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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Friday, January 28, 2022

74 साल बाद पाकिस्‍तान में पुरखों के गांव जा रहे सिका खान, करतारपुर में भाई से हुई थी मुलाकात

नई दिल्‍ली: भारत में रहने वाले हबीब खान उर्फ शेला (सिका खान) () के लिए इससे बड़ी खुशखबरी नहीं हो सकती है। हाल में 74 साल बाद वह करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Corridor) में पाकिस्‍तान में रह रहे अपने बड़े भाई से मिले थे। अब उन्‍हें अपने रिश्‍तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्‍तान जाने का वीजा मिल गया है। शुक्रवार को स‍िका खान को वीजा मिला। दोनों भाई भारत-पाकिस्तान बंटवारे (India-Pakistan Partition) में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। खान के पाकिस्‍तान में रह रहे भाई का नाम मुहम्मद सिद्दीक है। सिका खान पंजाब में बठिंडा जिले के फुलेवाला गांव के रहने वाले हैं। हाल में भाइयों के मुलाकात की तस्‍वीरों ने दोनों देशों के लोगों के दिलों को छू लिया था। 80 साल के मुहम्मद सिद्दीक पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में रहते हैं। वो बंटवारे के वक्त अपने परिवार से अलग हो गए थे। करतारपुर कॉरिडोर में इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को देख दोनों की आंखें भर आई थीं। वो भावुक होकर गले मिले थे। इसी मुलाकात में ही सिका खान को यह भी पता चला था कि जन्‍म के समय उनका नाम हबीब खान रखा गया था। दोनों भाइयों ने 2019 में वीडियो कॉल के जरिये पाकिस्तान स्थित YouTube चैनल पंजाबी लहर के प्रयासों के कारण एक-दूसरे के साथ संपर्क किया। उसने उनकी कहानी को उजागर किया। शुक्रवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने खान को सीमा पार अपने भाई और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए वीजा दिया। सोशल मीडिया पर खूब हुई थी चर्चा सोशल मीडिया पर इन दोनों भाइयों के मुलाकात का वीडियो भी खूब शेयर हुआ था। इसमें दोनों अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ करतारपुर कॉरिडोर में दिखाई दे रहे थे। मुलाकात के दौरान दोनों भाई एक दूसरे को भावुक होकर गले लगाते नजर आए थे। इस वीडियो में परिवार के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधन के अधिकारी भी नजर आ रहे थे। करतारपुर कॉरिडोर के बारे में भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान में भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है। करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से तीन से चार किलोमीटर दूर है और लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर है। यह सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था। ऐसे में सिख धर्म में इस गुरुद्वारे के दर्शन का बहुत अधिक महत्व है।

Indian Pharma Billionaires: डॉ लाल पैथ लैब्स से Dolo 650 तक... जानिए भारतीय दवा उद्योग के मालिकों की कितनी बढ़ी संपत्ति


कोरोना काल में जहां एक तरफ आम आदमी बेहाल है, कईयों की नौकरी छिन गई, कई लोगों के बिजनस ठप हो गए। ऐसे समय में कुछ अरबपतियों की दौलत कई गुना बढ़ गई। बात करें भारत के दवा उद्योग की तो इस दौरान दवा कंपनी के मालिकों ने जमकर पैसा छापा। इसमें से कई ऐसे नाम हैं जो काफी चर्चा में रहे। आइए जानते हैं भारतीय दवा उद्योग के अरबपति और उनकी संपत्ति के बारे में....

सीरम के अदार पूनावाला
अदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। अदार पूनावाला बिजनेस जगत का काफी जाना पहचाना नाम है, लेकिन कोरोना वायरस के बाद जब दुनिया को वैक्सीन की जरूरत पड़ी तो सीरम इंस्टीट्यूट और अदार पूनावाला का नाम चर्चा में आया। अगर बात साइरस पूनावाला की संपत्ति की करें तो साल 2021 के अंत में उनकी संपत्ति 17 करोड़ अमेरिकी डालर पर पहुंच गई थी।

डॉ लाल पैथ लैब्स के अरविंद लाल
अरविंद लाल डॉ लाल पैथलैब्स के एग्जीक्युटिव चेयरमैन हैं। डॉ लाल पैथ लैब्स के आउटलेट देश के कोन-कोने में मौजूद हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक लाल पैथलैब्स की कुल संपत्ति 2021 में लगभग 10 बिलियन डॉलर थी।

