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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Tuesday, July 20, 2021

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सिजन की कमी से एक भी मौत नहीं...संसद में सरकार

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान ऑक्सिजन की कमी से किसी के मरने की कोई सूचना किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से नहीं है। केंद्र सरकार ने यह जवाब राज्यसभा में पूछे गये एक जवाब के दौरान दिया। सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री का दावा सरकार से पूछा गया था कि क्या यह सच है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सिजन की भारी कमी होने के कारण बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई। इसपर सरकार की ओर से स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में कहा कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है और उनकी ओर से कोविड से हुई मौत की सूचना दी जाती है लेकिन इसमें भी ऑक्सिजन की कमी से किसी मौत की सूचना नहीं है। सोशल मीडिया पर हो रही सरकार के इस दावे की चर्चा सरकार के इस जवाब के बाद सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा हुई। दरअसल, कोविड की दूसरी लहर के दौरान कोरोना मरीजों के परिजनों की ऑक्सिजन के लिए भटकते हुए कई तस्वीरें आईं थीं। पूरे देश में इसकी कमी के कारण मरीजों को हो रहीं दिक्कतों को तब सरकार ने भी स्वीकारा था। ऐसे में सरकार के इस जवाब से विवाद पैदा हुआ। राज्यों की तरफ से मौत के कारण में ऑक्सिजन की कमी का जिक्र नहीं: सूत्र सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार ने मौत की रिपोर्ट में जिन कारणों का उल्लेख किया गया है उसी आधार पर यह रिपोर्ट दी है। इसमें ऑक्सिजन की कमी का जिक्र किसी मौत में नहीं किया गया। केंद्र सरकार के अनुसार इसका जवाब अलग-अलग राज्यों के अधिकारी ही बता सकते हैं। एक सीनियर अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि अगर लिखित रूप में ऑक्सिजन की कमी को मौत का कारण बताया जाता है तो यह गैर इरादतरन हत्या के केस में भी दर्ज कर हो सकता है। यही कारण है कि सिर्फ ऑक्सिजन को मौत का कारण बताना आसान नहीं है। विपक्ष ने सरकार को चेताया, तथ्य और आंकड़े नकारना पड़ेगा भारी दूसरी तरफ विपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह तथ्यों और आंकड़ों को नकारे नहीं, तभी भविष्य (तीसरी लहर) का सामना किया जा सकता है। राज्यसभा में कोरोना महामारी पर चर्चा के दौरान सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने सरकार को आगाह कि अगर तथ्यों और वास्तविकताओं को नकारा जाता है तो फिर भविष्य का सामना नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ऑक्सिजन सहित सभी सुविधाओं को तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार अवस्था में रखना होगा। उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकारी आंकड़ों में कोविड के कारण हुईं मौतों के मामलों के अलावा जिन लोगों की कोविड के कारण मौत हुई है, सरकार को उनका भी आंकड़ा उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा राज्य स्तर, जिला स्तर और श्मशानों में अवश्य दर्ज किया जाता है।

