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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Thursday, December 9, 2021

मेजर जनरल बनने वाले थे ब्रिगेडियर लिड्डर, पर होनी को कुछ और ही मंजूर था

नई दिल्ली कुन्नूर के नजदीक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए सैनिकों में ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर भी शामिल थे जिन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के रक्षा सहायक के तौर पर तीनों सेनाओं में सुधार के लिए व्यापक कार्य किए थे। दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी ब्रिगेडियर लिड्डर की जल्द ही मेजर जनरल के तौर पर पदोन्नति होने वाली थी और जनरल रावत की टीम में एक वर्ष से अधिक समय तक काम करने के बाद वह अपने अगले पदस्थापना के लिए तैयारियां कर रहे थे। ब्रिगेडियर लिड्डर ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियानों में काफी काम किया और चीन के साथ लगती भारतीय सीमा पर एक ब्रिगेड का नेतृत्व किया। जनरल रावत के रक्षा सहायक के तौर पर ब्रिगेडियर लिड्डर ने भारत के रक्षा सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके तहत तीनों सेनाओं के लिए थियेटर कमान बनाने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है ताकि सुनिश्चित किया जाए कि सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच समन्वय बढ़ सके। भारतीय वायुसेना के एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, ब्रिगेडियर लिड्डर और 10 अन्य सैन्यकर्मियों की मृत्यु हो गई। सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित ब्रिगेडियर लिड्डर हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले थे और रक्षा अताशे के तौर पर कजाकिस्तान में भी पदस्थ रहे थे। वह दिसंबर 1990 में 2 जम्मू-कश्मीर राइफल्स से जुड़े और बाद में इसका नेतृत्व भी किया। सेना में सेवा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट करते हुए ब्रिगेडियर लिड्डर को सबसे बहादुर अधिकारियों में से एक बताया। ब्रिगेडियर लिड्डर के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी है।

चॉपर और प्लेन के ब्लैक बॉक्स में क्या फर्क होता है? इससे पता चलती है 'अंदर की बात'

नई दिल्‍ली तमिलनाडु के कुन्‍नूर में सीडीएस बिपिन रावत को ले जा रहे विमान के क्रैश होने के बाद की काफी चर्चा है। बुधवार को जो एमआई-17 हेलीकॉप्‍टर दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ, बताया जाता है कि उसका ब्‍लैक बॉक्‍स मिल गया है। इसके मिलने के बाद हेलीकॉप्‍टर क्रैश से जुड़े कई राजफाश होंगे। आखिर ये ? एक चॉपर और प्‍लेन के ब्‍लैक बॉक्‍स में क्‍या फर्क होता है? आइए, यहां इन सवालों के जवाब जानते हैं। क्‍या होता है 'ब्‍लैक बॉक्‍स' अपने नाम के उलट ब्‍लैक बॉक्‍स न तो ब्‍लैक होता है न ही यह किसी तरह का बक्‍सा यानी बॉक्‍स होता है। असलियत में यह एक कंप्रेसर के आकार का डिवाइस होता है। यह अच्‍छी तरह से दिखे, इसलिए इसे ऑरेंज कलर में पेंट किया जाता है। यह अब तक एक गुत्‍थी है कि इसके अनौपचारिक उपनाम की उत्पत्ति कैसे हुई। वैसे कई इतिहासकार इसके निर्माण का श्रेय 1950 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वॉरेन को देते हैं। क्‍या होता है प्‍लेन और हेलीकॉप्‍टर के ब्‍लैक बॉक्‍स में फर्क? तकरीबन हर एक प्‍लेन में ब्‍लैक बॉक्‍स होता है। इसे अक्‍सर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर या ब्लैक बॉक्स कहा जाता है। ये विमानों के बारे में डेटा स्टोर करते हैं। इनके जरिये हवाई दुर्घटना की जांच में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के आसार रहते हैं। जहां तक हेलीकॉप्‍टर का सवाल है तो यहां एक बात को समझना होगा। सभी हेलीकॉप्‍टरों में ब्‍लैक बॉक्‍स नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि ब्‍लैक बॉक्‍स को इंस्‍टॉल करना खर्चीला होता है। इस डिवाइस के मेनटिनेंस की भी जरूरत होती है। इसके अलावा फेडरल एव‍िएशन एडम‍िन‍िस्‍ट्रेशन (FAA) भी ज्‍यादातर हेलीकॉप्टर में ब्‍लैक बॉक्‍स इंस्‍टॉल करने की अन‍िवार्यता पर जोर नहीं देता है। इन बातों के चलते ज्‍यादातर हेलीकॉप्‍टर निर्माता इसे इंस्‍टॉल करने से कन्‍नी काट जाते हैं।

