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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, January 12, 2022

Corona Update Kaimur : बढ़े कोरोना के मामले तो प्रशासन अलर्ट, Ground Report में जानिए उठाए गए क्या-क्या कदम


प्रमोद कुमार, कैमूर
बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार और प्रशासन लगातार इस पर लगाम को लेकर जरूरी कदम उठा रहे हैं। बात करें कैमूर जिले की तो यहां भी कोरोना के मामलों में इजाफे को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट है। कैमूर डीएम नवदीप शुक्ला के निर्देश पर भभुआ नगर परिषद की ओर से शहर के एकता चौक पर स्थित सब्जी मंडी को नगर परिषद के परिसर में शिफ्ट कर दिया गया है। जिससे लोग भीड़-भाड़ से बचें और कोरोना से कम लोग संक्रमित हों। कैमूर में अब तक 129 कोरोना के पॉजिटिव केस आ चुके हैं। ऐसे में लोगों को मास्क और सोशल डिस्टेंस के लिए जागरूक करने के साथ-साथ सरकार और प्रशासन सख्ती भी दिखा रहा है। यही वजह है कि शहर के सब्जी मंडी को भी ज्यादा स्पेस वाली जगह नगर परिषद के परिसर में शिफ्ट किया गया है। हालांकि, इस फैसले से सब्जी विक्रेताओं में नाराजगी भी है। देखिए कैमूर से खास रिपोर्ट।


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Alan Scott, Doctor Behind the Medical Use of Botox, Dies at 89


Health New York TimesBy BY PENELOPE GREEN Via NYT To WORLD NEWS

दिनों दिन बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण, पीएम मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ करेंगे हाई लेवल मीटिंग

नई दिल्लीकोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करेंगे। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री बृहस्पतिवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ साढ़े चार बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद करेंगे। संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में राज्यों द्वारा तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने रविवार को देश में कोविड-19 महामारी के हालात, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे और आपूर्ति व्यवस्था की चल रही तैयारियों, देश में टीकाकरण अभियान की स्थिति, ओमीक्रोन के प्रसार और इसके जन स्वास्थ्य प्रभाव की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। उन्होंने इस दौरान जिला स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किए जाने और वयस्कों के लिए टीकाकरण मुहिम मिशन मोड पर तेज किए जाने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि राज्यों के हालात, तैयारियों और जन स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई जाएगी। संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच देश में स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को टीकों की एहतियाती खुराक दिए जाने की मुहिम शुरू हो गई है।

सुपरटेक के डायरेक्‍टर्स को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी- घर खरीदने वालों को 17 जनवरी तक पैसे लौटाएं वर्ना जेल भेजेंगे