खादी का कुर्ता और कंधे पर गमछा...मिलिए, गजब की सादगी वाले रिटायर्ड IAS अफसर से

मुंबई अधिकारी बनने के बाद का मतलब क्या होता है..ठाठ बाट..खूब बढ़िया पोशाक, लेकिन हम जिनकी बात करने जा रहे हैं, वह अपने आप में ही अलग ओहदा रखते हैं। ओहदे से ज्यादा उनकी सादगी की चर्चा है और चर्चा भी ऐसी की आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां तक की रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने अपनी इस सादगी का दामन नहीं छोड़ा है। हम बात कर रहे हैं रिटायर्ट आईएएस कमल टावरी की। कमल टावरी का जन्म 1 अगस्त, 1946 को महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था। सादगी और ईमानदारी की हर तरफ चर्चा खादी का कुर्ता, लुंगी और कंधे पर गमछा ये पहनावा देखकर अच्छे-अच्छे लोग गच्चा खा जाएंगे, लेकिन एक कहावत है न कि आपकी पहचान आपके कपड़ों से नहीं बल्कि आपके काम और व्यवहार से तय होती है। कुछ ऐसे ही हैं कमल टावरी जिनकी सादगी और ईमानदारी की चर्चा हर जगह होती है। कमल टावरी फौजी भी रहे हैं, आईएएस ऑफिसर के रूप में कलेक्टर भी रहे, कमिश्नर भी रहे, भारत सरकार में सचिव भी रहे, एक लेखक भी हैं, समाज सेवी और मोटिवेटर भी हैं। रिटायर होने के बाद भी देश सेवा का काम बरकरार 2006 तक कई जिलों के कलेक्टर और कई जगहों के कमिश्नर रहने के अलावा राज्य और केन्द्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों के सचिव रह चुके हैं। अब रिटायर होने के बाद भी उन्होंने देश सेवा का काम बरकरार रखा है, बस अब तरीका अलग है। इस समय वे बेरोजगारी पर प्रहार करने के लिए युवाओं जागरूक कर रहे हैं। वे युवाओं को स्वरोज़गार के लिए प्रेरित करते हैं तथा लोगों को तनाव मुक्त जीवन जीने का हुनर सिखाते हैं। लिख डालीं हैं 40 पुस्तकें और एलएलबी और अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट रिटायर्ड आईएएस कमल टावरी ने अभी तक 40 पुस्तकें भी लिखीं हैं। एलएलबी होने के साथ साथ अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की है।लखनऊ के जवाहर भवन में ग्राम्य विकास आयुक्त के सभागार में कमल टावरी ने यह संकल्प लिया कि वह अब खादी के कपड़े ही पहनेंगे। सम्मान की लड़ाई के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा साल 1983 में कमल टावरी और उनके साथ आईपीएस ऑफिसर एसएम नसीम एक संदिग्ध सरकारी बस का पीछा कर रहे थे। 15 किमी पीछा करने के बाद दोनों अधिकारियों ने आजमगढ़ के अतरौलिया में बस को रोक लिया। इसी दौरान बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने दोनों अधिकारियों पर बुरी तरह हमला कर दिया। मामला कोर्ट में पहुंच गया। 29 साल सब्र करने के बाद हक में आया फैसला लगभग 29 साल बाद जब टावरी अपना केस इलाहाबाद कोर्ट में लेकर पहुंचे तब वहां से आदेश दिया गया कि इस केस पर लगातार छानबीन हो। अंत में 29 साल बाद 26 मार्च 2012 को इस केस का फैसला आया और दोनों आरोपियों को 3-3 साल की कैद हुई। युवाओं को स्वरोजगार के लिए करते हैं प्रेरित अपनी जिंदगी के 40 साल से ज़्यादा कई हाई क्लास ओहदो पर बैठने वाला शख्स आज गांव से लेकर युवाओं तक के लिए चिंतित है। कमल टावरी हर तरह से युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। कमल टावरी अब ज्यादातर समय गांवों के विकास और युवाओं को रोजगार के तरीके सीखाने में बिताते हैं।

ग्राउंड रिपोर्ट: 'जम्मूतवी स्टेशन पर टेस्ट कराया, कोरोना रिपोर्ट ली...वैष्णो देवी यात्रा में चेक ही नहीं हुई'

