Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, April 24, 2021

ऑक्सिजन संकट पर भी केंद्र और दिल्ली सरकार में तूतू-मैंमैं.... क्या जिम्मेदारी किसी की नहीं?

नई दिल्ली दिल्ली इस मेडिकल ऑक्सिजन की किल्लत से जूझ रही है। आलम यह है कि ऑक्सिजन खत्म होने से अस्पतालों में मरीजों की मौत हो रही है। कभी कोई अस्पताल ऑक्सिजन के लिए गुहार लगा रहा है तो कभी कोई। केंद्र ने दिल्ली के ऑक्सिजन का कोटा तो बढ़ा दिया लेकिन अब भी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं हो पा रही। उल्टे राजनीति शुरू हो चुकी है। केंद्र का कहना है कि प्लांट से ऑक्सिजन कैसे आए, इसकी जिम्मेदारी राज्य की है तो केजरीवाल सरकार इसे केंद्र की जिम्मेदारी बता रही है। में शनिवार को ऑक्सिजन संकट पर हुई सुनवाई के दौरान भी दोनों पक्ष इसी तरह उलझते रहे। अपने कोटे का ऑक्सिजन लाना दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी: हर्षवर्धन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने दो टूक कहा है कि अपने कोटे को समय से मंगाने और उसके लिए सही से प्लानिंग करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली ने अपने लिए ऑक्सिजन का जितना कोटा मांगा था, उससे ज्यादा उसे अलॉट किया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने तो इसके लिए कल (शुक्रवार) प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया...अब कोटे के ऑक्सिजन को समय से लाना, वितरित करना और इसके लिए सही से प्लान बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।' अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा केंद्र: दिल्ली सरकार दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी इस कोशिश पर लगाम लगाई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, 'दिल्ली के लिए ऑक्सिजन टैंकरों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की केंद्र की कोशिश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाम लगाई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई है और उसे दिल्ली के ऑक्सिजन कोटे की तत्काल समीक्षा कर नजदीकी प्लांट से फिर अलॉट करने को कहा है।' टैंकरों के लिए कोशिश करे दिल्ली सरकार, अकेले केंद्र पर न छोड़े: हाई कोर्ट इससे पहले शनिवार को ऑक्सिजन संकट पर दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान भी केंद्र और दिल्ली सरकार ऑक्सिजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। दिल्ली सरकार टैंकर न होने की बात कहकर हाथ खड़े करती दिखी तो हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि दोनों सरकारें तालमेल के साथ काम करें। अदालत ने दिल्ली सरकार से टैंकरों की व्यवस्था करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि उसे यह पूरी तरह से केंद्र सरकार पर नहीं छोड़ना चाहिए। हाई कोर्ट में बोला केंद्र- सप्लाई के लिए टैंकर मुहैया नहीं करा रही दिल्ली सरकार दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि उसे पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन सिर्फ 380 मीट्रिक टन ऑक्सिजन ही मिल रही है और शुक्रवार को उसे करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सिजन मिली थी। इसके बाद अदालत ने केंद्र से सवाल किया। केंद्र सरकार ने कहा कि ऑक्सिजन की आपूर्ति में कमी का एक कारण यह भी है कि दिल्ली सरकार तरल ऑक्सिजन को लेने के लिए टैंकर मुहैया नहीं करा रही है। दिल्ली सरकार के वकील बोले- हम औद्योगिक राज्य नहीं, हमारे पास टैंकर नहीं दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि दिल्ली औद्योगिक राज्य नहीं है और उसकी ऐसे टैंकरों तक पहुंच नहीं है। केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अलग-अलग राज्य मौजूदा टैंकरों में बदलाव कर उनमें ऑक्सिजन का भंडारण करने का इंतजाम कर रहे हैं या अन्य स्रोतो से टैंकरों को हासिल कर रहे हैं। दिल्ली सरकार को इस दिशा में कोशिश करनी चाहिए। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा- टैंकरों के लिए क्या कोशिशें की हैं सुनवाई के दौरान, अदालत ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से भी सवाल किया कि उन्होंने केंद्र की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी को आवंटित ऑक्सिजन की आपूर्ति हासिल करने के लिए टैंकरों को प्राप्त करने की खातिर क्या कोशिशें की हैं? अदालत ने दिल्ली सरकार से टैंकरों को प्राप्त करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया और कहा कि उसे यह पूरी तरह से केंद्र सरकार पर नहीं छोड़ना चाहिए। फिर से अलॉटमेंट पर करें विचार, दिल्ली को नजदीकी प्लांट से मिले ऑक्सिजन: कोर्ट बेंच ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर मिलकर काम करना चाहिए। अदालत ने दिल्ली सरकार से ऑक्सिजन के लिए राष्ट्रीय आवंटन योजना पर विचार करने और इस पर फिर से काम करने के लिए सुझाव देने को कहा ताकि राष्ट्रीय राजधानी को आसपास के प्लांट्स से ऑक्सिजन हासिल हो पाए।

No comments:

Post a Comment