पीएम मोदी का उदास चेहरा, झिलमिलाती आंखें...आज का दिन बहुत भारी है

नई दिल्ली 'समय रहते रिफॉर्म की जरूरत है। सैन्य व्यवस्था में सुधार के लिए कई रिपोर्ट आई। हमारी तीनों सेना के बीच समन्वय तो है लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है, आज जिस प्रकार से तकनीक आधारित व्यवस्था बन रही है, वैसे में भारत को भी टुकड़ों में नहीं सोचना होगा। तीनों सेनाओं को एक साथ आना होगा। विश्व में बदलते हुए युद्ध के स्वरूप और सुरक्षा के अनुरूप हमारी सेना हो। आज हमने निर्णय किया है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की व्यवस्था करेंगे और सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित करेगा।'....ये कुछ पंक्तियां आपको याद आ रही होंगी। 15 अगस्त, 2019 को स्वतंत्रता दिवस की 73वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से ये भाषण दिया था। पीएम मोदी ने की थी घोषणाभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्मी, नेवी और एयरफ़ोर्स के बीच अच्छे समन्वय के लिए चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद बनाने की घोषणा की थी। इस बात का जिक्र करना आज क्यों जरुरी हो गया इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। जिस किसी ने भी पीएम मोदी को उस वक्त से देखा होगा जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उनकी पर्सनालिटी से वाकिफ होंगे। कितनी भी बड़ी मुसीबत में पीएम मोदी का चेहरा कभी उदास नहीं देखा। पीएम मोदी का उदास चेहरापीएम मोदी के चेहरे में उदासी, उनकी डबडबातीं आंखें, कंपकपाते होंठ, थम कर चलते उनके कदम...इस बात के साक्षी हैं कि उन्होंने क्या खोया है। उनका चेहरा एक इबारत की तरह पढ़ा जा सकता है। ऐसा चेहरा पीएम मोदी का तब देखा था जब पुलवामा का हमला हुआ था और उन वीर सपूतों का पार्थिव शरीर पालम एयरबेस ही आए थे जहां आज दुबारा पीएम मोदी पहुंचे। पीएम के लिए ये पल बेहद नाजुक था। घर का पिता लाख तकलीफों के बाद भी आंखों पर आंसू नहीं आने देता। जानते हैं क्यों, इसलिए क्योंकि उसके पीछे उसका परिवार होता है जो उनके आंसुओं से कमजोर होता है। यही हाल पीएम का था। पीएम मोदी का परिवार ये पूरा देश है। वो इस देश के मुखिया है और अगर मुसीबत में मुखिया रो गया तो देश का क्या होगा। ऐसा लग रहा था मुश्किल से रोक रहे थे आंसूबहुत मुश्किल होता है वो वक्त जब चाहकर भी आप रो नहीं पाते। एक शेर यहां पर याद आता है, युवा शायर हैं अब्बास कमर उनका बेहद मशहूर शेर है कि असीर-ए-ज़ब्त इजाज़त नहीं हमें , रो पा रहे हैं आप बधाई है रोइए। आज देश का मुखिया रोना चाहता था उसका चेहरा ऐसा था मानों असहनीय पीड़ा के बाद भी वो कराह नहीं पा रहे हैं। जनरल रावत पीएम मोदी के सबसे करीबी शख्सों में से थे। उनके हर छोटे बड़े फैसलों में हमेशा उनके साथ रहने वाले। देश के खिलाफ कितनी भी बड़ी मुसीबत हो जनरल रावत एक मिनट में पीएम मोदी को चिंता से मुक्त कर देते थे। पीएम मोदी को एक भरोसा था कि जनरल रावत हैं न कुछ नहीं होगा। पीएम मोदी का संदेशअपने सेनापति के निधन से राजा टूट जाता है। लेकिन यहां पर टूटना नहीं था और मजबूती से मुकाबला करना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही खबर सुनी कि अब जनरल रावत इस दुनिया में नहीं रहे तो उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'जनरल बिपिन रावत एक शानदार सैनिक थे। सच्चे देशभक्त, जिन्होंने सेना के आधुनिकीकरण में अहम भूमिका निभाई। सामरिक और रणनीतिक मामलों में उनकी दृष्टिकोण अतुलनीय था। उनके नहीं रहने से मैं बहुत दुखी हूं। भारत उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा।' पीएम मोदी बहुत मानते थे सीडीएस रावत को31 दिसंबर, 2016 को जब जनरल बिपिन रावत को थल सेना की कमान सौंपी गई तभी पता चल गया था कि प्रधानमंत्री मोदी उन पर बहुत भरोसा करते हैं। जरनल रावत का थल सेना प्रमुख बनना कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं थी। उन्हें सेना की कमान उनके दो सीनियर अधिकारियों की वरिष्ठता की उपेक्षा कर दी गई थी। अगर पारंपरिक प्रक्रिया से सेना प्रमुख बनाया जाता तो वरिष्ठता के आधार पर तब ईस्टर्न कमांड के प्रमुख जनरल प्रवीण बख्शी और दक्षिणी कमांड के प्रमुख पी मोहम्मदाली हारिज़ की बारी थी। पीएम मोदी ने रावत को चुना था आर्मी चीफलेकिन मोदी सरकार ने वरिष्ठता की जगह इन दोनों के जूनियर जनरल रावत को पसंद किया। तब कई विशेषज्ञों ने कहा था कि जनरल रावत भारत की सुरक्षा से जुड़ी वर्तमान चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। तब भारत के सामने तीन बड़ी चुनौतियां थीं, सीमा पार से आतंवाद पर लगाम लगाना, पश्चिमी छोर से छद्म युद्ध को रोकना और पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादियों पर लगाम लगाना। तब जनरल रावत के बारे में कहा गया था कि पिछले तीन दशकों से टकराव वाले क्षेत्र में सेना के सफल ऑपरेशन चलाने का उनके पास सबसे उम्दा अनुभव है। एक कुशल सैन्य अफसरजनरल रावत एक होनहार सैनिक थे। जनरल रावत एक कुशल सैन्य अधिकारी थे। जनरल रावत एक कुशल रणनीतिकार थे। उनके पास उग्रवाद और लाइन ऑफ कंट्रोल की चुनौतियों से निपटने का भी एक दशक का अनुभव था। पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद को काबू में करने और म्यांमार में विद्रोहियों के कैंपों को खत्म कराने में भी जनरल रावत की अहम भूमिका मानी जाती है। 1986 में जब चीन के साथ तनाव बढ़ा था, तब जनरल रावत सरहद पर एक बटालियन के कर्नल कमांडिंग थे।

