विभिन्न वित्तीय संस्थाओं में आम लोगों के 70 हजार करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। इसकी वजह यह है कि कई लोग शेयर खरीदकर, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स या बैंक खातों में जमा कर या फिर इंश्योरेंस खरीद कर भूल गए। 7 वर्षों से ज्यादा समय तक लावारिस पड़े विभिन्न कंपनियों के डिविडेंड और शेयर को इन्वेस्टर एजुकेशन ऐंड प्रॉटेक्शन फंड (IEPF) में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस फंड में कुल 4,138 करोड़ रुपये के अलावा 21,232 .15 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर भी जमा हैं। इसी तरह 24 जीवन बीमा कंपनियों के पास बीमाधारकों के 16,000 करोड़ रुपये लावारिस पड़े हैं। RBI का डिपॉजिटर एजुकेशन ऐंड अवेयरनेस फंड (डीईए फंड) उन बैंक खातों पर कब्जा कर लेती है जिन पर 10 वर्षों तक कोई दावा नहीं करता। जून 2018 तक ऐसे लावारिस पड़े बैंक अकाउंट्स से डीईए फंड को 19,567 करोड़ रुपये मिल गए थे।
via WORLD NEWS
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