नई दिल्‍ली उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में 40 मंजिला दो टावरों को गिराने के आदेश का पालन नहीं करने के लिए बुधवार को रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की खिंचाई की। कोर्ट ने अदालत से 'खिलवाड़' के लिए निदेशकों को जेल भेजने को लेकर चेताया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल घर खरीदारों को किए जाने वाले भुगतान में कटौती का भी संज्ञान लेते हुए कहा कि रियल्टी कंपनी सब कुछ ‘दुरुस्त कर ले’ या 'गंभीर परिणाम भुगतने' के लिए तैयार रहे। इसने कहा कि यदि शीर्ष अदालत को लगा कि कंपनी उसके आदेश की अनदेखी करने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है तो वह (अदालत) इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। अदालत ने कहा कि 17 जनवरी तक फ्लैट मालिकों को पैसा लौटाया जाए अन्‍यथा जेल भेज दिया जाएगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की खंडपीठ ने नोएडा प्राधिकरण को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने और एक हलफनामा दायर करने का आदेश दिया, जिसमें यह वर्णन किया गया हो कि सुपरटेक लिमिटेड की एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो टावरों को ढहाने के लिए आज की तारीख तक क्या कदम उठाये गये हैं। पीठ ने नोएडा प्राधिकरण की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रवींद्र कुमार की इस दलील पर गौर किया कि शुरू में सुपरटेक लिमिटेड ने दोनों टावर को ढहाने के लिए एक एजेंसी का प्रस्ताव रखा था और इसकी मंजूरी के लिए सीबीआरआई को एक संदर्भ दिया गया था, लेकिन उस स्तर पर, सुपरटेक ने इस कार्य के लिए एक और प्रस्ताव रखा है। इससे पहले पीठ ने सुपरटेक के वकील पराग त्रिपाठी से कहा, 'क्या हुआ है? हम आपके निदेशकों को जेल भेजने जा रहे हैं, क्योंकि वे (निदेशक) शीर्ष अदालत के आदेश के पालन से भाग रहे हैं।' त्रिपाठी ने कहा, 'इस संबंध में, दो पक्ष थे जो टावर को ढहाने के प्रस्ताव के साथ आए थे और अब इस बारे में निर्णय नोएडा को लेना है। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई की जा सकती है।' इस पर पीठ ने नोएडा के वकील कुमार से पूछा कि त्रिपाठी की दलील पर उनका क्या कहना है? कुमार ने कहा कि दोनों पक्षों में एडिफिस इंजीनियरिंग शामिल है, जिसने एक प्रस्तुति दी है और उसके बाद सीबीआरआई ने कुछ सुझाव दिए थे, जो टावर ढहाने वाली एजेंसी को भेजे गए थे। उन्होंने उन्हें शामिल करने का फैसला किया है, और अंतिम मंजूरी के लिए नोएडा ने इसे केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की को भेज दिया है। उन्होंने आगे कहा, 'अब नौ जनवरी, 2022 को सुपरटेक एक अन्य एजेंसी के साथ सामने आया है और उसने अपने पास भी एक कार्य योजना की जानकारी दी है। इसलिए नौ जनवरी को हमने फिर सीबीआरआई से संपर्क किया और कहा कि सुपरटेक ने दूसरी एजेंसी का नाम दिया है। कृपया इसकी भी जांच करें। हम पहली एजेंसी यानी एडिफिस इंजीनियरिंग के चयन के चरण में थे, लेकिन इस चरण में सुपरटेक एक और एजेंसी लाता है। इसे मैं अतिरिक्त हलफनामे और दस्तावेजों के माध्यम से रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं।' कुमार ने कहा कि वह बुधवार तक हलफनामा और अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करेंगे।

बच्चों को स्कूल भेजना खतरनाक, पैरेंट्स और छात्रों ने सरकार से की ऑफलाइन क्लास बंद करने की मांग


छतरपुर
मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की रफ्तार लगातार तेज हो रही है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के मरीजों की संख्या भी राज्य में बढ़ रही है। सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि राजधानी भोपाल सहित अन्य जगहों पर बच्चों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए स्कूलों को बंद कर केवल ऑनलाइन क्लास संचालित करने की मांग हो रही है। एमपी के छतरपुर (Chhatarpur News) में एनबीटी रिपोर्टर जयप्रकाश ने इस मुद्दे पर स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों से बातचीत की।

बातचीत में अधिकांश बच्चों ने कहा कि स्कूलों को बंद (Kids Demand School Closed) किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्कूल खुले भी रहेंगे तो पैरेंट्स उन्हें जाने की अनुमति नहीं देंगे। उनके लिए वैक्सीन भी नहीं आई है। इसलिए स्कूल जाने पर संक्रमित होने का डर हर समय बना रहता है। करीब-करीब सभी पैरेंट्स ने भी कहा कि मौजूदा हालात में वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं जाने देंगे। उन्होंने स्कूलों को बंद करने की मांग (Parents Demand stopping Offline Class) का समर्थन किया। उनका कहना है कि राज्य सरकार को इस बारे में जल्द फैसला लेना चाहिए। साथ ही, स्कूल संचालकों को भी कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

स्कूल बंद करने की तेज होती मांग के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले इससे इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि अभी हालात ऐसे नहीं हैं कि स्कूलों को बंद करना पड़े। उन्होंने दो-तीन दिन बाद इस पर फैसला लेने की बात कही थी। इस बीच बुधवार को स्कूलों में होने वाले सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम रद्द होने के बाद स्कूलों को बंद करने की मांग और जोर पकड़ने लगी है, लेकिन इसके लिए किसी जल्दबाजी में नहीं दिख रही। बुधवार शाम को प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने फिर कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था नहीं है। कोरोना सिर्फ स्कूलों में नहीं है। यह सभी जगह है। इसलिए छात्रों की पढ़ाई प्रभावित करना उचित नहीं है। #MPNews, #Chhatarpur, #DemandForSchoolsClosed


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Woman Jailed in Iran Has Returned to U.K.


World New York TimesBy BY AINA J. KHAN Via NYT To WORLD NEWS