Tribute To Bipin Rawat : कैंडल मार्च निकालकर ससुराल में जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि, हर आंख में आंसू


शहडोल
सीडीएस जनरल बिपिन रावत का ससुराल एमपी के शहडोल जिले में है। उनके और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के असमय निधन से पूरा देश मर्माहत है। मगर शहडोल को विशेष क्षति हुई है। शहडोल ने अपनी बेटी और दामाद को खोया है। पूरे शहर में इस घटना से शोक की लहर है। शहर के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर दोनों को श्रद्धांजलि दी है।

Jyotiraditya Scindia Cricket : मैदान में दौड़ के बाद खेला क्रिकेट... स्टेडियम में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अलग अंदाज

इस दौरान बड़ी संख्या में शहर के लोग शामिल हुए हैं। कैंडल मार्च में शामिल हो रहे लोगों की आंखें नम थीं। घटना की सूचना मिलते ही पूरे शहर में बुधवार को शोक की लहर फैल गई है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत शहडोल के दामाद थे। उनका विवाह सोहागपुर के कुंवर मृगेंद्र सिंह की पुत्री मधुलिका के साथ हुआ था। कुंवर मृगेंद्र सिंह सुहागपुर के इला केदार और दो बार सोहागपुर सीट से ही विधायक रहे हैं।