जम्मू जम्मूतवी रेलवे स्टेशन पर कतार लगी है। दोपहर के करीब 12 बजे का वक्त है, लाइन में लगे लोग अभी-अभी बेगमपुरा एक्सप्रेस से उतरे यात्री हैं, जिन्हें यहां पर मेंडेटरी कोविड टेस्ट कराने के बाद ही एंट्री दी जानी है। करीब 4-5 लाइन में लगे लोगों के बीच आधे वो लोग हैं, जिन्होंने मास्क नहीं लगाया है और अधिकतम वो जो शनिवार के इस रोज वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आए हैं। उत्तर भारतीय लोगों की इस जमात में पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और यूपी के लोग हैं। लखनऊ के कृष्णानगर के निवासी सुरेश वर्मा अपनी पत्नी मंजू के साथ वैष्णो देवी की यात्रा पर आए हैं और इस इंतजाम को संतुष्टप्रद मानते हैं कि यहां आने से पहले लोगों का कोविड टेस्ट कराया जा रहा है। हालांकि सुरेश उन लोगों पर हैरानी भी जताते हैं, जो दर्जनों की इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ते खड़े हैं और स्टेशन पर खड़े पुलिस वाले भी उन्हें कोई खास तरजीह नहीं देते। कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं सुरेश कहते हैं, ना जानें लोग मास्क क्यों नहीं लगाते...हजारों लोग रोज आ रहे हैं..मान लीजिए कोई भी संक्रमित हुआ और वो वैष्णो देवी की भीड़ में गया तो कितनों को संक्रमित करेगा। यहां ना भी हो, अगर वहां किसी लोकल से इंफेक्शन ले आया और ऐसे बिना मास्क घूमे तो क्या होगा?' सुरेश की बात पर हैरानी जताते लाइन में मेरे पीछे खड़े दो तीन झट से मास्क लगा लेते हैं...लेकिन और सब पर कोई असर नहीं होता। समझिए क्या है प्रोसिजर? कोविड का टेस्ट करने की प्रक्रिया से पहले यात्री को नाम और मोबाइल नंबर बताना होता है। इसके बाद आप जहां से आए वो और जहां जाना है वो जगह बतानी होती है। अगर आप वैष्णो देवी जाने को आए हों तो स्टेशन के रूम नंबर 5 जो कि एक पुलिस अधिकारी का कमरा है, वहां से एक पर्ची मिलती है...फिर स्टेशन की सीढ़ियों से बाहर बनेकोविड का टेस्ट करने की प्रक्रिया से पहले यात्री को नाम और मोबाइल नंबर बताना होता है। इसके बाद आप जहां से आए वो और जहां जाना है वो जगह बतानी होती है। इस अहम पर्ची के जरीए ही हो सकते हैं दर्शन टूरिस्ट रिसेप्शन काउंटर पर इसी पर्ची के सहारे एक फॉर्म मिलता है। इसमें डिटेल्स खुद भरनी होती है और फिर वहां खड़ा ऑफिसर इसपर मोहर मारकर कहता है, 'इस रिपोर्ट को दिखाओगे तो ही आपने मंदिर में एंट्री मिलनी है।' साथ मौजूद तमाम यात्री रिपोर्ट को बड़े करीने से संभाल कर रखते हैं। संभालना मतलब कोई पॉकेट के पैसों के साथ, कोई पत्नी के पर्स में, कोई सामान वाले झोले में तो कोई ऐसे रखता है, जैसे रिपोर्ट खो गई तो माता के दर्शन से वंचित रह जाएंगे। स्टेशन पर कोरोना का डर तो नहीं है, लेकिन दूसरे प्रदेशों से आए लोग बस इस बात से डरते हैं कि कोरोना की किसी रिपोर्ट के ना होने पर अगर दर्शन से रोक दिया गया तो क्या करेंगे। हालांकि इस बात का ध्यान रखने वाले लोग 20 फीसदी दिखते हैं, जो मास्क लगाकर ही स्टेशन की भीड़ में खड़े हों। जम्मू के बस स्टैंड पर बस मिलने में परेशानी जम्मूतवी स्टेशन से जुदा हालात जम्मू के बस स्टैंड के सामने भी नहीं हैं। कोरोना के नियम लागू कराने की एक होर्डिंग लगी है, लेकिन भीड़ में लागू कराना मुसीबत है। बस स्टैंड के सामने की एक दुकान पर पूछने पर दुकानदार कहता है- कटड़ा वास्ते बस चाहिए तो आप अग्गे केसी प्लाजा तक जाओ, उधर से फ्लाईओवर के नीचे बस और छोटी गाड़ी दोनों मिल जानी है। करीब 600 मीटर की दूरी के बाद केसी प्लाजा के सामने तमाम गाड़ियां खड़ी मिलती हैं, लोकल छोटी बसें जिन्हें स्थानीय लोग मेटाडोर कहते हैं और रियासी, रामबन, उधमपुर जाने वाली प्राइवेट व सरकारी बस। पेट्रोल के बढ़े दामों का किराए पर दिखता है साफ असर कटड़ा जाने के लिए तमाम वाहन मिलने का दावा है, लेकिन यात्रियों की बड़ी संख्या के बीच शनिवार के दिन बसों की संख्या कम है। जो एकाध बस आती हैं, वो 50 फीसदी कैपिसिटी के साथ परिचालन के दावे को मुंह चिढ़ाती हैं और ठसाठस होने के बाद मनमाने किराए के साथ चलने लगती हैं। कटड़ा से जम्मू की कुल दूरी करीब 46 किलोमीटर है। कुछ महीनों पहले इस रूट पर बस का किराया 60 से 80 रुपये तक था। अब बस वाले 100 से 160 रुपये तक चार्ज कर लेते हैं। एक यात्री की आपत्ति पर कहते हैं, कोरोना में गाड़ी बंद थी। अब पेट्रोल 101 रुपये हो गया है...