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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, June 20, 2020

हॉटस्पॉट धारावी, शिक्षक यूं बना कोरोना योद्धा

मुंबई कोरोना का नाम सुनते ही मुंबई में जो जगह सबसे पहले ध्यान में आती है, वह है धारावी। अच्छे-अच्छों की धारावी में जाने की हिम्मत नहीं होती। ऐसे में अगर किसी सामान्य आदमी को यहां के कोरोना संक्रमित मरीजों के अस्पताल में काम करने की जिम्मेदारी दे दी जाए, तो क्या होगा? लेकिन, रामकुमार राय बखूबी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 46 वर्षीय राय मुंबई महानगरपालिका में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। मई में जब धारावी में कोरोना संक्रमण चरम पर था, उन्हें धारावी के साईं अस्पताल, जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज एडमिट थे, में सेंटर मैनेजर के रूप में कार्य करने का सहायक आयुक्त का आदेश प्राप्त हुआ। बिना किसी हिचकिचाहट के आदेश प्राप्त होते ही वह तुरंत साई अस्पताल में हाजिर हो गए। कोविड सेंटर मैनेजर के रूप में मरीजों के खान-पान से लेकर अस्पताल में सुरक्षा किट तक का व्यवस्थापन कराना उनके काम में शामिल है। साथ ही नए मरीजों तथा स्वस्थ हो कर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों सहित उपलब्ध बेड की रिपोर्टिंग भी उन्हें हर दिन करनी पड़ती है। आजमगढ़ के रहने वाले हैं राय राय ने एनबीटी से कहा कि वह मूल रूप से आजमगढ़ के हैं, लेकिन उनका जन्म मुंबई में हुआ है। उनके अनुसार, शिक्षक के पद पर कार्यरत उनके करीब हजार साथियों को जब अप्रैल में बीएमसी की तरफ से अलग-अलग अस्पतालों, क्वारंटीन सेंटरों में जाने के कॉल्स आए, तो उन्होंने मानसिक रूप से अपने को तैयार कर लिया था कि हॉटस्पॉट धारावी में उन्हें ड्यूटी पर जाना ही होगा। वह धारावी में ही शिक्षक हैं। उन्होंने फैसला किया कि जब भी कॉल आएगा, तो देश सेवा के रूप में इस काम को करेंगे। इसीलिए 12 मई को जब उनके पास धारावी के साईं अस्पताल में ड्यूटी जॉइन करने का आदेश आया, तो वह बिना किसी देरी के वहां पहुंच गए। यूं घर पर ख्याल रखते हैं रामकुमार राय कहते हैं, ‘मैंने जिन दिनों में अस्पताल की ड्यूटी जॉइन की, तो धारावी में कोरोना वायरस का संक्रमण पीक पर था। स्वाभाविक है कि घरवाले डरे हुए थे। इसीलिए सुबह 9 बजे से शाम 4 की ड्यूटी के बाद मैं आज भी जब घर पहुंचता हूं, तो सबसे पहले बाथरूम जाता हूं। गर्म पानी से कपड़े धोना, गर्म पानी से नहाना, बार-बार गर्म पानी पीना, दूध को हल्दी डालकर पीना, यह दिनचर्या बना ली है, ताकि मैं स्वस्थ रहूं। मैं खुद को पूरी तरह सैनेटाइज करने के बाद ही घरवालों के साथ पास उठता-बैठता हूं। कोशिश करता हूं कि घर में भी सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि डर तो है ही कि हॉटस्पॉट धारावी में अस्पताल की ड्यूटी करते-करते पता नहीं, कब कोरोना की चपेट में आ जाऊं। लेकिन, फिर सोचता हूं, डर के आगे जीत है।’

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