माइक्रो लैब्स के दिलीप सुराणा
कोरोना संकट के दौर में बहुत से लोगों ने डोलो 650 नाम के टेबलेट की मदद ली है। देशभर में डोलो टेबलेट की बिक्री इतनी बड़ी कि इसे बनाने वाली कंपनी के मालिक अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए हैं। डोलो 650 की शानदार बिक्री की वजह से दिलीप सुराणा अमीरों की संपत्ति में लिस्ट में शामिल हो गए हैं। साल 2020 में 1.6 अरब डॉलर की माइक्रो लैब्स की कुल संपत्ति बढ़कर 2.25 अरब डॉलर हो गई।

#IndianPharmaBillionaires #DrLalPathLabs #Dolo650 #IndianPharma


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Family members describe a jovial young officer who was ‘obsessed’ with law enforcement.


New York New York TimesBy BY ALEXANDRA E. PETRI Via NYT To WORLD NEWS

Bhaiyyu Ji Maharaj Case: मॉडलिंग से अध्यात्म की ओर आए भय्यू महाराज के प्यार, तकरार और सुसाइड की पूरी कहानी


मध्यप्रदेश के बहुचर्चित संत भय्यूजी महाराज ने साल 2018 में इंदौर स्थित अपने आश्रम में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में इंदौर की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। तीन साल बाद आए इस फैसले में तीन लोग दोषी करार दिए गए हैं।

इंदौर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को दोषी ठहराया है। तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। सेवादार विनायक पहले से ही इस मामले में जेल में बंद है।

राष्ट्रीय संत कहे जाने भय्यूजी महाराज ने 12 जून 2018 को कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मॉडलिंग से अध्यात्म की ओर आए भय्यू महाराज प्यार और तकरार के ऐसे दलदल में फंसे कि उनको अपनी जान गंवानी पड़ी।

महाराज की जिंदगी में भूचाल दूसरी शादी के ख्वाब के बाद ज्यादा आ गया। गृहस्थ संत भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था। पत्नी के निधन के कुछ दिनों बाद महाराज की केयरटेकर पलक पुराणिक के साथ बढ़ी।

पलक महाराज के इतने करीब पहुंच गई थी कि वह शादी का ख्वाब देखने लगी थी। इस बीच ग्वालियर की शिष्या डॉ आयुषी के साथ भी नवंबर 2016 से महाराज की नजदीकियां बढ़ने लगी। महाराज को डॉ आयुषी इतनी पसंद आ गई है कि वह शादी का विचार करने लगे।

15 दिन बाद ही 20 नवंबर 2016 को महाराज ने आयुषी को प्रपोज कर दिया था। इसके बाद दोनों परिवारों की मर्जी से 25 जनवरी 2017 को डॉ आयुषी और भय्यूजी महाराज की कोर्ट मैरिज हुई थी। बताया जाता है कि शुरुआत में डॉ आयुषी के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं थे। मगर महाराज ने उनके सामने मजबूरी बताई थी।

कोर्ट मैरिज के बाद दोनों ने धूमधाम से 30 अप्रैल 2017 को शादी रचाई थी। कोर्ट में दिए बयान में डॉ आयुषी ने कहा था कि भय्यूजी महाराज ने मुझसे और मेरे परिवार को बताया था कि मेरी आस्तीन में बहुत सांप हैं। जल्दी शादी करनी होगी। इसके साथ ही आयुषी ने यह भी कहा था कि पलक शादी के बाद महाराज को धमकी देकर गई थी।

पलक ने महाराज की बड़ी बहन से कहा था कि उन्होंने मुझसे शादी नहीं की तो परिणाम बहुत खराब होंगे। साथ में विनायक और शरद ने भी भय्यूजी महाराज को बर्बाद करने की धमकी दी थी। आयुषी ने बताया कि पलक, विनायक और शरद लगातार महाराज को ब्लैकमेल कर रहे थे। साथ ही हर महीने उनसे लाखों की वसूली करते थे। कई बार ये लोग कोरे चेक पर साइन करवाते थे।

साथ ही रेप केस में फंसाने की धमकी देते थे। महाराज सब कुछ सहन करते रहते थे। आज भी यह कयास लगाए जाते हैं कि महाराज ने इन्हीं लोगों से बचने के लिए डॉ आयुषी से शादी में जल्दबाजी की थी। मगर वह और उलझते गए। इस मामले में दोषियों को सजा तो हो गई है। मगर सवाल आज भी ये है कि भय्यूजी महाराज की संपत्ति पर हक किसका होगा।

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