बैठना हो बैठो, वरना उतर जाओ। 'कोरोना रिपोर्ट कहां-कहां मांगी जा रही' कटड़ा बस स्टैंड पर भीड़ का आलम वही है। बस स्टेशन पर होटल दिलाने के लिए यात्रियों को खोज रहे बलबीर मंगोत्रा कहते हैं, उनके पास 500 वाला कमरा भी है और 5000 वाला भी। मैंने सवाल किया...’कोरोना रिपोर्ट कहां-कहां मांगी जा रही’…बलबीर कहते हैं ...आपने टेस्ट कराया है ना सरजी... चलो ना...चंगा रूम दिलाना है मैंने वन थाउजेंड में एसी वाला...एकदम सामने...। हालांकि जिस कोरोना रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से यहां लेकर ही आने को कहा गया है..कटड़ा के स्थानीय होटल्स में इसे चेक करने का कोई खास बंदोबस्त नहीं है। 'कोरोना रिपोर्ट को चेक करने वाला कोई नहीं' शाम के वक्त बाणगंगा की चेकपोस्ट पर वैष्णो देवी यात्रियों की भारी भीड़ दिखती है। मैं जनवरी के महीने में जब यहां आया था तो इस चेकपोस्ट पर लोगों के शरीर का तापमान चेक करने के लिए वॉलिंटियर्स की तैनाती थी। हालांकि इस बार ऐसा नहीं है। लाइन में लगे दर्जनों लोग बिना मास्क दिखते हैं। चेक पोस्ट पर बने पर्ची चेकिंग के काउंटर पर भी इस बार कोई नहीं है, ना यहां पर कोई ऐसा दिखता है जो कि कोरोना रिपोर्ट को चेक करने वाला हो। भीड़ तोड़ रही है सारे कोरोना के नियम अपने बैग को एक्स-रे मशीन से कलेक्ट किए हुए कानपुर से आए योगेश शुक्ला कहते हैं, ‘मैं कानपुर की एक प्राइवेट लैब से टेस्ट कराकर आया हूं, स्टेशन पर भी टेस्ट हुआ है...रिपोर्ट लेने के लिए आधा घंटा लाइन में भी खड़ा रहा...यहां तो रिपोर्ट चेक करने तक को कोई नहीं।’ दिल्ली के बुराड़ी की रहने वाली मेघा अरोड़ा भी अपनी मां के साथ आए चेक पोस्ट पर खड़ी भीड़ को देखकर हतप्रभ हैं, खासकर ये कि मास्क लगाने वाले लोगों की संख्या 70 फीसदी से ज्यादा है। यात्रा ट्रैक के रास्तों पर बनी दुकानों पर फोटो खिंचाने के लिए लगी भीड़ से लेकर खाने-पीने के सामानों की दुकान तक...कोरोना के नियम कहीं नहीं हैं। दुकानों के बाहर भी दिखती है भारी भीड़ चरण पादुका मंदिर में लाइन, अर्धकुंवारी मंदिर और पिट्ठुओं के स्टैंड तक...लोग भीड़ में आगे बढ़ते दिखते हैं। यात्रा ट्रैक पर बनी एक सीढ़ी पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा कि भीड़ लोकल लोगों के कारण बढ़ी है, जो शनिवार-रविवार के दिनों में दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के रास्ते पर बरसते पानी के बीच श्राइन बोर्ड की ओर से संचालित ‘समीर’ नाम की एक दुकान के बाहर लोगों की भारी भीड़ लगी दिखती है। सोशल डिस्टेंसिंग का कहीं नहीं दिखता पालन मंदिर के मुख्य भवन तक पहुंचने पर ये भीड़ और बढ़ती है। मुख्य भवन परिसर के मनोकामना भवन के बाहर से ही कतार लगी है कि लोग प्रसाद ले पाएं। भीड़ जैसे हजारों में हो। आगे कुछ दूरी पर मंदिर के दर्शन की लाइन में 200 से अधिक लोग दिखते हैं वो भी रात के करीब 12 बजे। सुबह ये संख्या और बढ़ती है। लाइन में लगे लोगों के बीच कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिखता। भीड़ में दर्शन की तस्वीरों में बच्चे भी हैं, महिलाएं भी, बुजुर्ग भी और नौजवान भी। मंदिर के मुख्य भवन तक कोई रिपोर्ट चेक नहीं की जाती ये लोग कोरोना की दूसरी लहर की पीक बीतने के 2 महीनों बाद यहां पर आए हैं। लोग लापरवाह दिखते हैं। आस्था के इस मंदिर में हर शनिवार रविवार 20 हजार के आसपास लोग दर्शन करने आ रहे हैं, लेकिन इनमें से कितनों के पास कोरोना की सही रिपोर्ट है, ये बताना मुश्किल है। स्थितियां कागजों पर नियमों की हैं। दूसरे राज्य से आए यात्रियों से रास्ते भर से लेकर मंदिर के मुख्य भवन तक कोई रिपोर्ट चेक नहीं की जाती। उठे हैं कई बड़े सवाल यात्रा ट्रैक पर जयपुर के जोतवारा इलाके के निवासी भीम सिंह कहते हैं कि वो पूजा एक्सप्रेस से जम्मू आए थे लेकिन उनका कोई कोरोना टेस्ट नहीं हुआ। सवाल है कि क्या किसी स्पेशल ट्रेन से आने वालों के ही टेस्ट हो रहे हैं? एक सवाल ये भी कि वैष्णो देवी आ रहे हजारों लोगों के बीच रिपोर्ट की अनिवार्यता के बावजूद इसे चेक क्यों नहीं किया जा रहा? ये प्रश्न बड़ा है कि अगर बसों से लेकर यात्रा ट्रैक पर बेतहाशा भीड़ बढ़ रही है, तो पहले की तरह ट्रैक पर दर्शनार्थियों की सीमा का कोटा निर्धारित कर भीड़ नियंत्रित क्यों नहीं की जा रही है?

