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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 9, 2021

ब्रिटेन के बाद दक्षिण अफ्रीका वाला कोरोना वायरस भारत में, ऐंटीबॉडी भी नाकाम!

मालती अय्यर, मुंबई एक तरफ देश भर में जहां ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्‍ट्रेन नई किस्‍म की खोज हो रही है वहीं टाटा मेमोरियल सेंटर से एक और चिंताजनक खबर मिली है। खारघर के इस सेंटर में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन के तीन मरीजों में E484K म्‍यूटेशन वाला कोरोना वायरस मिला है। जानकार इसे साउथ अफ्रीका के कोरोना स्‍ट्रेन से जोड़कर देख रहे हैं। समस्‍या यह है कि कोरोना से सही हुए मरीजों के शरीर में बनी तीन ऐंटीबॉडीज इस नई किस्‍म के ऊपर बेअसर हैं। म्‍यूटेशन वायरस के आनुवांशिक पदार्थ या जेनेटिक सीक्‍वेंस में होने वाले वे बदलाव हैं जिनके आधार पर वायरस अपना रूप बदल लेता है। इनकी बदौलत पुराने वायरस के खिलाफ बनी ऐंटीबॉडी बदले हुए वायरस पर कारगर साबित नहीं होतीं। 700 में से तीन मरीज पाए गए टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉ निखिल पाटकर का कहना है कि साउथ अफ्रीका में कोरोना वायरस में तीन किस्‍म के म्‍यूटेशन दर्ज किए गए थे। यहां पाया गया म्‍यूटेशन उन्‍हीं तीन में से एक है। सेंटर की टीम ने 700 सेंपलों की जीन सीक्‍वेंसिंग की थी इनमें से तीन में यह म्‍यूटेशन पाया गया। बहुत घबराने की जरूरत नहीं: जानकार इस समय चर्चा है कि पूरे यूरोप में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्‍मेदार ब्रिटेन के नए कोरोना वायरस की तुलना में यह साउथ अफ्रीका वाला वायरस ज्‍यादा खतरनाक है। लेकिन बेंगलुरु के महामारी विशेषज्ञ डॉ गिरिधर बाबू का कहना है कि इससे बहुत घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि E484K म्‍यूटेशन वाले वायरस सितंबर 2020 से जनता के बीच हैं। अगर ये बहुत तेजी से फैलते तो अबतक हालत बहुत खराब हो गए होते। वैसे भी जिन तीन मरीजों में यह नया वायरस पाया गया उनमें से दो होम आइसोलेशन से ठीक हो गए, तीसरे को अस्‍पताल में भर्ती तो कराया गया लेकिन न तो उसे ऑक्सिजन की जरूरत हुई न वेंट‍िलेटर की ।

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