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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS
Saturday, July 23, 2022
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मुजफ्फरपुर: शहर का रेडलाइट एरिया अब तक बदनामी के लिए ही चर्चा में रहा है, लेकिन अब छवि बदलने लगी है। वहां की महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाकर काम शुरू कर दिया है। उनके इस काम को उद्योग विभाग ने भी सराहा है। इस 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को उद्योग विभाग भी सहयोग करेगा। यहां महिलाएं एक समूह में दुकान से बचे कपड़े लाकर लेडिज रेडीमेड वस्त्र तैयार कर रही हैं। अब उद्योग विभाग रेडिमेड क्लस्टर बनाकर उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगा।
चतुर्भुज स्थान के जोहरा गली में संचालित महिलाओं के इस समूह को बिहार हाट में अपनी कला दिखाने का मौका मिलेगा। जोहरा संर्वद्धन स्वयं सहायता समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं। समूह की अध्यक्ष अमरूल निशां, सचिव और कोषाध्यक्ष शमीमा खातून है।
शमीमा ने बताया कि बचे कपड़े को जमा करने के बाद जोहरा सिलाई सेंटर में महिलाएं वस्त्र तैयार करती हैं। थान से बचा कपड़ा कम रेट में मिल जाता है। उद्योग विभाग से समन्वय बनाने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून ने बताया कि इस समूह को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के लिए जिला उद्योग केंद्र और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अधिकारी से मिलकर पहल की गई है।
उद्योग महाप्रबंधक ने महिलाओं के इस बेहतर प्रयास को देखकर उनको तकनीकी और बैंक से जोड़कर सहयोग करेगा। वहां पर रेडीमेड क्लस्टर का निर्माण हो, इस दिशा में पहल शुरू कर दी गई है, जिससे यह जिले का एक मॉडल समूह बन जाएगा। एक विशेष समुदाय के लोगों का यह समूह जो उत्पादन करेगा, उसको बाजार दिलाने का काम विभाग करेगा। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई योजना चल रही। वह बैंक से समूह को जोड़ेंगे, ताकि उनको आर्थिक सहायता मिले।
via WORLD NEWS
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औरंगाबाद: सुखाड़ का डर सता रहा है, बारिश नहीं हो रही है। इसके बावजूद अन्नदाताओं ने पंपिंग सेट से सिंचाई कर धान के बिचड़े तैयार कर लिए हैं। जैसे-तैसे रोपनी की तैयारी में हैं। इसके लिए उर्वरकों की जरूरत है, लेकिन कालाबाजारियों ने खाद को गधे के सिर से सिंग की भांति गायब कर दिया है। नतीजा किसानों में हाहाकार मचा है। ऐसे में रेट पर खाद पाने के लिए किसानों की नजर सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्रों की ओर जाती है, पर यहां भी खाद के लिए मारामारी है। लंबी लाइन लगी है।
खाद के लिए घंटो लाइन में लगना पड़ रहा
आसमान आग उगल रहा है। किसान गमछे से पसीना पोछते हुए खाद के लिए लाइन में लगे हैं। औरंगाबाद में बिस्कोमान के उर्वरक बिक्री केंद्र पर खाद लेने के लिए लाइन में लगे किसानों ने बताया कि प्राइवेट उर्वरक रिटेलर निर्धारित कीमत से ज्यादा रेट पर खाद दे रहे हैं। यही वजह है कि किसान खाद पाने के लिए सहकारी संस्थाओं के बिक्री केंद्र पर निर्भर हैं, पर यहां भी भीड़ ज्यादा है।
ज्यादा रेट पर खाद देने की रसीद भी नहीं दे रहे
अहले सुबह से ही किसान खाद लेने के लिए लंबी लाइन में लग रहे हैं। बारिश नही होने से उमसभरी गर्मी में घंटों लाइन में लगने पर खाद मिल रहा है, पर यहां भी आवंटन का अभाव है। इस कारण यहां से भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में उर्वरक नहीं मिल रहा है। किसानों ने कहा कि सिर्फ आधार कार्ड पर खाद देना गलत है, बल्कि कृषि भूमि की रसीद पर खाद दिया जाना चाहिए, ताकि रसीद से खाद की आवश्यक मात्रा का पता चल सके।
'खाद के लिए लाइन में लगें कि शिकायत करने जाएं'
दोष सिस्टम का है, क्योंकि आधार कार्ड से खेती नहीं करने वाले लोग खाद प्राप्त कर दूसरे किसानों को बेच रहे हैं। इस वजह से किसानों में खाद लेने की होड़ मची है। किसान प्राइवेट रिटेलर के यहां जाते हैं तो वह ज्यादा कीमत पर खाद देते हैं। इसकी शिकायत करने पर कृषि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि ज्यादा कीमत पर खाद लेने की रसीद दीजिए, जो ब्लैक में बेचेगा, वह रसीद नहीं देगा और हम खाद लें कि शिकायत करने जाएं।
खाद की कालाबाजारी में प्रशासन की मिलीभगत
खाद की कालाबाजारी में प्रशासन की मिलीभगत के भी आरोप लग रहे हैं। वहीं इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी का जवाब अटपटा है। वह ज्यादा रेट पर खाद लेने के मामले में कहते हैं कि किसान परेशान हैं। प्रकृति की मार झेल रहे हैं। उनके पास पूंजी का अभाव है। लिहाजा वह रिटेलर से उधारी में खाद मांगते हैं जबकि सहकारी संस्थाओं से नकद में खाद मिलता है। रिटेलर जब उधारी में खाद देगा तो अधिक कीमत लेगा ही।
वहीं रिटेलर भी थोक विक्रेता से उधार में खाद लेते हैं। उधारी में उन्हें भी महंगी दरों पर खाद मिलता है। इस कारण वह भी महंगे दर पर खाद बेच रहे हैं। इसके बावजूद जो भी किसान नकद में रिटेलर से खाद खरीद रहे हैं, वे पॉस मशीन में बताई जा रही कीमत से अधिक न दे और अधिक कीमत मांगे जाने पर इसकी शिकायत करें। मतलब साफ है कि उधारी का चादर ओढ़ाकर डीएओ रिटेलरों की कालाबाजारी को जायज भी ठहरा रहे हैं और उन्हें पाक साफ भी बता रहे हैं।
via WORLD NEWS