3 डोज, सुई की जरूरत नहीं...देश में बन रही पहली DNA वाली कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को जल्द ही एक बड़ा हथियार मिलने वाला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में बताया कि कैडिला की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। यह डीएनए वैक्सीन होगी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन सकता है जिसके पास इस महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा। मंडाविया ने कहा कि कई भारतीय कंपनियां कोरोना से बचाव के अपने टीकों का उत्पादन बढ़ा रही हैं। उन्होंने ‘देश में कोविड-19 महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां’ विषय पर उच्च सदन में हुई अल्पकालिक चर्चा के जवाब में बताया कि कैडिला हेल्थकेयर लि. के डीएनए आधारित टीके का तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है। कैसे काम करती है डीएनए वैक्सीन जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी। इसके जरिए जेनेटिकली इंजीनियर्ड प्लास्मिड्स को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। इससे शरीर कोविड-19 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन होता है और इस तरह वायरस से बचाव वाले एंटीबॉडी पैदा होते हैं। ज्यादातर कोरोना वैक्सीन के 2 डोज लगते हैं लेकिन कैडिला की इस वैक्सीन के 3 डोज लगेंगे। नहीं होगा दर्द, सूई से नहीं बल्कि खास डिवाइस से लगेगी इस वैक्सीन के बारे में एक और खास बात है। यह सूई से नहीं लगाई जाएगी। इसे एक खास डिवाइस के जरिए लगाया जाएगा। जायडस कैडिला का दावा है कि इस मेथड से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा। कंपनी का तो यहां तक दावा है कि इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी कम हो सकते हैं। बहुत ज्यादा ठंडे तापमान में भी रखने की जरूरत नहीं फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को बहुत ही ज्यादा ठंड तापमान में रखने की जरूरत होती है। इस वजह से उनके ट्रांसपोर्टेशन और स्टोरेज में तमाम तरह की चुनौतियां होती हैं। इसके उलट कैडिला की इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट और स्टोर किया जा सकेगा और वैक्सीन की बर्बादी कम होगी। कोरोना की डीएनए वैक्सीन वाला पहला देश होगा भारत स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘इसने आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी हासिल करने के वास्ते भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) के सामने अंतरिम आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।' उन्होंने कहा कि अपेक्षित मानक पूरे होने पर जब यह टीका बाजार मे आ जाएगा तब यह देश का, पहला डीएनए आधारित टीका होगा और तब भारत भी ऐसा पहला देश होगा जिसके पास कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा।’ नाक से दिए जाने वाले टीके का भी चल रहा ट्रायल मंडाविया ने बताया कि भारतीय कंपनियों को कोविड-19 रोधी टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया जा रहा है। इसके अलावा नाक से दिए जाने वाले टीके का भी परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे देश के वैज्ञानिकों और कंपनियों पर पूरा भरोसा है।' भारत बायोटेक और कैडिला की वैक्सीन का बच्चों पर भी ट्रायल स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला ने बच्चों पर टीकों का परीक्षण शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि इसमें सफलता मिलेगी और बच्चों के लिए भी टीका उपलब्ध हो जाएगा।