महिला ने एक साथ तीन बच्चियों को दिया जन्म, अब छह परियों की बनी मां

शहडोल के आमलोगों ने जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी है। लोग अपने हाथों में बिपिन रावत और मधुलिका रावत का बैनर लिए हुए थे। कैंडल मार्च शहर के विभिन्न मार्गो से होता हुआ शहडोल नगर के प्रमुख चौराहे गांधी चौक पर संपन्न हुआ। कैंडल मार्च में महिलाएं भी हाथों में जलती हुई कैंडल लेकर चल रही थी।#TributeToBipinRawat #TributeToMadhulikaRawat #CandleMarchInShahdol


via WORLD NEWS

Senate Clears Last Major Hurdle to Raising Debt Ceiling


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE Via NYT To WORLD NEWS

जामिया हिंसा के मामले में शरजील इमाम को जमानत, फिर भी जेल से नहीं मिलेगी 'आजादी'

नई दिल्ली दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई कथित हिंसा से संबंधित मामले में गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र को जमानत दे दी। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने उसे 25 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर जमानत प्रदान की। तीन अन्य मामलों में आरोपी है शरजील इमाम न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि अपराध की प्रकृति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए [जमानत] आवेदन को मंजूर किया जाता है कि उसे जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था। दिसंबर 2019 में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी सीएए के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना हुई थी। हालांकि इमाम को फिलहाल जेल में ही रहना होगा क्योंकि वह दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़े तीन अन्य मामलों में आरोपी है। भड़काऊ भाषण और हिंसा भड़काने का भी केस अक्टूबर में, अदालत ने 2019 में सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने और हिंसा भड़काने के मामले में इमाम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भाव की कीमत पर स्वतंत्र भाषण के अधिकार का उपयोग नहीं किया जा सकता । दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड होने का आरोप इस मामले के अलावा, इमाम पर फरवरी 2020 के दंगों का ''मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। उसके खिलाफ कठोर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Jyotiraditya Scindia Cricket : मैदान में दौड़ के बाद खेला क्रिकेट... स्टेडियम में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अलग अंदाज


ग्वालियर
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को ग्वालियर पहुंचकर शंकरपुर में स्थित निर्माणाधीन क्रिकेट स्टेडियम में जमकर क्रिकेट खेला है। इस दौरान मैदान में दौड़ भी लगाई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को ग्वालियर पहुंचे थे। ग्वालियर एयरपोर्ट से सीधा शंकरपुर में स्थित निर्माणाधीन क्रिकेट स्टेडियम को देखने पहुंच गए। इस दौरान केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को क्रिकेट खेले बिना नहीं रोक सके।

महिला ने एक साथ तीन बच्चियों को दिया जन्म, अब छह परियों की बनी मां

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां आधे घंटे तक बैटिंग की। उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर रनिंग करते हुए मैदान का जायजा भी लिया। सिंधिया के साथ उनके समर्थक भी मैदान पर दौड़ते नजर आए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम मेरे पिताजी का बहुत पुराना सपना था, वह लंबे समय से प्रयासरत रहे है। उन्होंने कहा कि वह सपना अब तेज गति से साकार होता जा रहा है। स्टेडियम का करीब 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 30,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम को अगले साल दिसंबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। सिंधिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में दर्शकों के साथ एक कारपोरेट बॉक्स और मीडिया के लिए भी खास बॉक्स बनाए जा रहे हैं।

Indore News : इंदौर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को कितना तैयार? प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा से जानिए

सिंधिया के मुताबिक ग्वालियर का यह नया स्टेडियम ना सिर्फ देश का बल की दुनिया का सबसे अत्याधुनिक स्टेडियम बनेगा। यहां की टर्फ विकेट भी शानदार होगी जो हाई स्कोरिंग मैच के लिए उपयुक्त मानी जाएगी। जनवरी 2023 में जब अंतरराष्ट्रीय मैच आवंटित होंगे, तब ग्वालियर की बारी आएगी तो इस नए ग्राउंड में मैच कराया जाएगा।#JyotiradityaScindiaNeKhelaCricket #JyotiradityaScindiaCricketVideo #GwaliorCricketStadium


via WORLD NEWS

American Airlines will trim international flights because of Boeing 787 delays.


Business New York TimesBy BY NIRAJ CHOKSHI Via NYT To WORLD NEWS