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Saturday, January 29, 2022
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इस हर्बल धूप का धुआं कर देगा कोरोना का काम तमाम! BHU की स्टडी में बड़ा दावा
नई दिल्ली: कोरोना और ओमीक्रोन वायरस के खतरे के बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चर्स ने इलाज के क्षेत्र में नए उपचार का दावा किया है। बीएचयू के रिसर्चर्स ने पाया है कि एयरवैद्य हर्बल धूप के धुएं की विषाणु रोधी, जीवाणु रोधी और सूजन रोधी विशेषताएं वायु के माध्यम से फैलने वाले संक्रमण को रोकने में प्रभावी हो सकती हैं। एमिल फॉर्मास्युटिकल द्वारा निर्मित एयरवैद्य में 19 औषधीय पौधों से प्राप्त ‘फाइटोकेमिकल’ (पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न जैव सक्रिय रसायन) शामिल किये गये हैं, जो कोरोना वायरस का मुकाबला करने में अपने संभावित उपचारात्मक प्रभावों को लेकर जाने जाते हैं। एयरवैद्य धूप में राल, नीम पत्र, वास, अजवाइन, हल्दी, लेमनग्रास (लामज्जका), वाच, तुलसी, पीली सरसों, सफेद चंदन, उशीर, गुग्गल, नगरमोठ, मेहंदी, टागर, लोबान, कर्पूर, जिगत और इलायची का चूर्ण शामिल किये गए हैं। अनुसंधान दल का नेतृत्व करने वाले बीएचयू के इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के रस शास्त्र (आयुर्वेद) विभाग के प्रोफेसर डॉ. केआरसी रेड्डी ने कहा, ‘हालांकि, धूपन, का उल्लेख सदियों से आयुर्वेद में इसकी सूक्ष्मजीव रोधी, कवक रोधी, विषाणु रोधी क्षमताओं को लेकर किया गया है, पर कोविड-19 के मामले बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह प्रथम वैज्ञानिक अध्ययन है।’ डॉ. रेड्डी ने कहा कि अध्ययन में शामिल किये गये लोगों को दो समूहों में विभाजित किया किया, हस्तक्षेप समूह (150 लोगों का) और नियंत्रित समूह (100 लोगों का)। चूंकि कोरोना वायरस मानव के अंदर नाक और मुंह से प्रवेश करता है, ऐसे में औषधीय धुआं उपचार प्रथम समूह के लोगों को उपलब्ध कराया गया। उनसे एयरवैद्य हर्बल धूप के धुएं को दिन में दो बार 10 मिनट सांस के जरिए अंदर खींचने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को ऐसा उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘इसके उत्साहवर्धक नतीजे सामने आए। प्रथम समूह में महज चार प्रतिशत में औषधीय उपचार के बाद बुखार, खांसी, सर्दी या स्वाद या गंध का पता नहीं चलने जैसे कोविड के लक्षण देखे गये।’ उन्होंने कहा, ‘वहीं दूसरी ओर, कम से कम से 37 प्रतिशत लोगों में, जिन्हें इस तरह का उपचार नहीं दिया गया, कोविड जैसे लक्षण पाये गये।’ उन्होंने कहा कि यह धुआं रासायनक रूप से भी कीटों पर प्रथम चरण के क्लिनिकल परीक्षण में सुरक्षित पाया गया है। एमिल फार्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक डॉ संचित शर्मा ने कहा, ‘हर्बल धूप उशीर, गुग्गल, नगरोठ, मेहंदी, जिगट और घी जैसे गुणकारी उपचारात्मक प्रभाव रखता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर कोरोना वायरस को मानव शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। ’ यह अध्ययन एमिल फार्मास्युटिकल के सहयोग से किया गया। बीएचयू के अनुसंधानकर्ताओं ने एयरवैद्य हर्बल धूप का दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण अब पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस धूप का उपयोग घरों और कार्यालय परिसरों में किया जा सकता है।
चुनाव में मंदिर-मस्जिद क्यों दिखा रहे हो? जब टीवी एंकर पर बौखला गए राकेश टिकैत
नई दिल्ली: यूपी में चुनाव (UP Elections 2022) सिर पर खड़े हैं। माहौल गरमागरम है। टीवी डिबेट में इसकी गरमी चरम पर है। फिर उसमें किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंच जाएं तो समझ ही सकते हैं कि क्या होगा। शनिवार को इसकी बानगी देखने को मिली। एक टीवी शो में टिकैत (Angry Rakesh Tikait) ने अपना रौद्र रूप दिखाया। अपनी अक्खड़ और तेज आवाज में वह एंकर को आंख तरेरते दिखाई दिए। धमकी दी और चैनल वालों को बुरा-भला कहने लगे। एंकर (Tikait fights with Anchor) भी पश्चिमी यूपी के थे। उन्होंने भी उसी तेवर के साथ टिकैत को अपनी मर्यादा याद दिलाई। राकेश टिकैत को बतौर मेहमान बुलाना एक टीवी चैनल को भारी पड़ गया। चर्चा धरी की धरी रह गई और बात तू-तड़ाक पर पहुंच गई। चैनल ने डिबेट के लिए किसानों का मुद्दा लिया था। बात यह होनी थी कि किसान का मुख्यमंत्री कौन है। हालांकि, कुछ ही देर में टिकैत शो के मंच पर तेज-तेज चीखने लगे। वह विषय के बजाय तस्वीर पर बातें करने लगे। इसी पर टॉपिक लिखा गया था। इसमें मंदिर-मस्जिद सहित प्रतीकों को दर्शाया गया था। चर्चा के बीच में ही राकेश टिकैत बिल्कुल बिगड़ गए। उन्होंने एंकर से पूछा, 'किसके कहने पर कर रहे हो ये काम। मंदिर और मस्जिद दिखाआगे। क्या दिखा रहे हो। ऐसा नहीं दिखा सकते। आप चैनल वाले किसी का प्रचार नहीं कर सकते हैं। गलत (फटकारते और चीखते हुए)। चैनल वाले देश को बर्बाद करना चाहते हैं। कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है।' 'चुनाव मंच' नाम के इस शो में एंकर और टिकैत बिल्कुल अगल-बगल खड़े थे। जब राकेश टिकैत बेकाबू हो आंख दिखा-दिखाकर चीखने लगे तो एंकर ने उन्हें चुप हो जाने के लिए कहा। एंकर ने कहा कि वह इस तरह व्यवहार नहीं करें। वह मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। एंकर ने कहा कि विषय साफ लिखा है और वह उसी पर बोलें। इस पर टिकैत बोले -'ये नीचे क्या है। यहां हॉस्पिटल दिखाओ।' एंकर ने कहा - 'किसान का मुख्यमंत्री कौन। यह टॉपिक है। इस पर प्रतिक्रिया दें। मंदिर-मस्जिद को राजनीतिक मुद्दा आप लोग बनाते हैं। ऊपर क्या लिखा है देखिए।' इस पर भी राकेश टिकैत को आंख निकालते देख एंकर ने कहा- 'मैंने आपको किसानों के मुद्दे पर बात करने के लिए बुलाया और आप चीख रहे हैं। ये क्या तरीका है बात करने का। मैं भी वेस्टर्न यूपी का ही हूं टिकैत साहेब। ये मत समझिए। वो है टॉपिक।' कुछ ही देर में टीवी डिबेट का यह अंश काफी वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर लोग इसे खूब शेयर कर चटकारे लेने लगे। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर राकेश टिकैत ट्रेंड होने लगे।
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