औरंगाबाद में बालू तस्करों ने की पुलिस पर फायरिंग, दो गिरफ्तार


औरंगाबाद।
औरंगाबाद में अवैध बालू की सूचना मिलने पर गई पुलिस टीम पर बालू माफियाओं ने फायरिंग शुरू कर दी। बताया गया कि जब पुलिस ने अवैध बालू को जब्त किया, तो स्कार्पियो सवार कुछ लोग वहां पहुंचे और खुद को पुलिस वाले बताते हुए ट्रैक्टर को छोड़ने की बात कही। थाने की पुलिस ने जब उनसे उनका परिचय पत्र मांगा तब उन्होंने पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद थाने से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर स्कार्पियो सवार लोगों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि दो भागने में सफल रहे।


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बुजुर्ग के लिए 'यमराज' बनकर आ गई बस, मुजफ्फरपुर के बैरिया गोलंबर पर रौंद डाला


मुजफ्फरपुर।
तेज रफ्तार कहर ने एक बुजुर्ग की जान ले ली। मुजफ्फरपुर के बैरिया गोलंबर पर बस ने एक आदमी को रौंद डाला। मृतक की पहचान बैरिया कोल्हुआ गांव निवासी 60 वर्षीय रामविलास साह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि रामविलास साह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और इलाज करा कर पैदल ही अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान ओवरटेक करने को लेकर जय माता दी नाम की बस ने कुचल दिया। जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई। घटना से गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर बस में जमकर तोड़फोड़ की। इधर, मौका देख कर बस ड्राइवर फरार हो गया। सूचना पर पहुंची अहियापुर पुलिस के साथ QRT की टीम ने थोड़ा बल प्रयोग कर जाम को समाप्त कराया। शव को एसकेएमसीएच भेजा गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन बैरिया गोलंबर पर ओवरटेक करने के चक्कर में इस तरह की दुर्घटना होती रहती है। लोगों ने बताया कि अगर प्रशासन इस पर कंट्रोल नहीं करती है तो किसी दिन बड़ा हादसा भी हो सकता है।


