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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, March 6, 2021

सरकार बदलने के बाद पहली बार भारत आ रहे अमेरिकी रक्षा मंत्री, जानें क्या रहेगा खास

नई दिल्ली राष्ट्रपति जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार लॉयड जे ऑस्टिन इस महीने के आखिर में भारत यात्रा पर आ रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। ऑस्टिन की भारत यात्रा उनके इंडो-पैसिफिक देशों के दौरे का हिस्सा है। यहां वह भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के "क्वाड" देशों के नेताओं की एक शिखर बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक भी इस महीने होनी है। आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा भारत की अपनी यात्रा के दौरान, ऑस्टिन अपने समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर प्रमुख फोकस होगा। इसके अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत अमेरिकी प्रतिबंध की चेतावनी के बावजदू रूस से सतह से सतह पर मार करने वाली एडवांस S-400 मिसाइल सिस्टम को अपनी सेना में शामिल करने की योजना बना रहा है। चीन को दिया था रणनीतिक संकेत क्वाड देशों ने पिछले साल नवंबर में 'मालाबार' नौसेना अभ्यास के 24 वें संस्करण में हिस्सा लिया था। इसमें चारों देशों एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी इंडो-पैसिफिक के साथ-साथ एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया था।" इसके जरिये चीन को एक मजबूत रणनीतिक संकेत भी दिया गया। इस साल अक्टूबर से शुरू होगी डिलिवरी भारत ने रूस के साथ एडवांस S-400 मिसाइल सिस्टम के लिए 40 हजार करोड़ रुपये में अक्टूबर 2018 में समझौता किया था। इसके तहत मिसाइल सिस्टम की डिलिवरी इसस साल अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है। साल 2023 तक एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सभी पांच मोबाइल स्क्वाड्रन की डिलिवरी हो जाएगी। चीन और तुर्की पर लगा चुका है प्रतिबंध अमेरिका रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने के बाद चीन और तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका ने अभी भारत को CAATSA (Countering America’s Adversaries through Sanctions Act) से छूट को मंजूरी नहीं दी है। अमेरिका ने साल 2017 में यह कानून रूसी हथियारों और ईरान से तेल खरीदने पर रोक लगाने के लिए बनाया था। हालांकि, भारत और अमेरिका ने पिछले साल चार सैन्य समझौता किया। इनमें बेसिक एक्सचेंज एंड कोपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियेस्पेटियल कोपरेशन (BECA)भी शामिल है।

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