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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS
Monday, July 18, 2022
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देशभर में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इस बीच देश में मंकीपॉक्स के एक और मामले की पुष्टि हुई है। मंकीपॉक्स का नया संदिग्ध मरीज भी केरल से ही सामने आया। इसके बाद स्वास्थ्य एजेंसियों में इसको लेकर हडकंप मच गया।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि कन्नूर में 31 वर्षीय शख्स में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। उन्हें परियाराम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक है। उनके संपर्क में में आने वालों पर निगरानी रखी जा रही है।
इस सप्ताह की शुरुआत में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बताया था कि मंकीपॉक्स के 63 देशों के 9,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकांश मई के बाद सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ अगले सप्ताह 21 जुलाई को एक बैठक कर रहा है जिसमें तय किया जाएगा कि प्रकोप से निपटने के लिए देशों और समुदायों को क्या करना चाहिए।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क यानी वर्ल्ड हेल्थ नेटवर्क ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। एक बयान में कहा गया है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप तेजी से कई महाद्वीपों में फैल रहा है और यह गोबल एक्शन के बिना नहीं रुकेगा।
सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल प्रिवेंशन के मुताबिक, इंसान में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान लेकिन हल्के होते हैं और संक्रमण के 7-14 दिनों बाद बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के साथ शुरू होते हैं। इसके आम लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द, थकान और सूजी हुई लसीका ग्रंथियां शामिल हैं।
वैसे जानकार मानते हैं कि मंकीपॉक्स से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। ये कोरोना वायरस की तरह नहीं फैलता है, इसकी गंभीरता भी कम बताई जा रही है। इस बारे में इंडिया मेडिकल टास्क फोर्स से जुड़े केरल के एक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव जयदेवन ने कहा कि कोरोना के विपरीत मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में इस साल करीब छह हजार केस मिले हैं लेकिन इनमें से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। अफ्रीका के कुछ स्थानों में मंकीपॉक्स से एक निश्चित मृत्यु दर थी लेकिन इस बीमारी का कांगो स्ट्रेन कहीं और नहीं फैल रहा है।
via WORLD NEWS