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Toll Tax के चक्कर में भीषण हादसा, सड़क छोड़ पटरी पर पहुंची कार, मालगाड़ी ने उड़ाया, देखें- Live वीडियो


जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी इलाके में रोड टैक्स बचाने के चक्कर में एक बोलेरो कार भीषण हादसे का शिकार हो गई। यह हादसा ख़िरवा टोल नाके के पास हुआ। यहां कार चालक टोल रोड छोड़कर कच्ची सड़क से टोल नाका पार करने की फिराक में था। लेकिन रास्ते में कार ने धोखा दे दिया और रेल पटरी पर गाड़ी फंस गई।
'पेगासस' के बहाने कांग्रेस का वसुंधरा पर निशाना, डोटासरा बोले- राजे के फोन किये गये टैप


कार बंद पड़ गई और इसी दौरान वहां एक मालगाड़ी आ पहुंची। और देखते ही देखते बोलेरो कार को टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि कार परखच्चे उड़ गए। हालांकि गनीमत रही कि इस भीषण हादसे के बाद भी न ट्रेन को कोई भारी नुकसान हुआ न कार सवार किसी शख्स की जान गई। दरअसल, इस टक्कर से पहले कार में सवार लोग उतर चुके थे। और इस तरह उनकी जान बच गई।
Alwar News: पिस्तौल लहराते फायरिंग करने वाले 'बिल्लू' का वीडियो वायरल


इस हादसे का एक लाइव वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो रहा है। आप भी देखिये कैसे टोल टैक्स बचाने के चक्कर में लाखों रुपये की कार गंवा बैठा ये शख्स...


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WORLD NEWS: Karol Markowicz: It's my America-versary – I'm grateful for the US and it shouldn't be wrong to celebrate it


"Karol Markowicz: It's my America-versary – I'm grateful for the US and it shouldn't be wrong to celebrate it It’s a tough moment to be a patriot. Radicals are rewriting our history, framing America not as a shining beacon of freedom, but a pit of wickedness. Opinion" Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Radical group aims to 'disrupt,' 'dismantle' schools by injecting racially focused agenda


"Radical group aims to 'disrupt,' 'dismantle' schools by injecting racially focused agenda null U.S. " Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Biden administration renews COVID-19 'public health emergency' declaration


"Biden administration renews COVID-19 'public health emergency' declaration The Biden administration has once again renewed a declaration that a “public health emergency” exists due to the continued spread of the coronavirus. U.S. " Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Dr. Nesheiwat: 'No evidence' of overall net benefit of young children wearing masks


" Dr. Nesheiwat: 'No evidence' of overall net benefit of young children wearing masks Fox News medical contributor Dr. Janette Nesheiwat explains her view of the AAP's recommendation Education" Via FOX NEWS To WORLD NEWS

WORLD NEWS: Common COVID-19 antibiotic flops in clinical trial: Experts weigh in


"Common COVID-19 antibiotic flops in clinical trial: Experts weigh in Azithromycin, an antibiotic used to treat COVID-19, was no more effective at freeing non-hospitalized patients of COVID-19 symptoms than a placebo, a study found. Health" Via FOX NEWS To WORLD NEWS

Bezos’ remark about Amazon prompted a backlash over his vast wealth.


Science New York TimesBy BY NEIL VIGDOR Via NYT To WORLD NEWS

Extremist or Bridge-Builder? A Brawl Over Biden’s Pick to Oversee Public Lands.


