पटना बिहार चुनाव (Bihar Elections) में जेडीयू के प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री () का दर्द एक बार फिर छलका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे में हुई देरी की वजह से पार्टी को कई विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए काफी कम समय मिला। इसका खामियाजा जेडीयू (JDU) को उठाना पड़ा। उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी और बीजेपी के दबाव की वजह से मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया। जेडीयू प्रदेश इकाई की बैठक में बोले नीतीश कुमार दरअसल, जनता दल यूनाइटेड प्रदेश इकाई की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। जेडीयू प्रदेश कार्यालय में हो रही इस बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ये बातें कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ये कह कर सभी को चौंका दिया कि चुनाव के दौरान उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन दुश्मन है और कौन दोस्त। चुनाव के दौरान हमने सभी को बुलाकर बात की थी, लेकिन हमें तभी शक हो गया था। चुनाव परिणाम से अब तक नाराज हैं नीतीश!नीतीश कुमार ने आगे कहा कि एनडीए में पांच महीने पहले ही सब विषयों पर बात हो जाना चाहिए था। ऐसे में सत्ता के गलियारे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर नीतीश कुमार का यह बयान एलजेपी के लिए है या बीजेपी के लिए। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार चुनाव परिणाम को लेकर अभी तक नाराज हैं। उनके इस बयान से इस बात का आभास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा और अगर ऐसा करने का प्रयास किया जाता है, तो हमारी पार्टी इसका खुलकर विरोध करेगी। कैबिनेट विस्तार को लेकर भी सीएम तोड़ चुके हैं चुप्पी इससे पहले शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह कहा था कि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई बातचीत नहीं की गई है। बीजेपी नेताओं के साथ हुई बातचीत में कैबिनेट विस्तार पर कोई चर्चा नहीं हुई। जब तक पूरी बात नहीं हो जाती कैबिनेट विस्तार कैसे होगा। कैबिनेट विस्तार में इतनी देर पहले कभी नहीं हुई। मैं हमेशा पहले ही कैबिनेट विस्तार कर देता था। बीजेपी नेताओं के साथ बैठक में सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई।
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