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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, January 26, 2022

'दरवाजा खुला है' पर जयंत का भाजपा को जवाब, उन 700+ किसानों को न्योता दो जिनके....

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं के साथ बैठक की। बैठक का आयोजन बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुआ। बैठक के बाद वर्मा ने कहा कि जयंत चौधरी ने एक गलत रास्ता चुना है यहां के समाज के लोग उनसे बात करेंगे और उनको समझाएंगे। हमारा दरवाज़ा उनके लिए खुला है। हम तो चाहते थे कि वो हमारे घर में आए लेकिन उन्होंने दूसरा घर चुना है। उनके इस बयान के तुरंत बाद जयंत चौधरी ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, 'न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!!' सपा के साथ गठबंधन कर चुकी है रालोद जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है और दोनों ही पार्टी पश्चिमी यूपी में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है। अमित शाह के साथ बैठक में मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि कोई गिले-शिकवे वाली बात नहीं है, सब से बैठकर बातचीत हुई और हमेशा ऐसी बात होती है। 2017 में भी बात हुई थी 2019 में भी बात हुई थी और 2014 में भी बात हुई आज भी बात हुई है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं। दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं। किसान आंदोलन की वजह से नाराज हैं किसान पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा। पिछले चुनावों में भाजपा ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है। किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी अच्छी है। हर चुनाव में भाजपा पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं। इस बार भाजपा की ओर से 'पलायन' और ‘80 बनाम 20’ जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की।

MP में 31 जनवरी के बाद स्कूल खुलेंगे या नहीं, सुनिए मंत्री ने क्या कहा


बैतूल: मध्य प्रदेश में 31 जनवरी के बाद भी स्कूल खुलने की जल्दी संभावना (Possibility of School opening after 31 January) नहीं है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Minister Inder Singh Parmar) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 का प्रकोप पूरे प्रदेश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसे देखते हुए नहीं लगता है कि 31 जनवरी या इसके ठीक बाद स्कूल खुल सकेंगे। इंदरसिंह परमार ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए बैतूल आए थे।

Bhind Viral Video: भाषण के बीच ग्राउंड में घुसे सांढ को देख चढ़ा मंत्री का पारा, एसडीएम-कलेक्टर को लगाई फटकार

उन्होंने कहा कि यदि कोरोना का संक्रमण इसी तरह बढ़ता रहा तो स्कूल नहीं खोले (MP School Reopening News) जा सकते हैं। संक्रमण की रफ्तार पर नियंत्रण के बाद ही स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाएगा। कोविड संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। स्थिति की समीक्षा कर उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। परमार ने यह भी कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई हर जगह संभव नहीं है। सभी सरकारी स्कूलों में इसकी व्यवस्था नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई एक काम चलाऊ व्यवस्था है। इस पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जा सकता है। मंत्री ने कहा कि स्कूल बंद होने के चलते शिक्षक और विद्यार्थियों को एक-दूसरे के संपर्क में रहने की जरूरत है।


via WORLD NEWS

El profeta de los fichajes del fútbol


en Español New York TimesBy BY RORY SMITH Via NYT To WORLD NEWS

डेप्यूटेशन पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध हुआ तेज, 9 गैर-भाजपा शासित राज्य हुए लामबंद