Climate New York TimesBy BY LISA FRIEDMAN Via NYT To WORLD NEWS

Biden names a foe of Big Tech to head the Department of Justice’s antitrust division.


Business New York TimesBy BY LAUREN HIRSCH Via NYT To WORLD NEWS

Indonesia extends restrictions during a Muslim holiday.


World New York TimesBy BY RICHARD C. PADDOCK AND MUKTITA SUHARTONO Via NYT To WORLD NEWS

Biden Celebrates Super Bowl Champions at the White House


U.S. New York TimesBy BY THE NEW YORK TIMES Via NYT To WORLD NEWS

This Holiday Season: Cows, Goats and Buffaloes Delivered to Your Door


World New York TimesBy BY SAIF HASNAT AND MUJIB MASHAL Via NYT To WORLD NEWS

France Passes Climate Law, but Critics Say It Falls Short


World New York TimesBy BY AURELIEN BREEDEN Via NYT To WORLD NEWS

E.U. Slams Poland and Hungary on Rule of Law, but to Little Effect


World New York TimesBy BY STEVEN ERLANGER AND MONIKA PRONCZUK Via NYT To WORLD NEWS

नोएडा पहुंचे बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष, स्वागत में लग गया लंबा जाम


उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी नोएडा पहुंचे। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता प्रांशु दत्त के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में जुट गए। इसकी वजह से नोएडा डीएनडी फ्लाई ओवर और नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। यही नहीं, आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच बड़ी संख्या में लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन किया। सवाल उठता है कि क्या इस मामले को लेकर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी।


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जब कल्याण सिंह की कुर्सी छीनी तो अटल बिहारी वाजपेयी अनशन पर बैठ गए


बात है साल 1988 की। तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh News Hindi) अपने प्रत्याशी के पक्ष में अमरोहा के रहरा में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। जनसभा के बीच कल्याण सिंह को फोन आया। खबर आई कि कल्याण सिंह की सरकार गिर गई है। जानकारी मिली कि कांग्रेस के जगदंबिका पाल मुख्यमंत्री बना दिए गए हैं। दरअसल 21 फरवरी 1998 को कल्याण सिंह को राज्यपाल ने बर्खास्त कर दिया था। तत्कालीन गवर्नर रोमेश भंडारी के इस फैसले से सभी हैरान थे। गवर्नर ने जगदंबिका पाल को रात के तकरीबन साढ़े 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। इससे पहले जगदंबिका पाल कल्याण सिंह की ही कैबिनेट में मंत्री हुआ करते थे। राज्यपाल के इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने विरोध करना शुरू कर दिया। बीजेपी यूपी की सत्ता से बेदखल हुई तो अटल आमरण अनशन पर बैठ गए। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। कोर्ट का फैसला बीजेपी के खाते में करिश्मा ले आया। राज्यपाल के फैसले पर रोक लगा दी गई। हाई कोर्ट ने राज्यपाल को बदलने का आदेश दिया। विधानसभा में जगदंबिका पाल बहुमत साबित नहीं कर पाए। उन्हें कुर्सी से उतरना पड़ा। अब यह किस्सा वन डे वंडर ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स के नाम से मशहूर हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी की बदौलत कल्याण फिर सत्ता में लौटे।


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'कृषि कानूनों पर दोहरे चेहरे की राजनीति कर रही आप, कांग्रेस'


अकाली दल ने कृषि कानूनों के खिलाफ आज संसद के बाहर प्रदर्शन किया। अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि आज, कांग्रेस ने लोकसभा में कृषि मुद्दों के अलावा सभी मुद्दों को उठाया। इसे किसानों की कोई परवाह नहीं है। कृषि कानून पेश किए जाने पर आप और कांग्रेस दोनों ने बहिर्गमन किया था। वे दोहरे चेहरे वाले हैं। केवल अकाली दल ही इसे बढ़ा रहा है। हम आज भी सदन के स्थगन के लिए फाइल करेंगे।


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