उस वक्त आया था जब उन्होंने वकीलों की चार याचिकाएं खारिज कर दी थी, जिनके जरिए एक निजी गाड़ी अकेले चलाते वक्त मास्क नहीं पहने होने को लेकर चालान काटे जाने को चुनौती दी गई थी।

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Health New York TimesBy BY APOORVA MANDAVILLI Via NYT To WORLD NEWS

'नेता अच्छे, आप गलत पार्टी में हैं...' राहुल के ऑफर पर योगी के 'खास' बोले- कांग्रेस की हैसियत नहीं

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र () के दौरान बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव () पर चर्चा हुई। इस दौरान सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस (BJP Congress News) में खूब जुबानी जंग भी देखने को मिली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष () ने चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के बांसगांव से बीजेपी सांसद को एक अच्छा दलित नेता बताते हुए कहा कि वो एक गलत पार्टी में हैं। बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी की तरफ से इशारों में दिए गए ऑफर को ठुकराते हुए यह तक कह दिया कि इनकी पार्टी ( कांग्रेस ) की यह हैसियत नहीं है कि वो हमें लेकर खुश कर सकें। कमलेश पासवान ने कांग्रेस पर साधा निशाना दरअसल, बुधवार को लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चल रही चर्चा के दौरान भाजपा की तरफ से दूसरे वक्ता के रूप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान ने मोदी-योगी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कांग्रेस की सरकारों पर जमकर निशाना साधा। पासवान ने राहुल गांधी से सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि 60 सालों तक कांग्रेस की सरकारों ने देश की जनता को मूलभूत सुविधाएं देने की सुध क्यों नहीं ली। गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस ने गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए क्या किया। राहुल बोले- कमलेश अच्छे दलित नेता पर पार्टी गलत पासवान के बाद बोलने के लिए खड़े हुए राहुल गांधी ने पासवान के इलाके में दलितों की हालत और इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि वो एक अच्छे दलित नेता हैं लेकिन गलत पार्टी में हैं। राहुल ने इशारों-इशारों में एक पुरानी बातचीत का भी हवाला दिया। कमलेश पासवान तुरंत राहुल गांधी की बात का जवाब देने के लिए खड़े हुए लेकिन स्पीकर ने उस समय उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। बीजेपी सांसद बोले- कांग्रेस की हैसियत नहीं राहुल गांधी के भाषण के समाप्त होने के बाद लोक सभा स्पीकर ने जब कमलेश पासवान को बोलने की अनुमति दी तो उन्होंने कांग्रेस की सरकारों पर ' फूट डालो और राज करो' की नीति पर चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है 3 बार सांसद बनाया है और इनकी पार्टी ( कांग्रेस ) की यह हैसियत नहीं है कि वो अपनी पार्टी में लेकर उन्हें खुश कर सके। कमलेश पासवान ने मुलायम को बताया राजनीतिक गुरू इससे पहले सदन में मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में उन्हें अपना गुरु बताते हुए कमलेश पासवान ने कहा कि 2002 में नेताजी ने उन्हें सपा का टिकट देकर विधायक बनवाया था, लेकिन आज उन्हें सपा में रहने का अफसोस हो रहा है। उन्होंने अखिलेश यादव पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए जुमलेबाजी करने का भी आरोप लगाया।

UP elections 2022: भारत में आतंकी हमलों पर मौन रहे मौनी बाबा... यूपी के अलीगढ़ से कांग्रेस पर बरसे शाह


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि 'पाकिस्तान ने हमारे देश पर हमला किया और हमारे जवानों को उनके कार्यकाल के दौरान मार डाला और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने उस समय कुछ नहीं किया।'

शाह ने कहा, 'जब कांग्रेस ने 10 साल शासन किया, तो पाकिस्तान ने हमारे देश पर हमला किया और हमारे जवानों के सिर काट दिए। तब पीएम मनमोहन सिंह ने कुछ नहीं किया। लेकिन उरी और पुलवामा हमलों के बाद पीएम मोदी ने 10 दिनों में सर्जिकल स्ट्राइक के साथ पाकिस्तान में आतंकवादियों का सफाया कर दिया।'

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।

10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा।

पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।

17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका।

इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।

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