नयी दिल्ली: ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और झारखंड समेत अब तक नौ गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र के प्रस्ताव के विरोध में यह कहते हुए साथ आ गए हैं कि यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा है कि राज्य प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को नहीं मुक्त कर रहे हैं जिससे केंद्र में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। राज्य की शक्ति छीनने का आरोप कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों ने कहा कि केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर तक आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व घट रहा है क्योंकि अधिकतर राज्य केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) के अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर रहे हैं और केंद्र में सेवा के लिए उनके द्वारा प्रायोजित अधिकारियों की संख्या बहुत कम है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को एक कैडर आवंटित किया जाता है, जो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश होता है। प्रत्येक कैडर को एक सीडीआर की अनुमति होती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर काम करने का अवसर मिले। यह अधिकारियों के अनुभव को भी बढाता है। डीओपीटी ने हाल में आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए केंद्र के अनुरोध को रद्द करने के लिए राज्यों की शक्ति को छीन लेगा। इन राज्यों ने किया विरोध विरोध करने वाले राज्यों की सूची में शामिल हुए ओडिशा ने कहा कि यह कदम एक बार लागू होने के बाद राज्यों के प्रशासन को प्रभावित करेगा और विभिन्न विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रभाव डालेगा। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान ने भी संशोधनों के खिलाफ आवाज उठाई है। सबसे पहले सीएम ममता बनर्जी ने किया विरोध झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रस्तावित संशोधनों को कठोर और ‘एकतरफा कार्रवाई को बढ़ावा देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रस्ताव को छोड़ देने के लिए कहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कदम के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की। बनर्जी ने मोदी से प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया क्योंकि यह ‘अधिकारियों के बीच ‘डर की भावना’ पैदा करेगा और उनके प्रदर्शन को प्रभावित करेगा।’ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी प्रधानमंत्री से इस कदम को छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा है कि यह देश की संघीय नीति और राज्यों की स्वायत्तता की जड़ पर हमला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सीएम ने किया विरोध राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रस्तावित बदलाव केंद्र और राज्य सरकारों के लिए निर्धारित संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करेंगे और अधिकारियों द्वारा बेखौफ तथा ईमानदारी से काम करने की भावना को कम करेंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रस्तावित संशोधन सहयोगात्मक संघवाद की भावना के खिलाफ हैं और यदि इसे लागू किया जाता है तो राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था ‘‘चरमरा’’ सकती है। IAS अधिकारी ने बताई मन की बात महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के साथ काम करने से अधिकारियों का नजरिया व्यापक होता है। अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए डीओपीटी राज्यों को पत्र लिखकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग कर रहा है। डीओपीटी ने पिछले साल जून में सभी राज्य सरकारों को उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव के स्तर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिक अधिकारियों को नामित करने को कहा था। केंद्रीय कर्मचारी योजना (सीएसएस) के तहत आमतौर पर केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों (अर्थात केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर) में उप सचिव, निदेशक और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। डीओपीटी के सूत्रों के अनुसार, सीडीआर पर आईएएस अधिकारियों की संख्या 2011 में 309 से घटकर 223 हो गई है। केंद्र ने बताई अपनी मजबूरी सूत्रों ने कहा कि केंद्र में पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की अनुपलब्धता केंद्र सरकार के कामकाज को प्रभावित कर रही है क्योंकि केंद्र को नीति निर्माण और कार्यक्रम कार्यान्वयन में नयी जानकारी प्राप्त करने के लिए इन अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अधिकारियों का राज्य से केंद्र और केंद्र से राज्य में भेजा जाना, दोनों के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद है क्योंकि यह प्रभावी कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए राज्यों के साथ बेहतर समन्वय की दिशा में योगदान देने के अलावा अधिकारियों के पेशेवर विकास को सक्षम बनाता है। सूत्रों ने कहा कि अधिकतर राज्य कैडर द्वारा निर्धारित सीडीआर के अनुसार अधिकारियों की संख्या को प्रायोजित नहीं करने के कारण कैडर में अधिकारियों की कमी है।

Bhind Viral Video: भाषण के बीच ग्राउंड में घुसे सांढ को देख चढ़ा मंत्री का पारा, एसडीएम-कलेक्टर को लगाई फटकार


गणतंत्र दिवस (Republic Day News) पर भिंड में ध्वजारोहण करने आए प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Minister Govind Singh Rajpoot) भड़क गए। सर्किट हाउस की व्यवस्थाओं से नाराज राजपूत जब भाषण दे रहे थे तो ग्राउंड में दो सांढ घुस आए। नाराज राजपूत ने पहले कलेक्टर को डांटा और फिर सबके सामने ही एसडीएम को भी फटकार लगाई।

भिंड (Bhind News) में गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अनोखा नजारा देखने को मिला। ध्वजारोहण के लिए पहुंचे प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाषण के बीच में पहले तो दो सांड परेड ग्राउंड में घुस आए। सांड को भगाने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद राजपूत जब वहां से विदा होने लगे तो उन्होंने सबके सामने एसडीएम को फटकार लगा दी। राजपूत ने एसडीएम को चेतावनी देते हुए कहा कि अपनी व्यवस्थाएं सुधार लो, नहीं तो घर जाओ।

एसडीएम को डांटने के बाद राजपूत अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। इससे पहले मीडियाकर्मियों ने उनसे एसडीएम को डांट का कारण पूछा तो वे चुप्पी साध गए। हालांकि, उनकी डांट का वीडियो अब वायरल (Bhind Viral Video) हो रहा है।


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