पाकिस्तान का एक और झूठ सामने आया है। मुंबई पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात-उद-दावा (जेयूडी) और इसकी इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को इमरान खान की सरकार ने प्रतिबंधित नहीं किया है, बल्कि इन्हें निगरानी संगठनों की सूची में रखा गया है। हालांकि पाकिस्तान ने कुछ समय पहले इनपर रोक लगाने का ऐलान किया था। पाकिस्तान सरकार के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण (एनसीटीए) की वेबसाइट के मुताबिक, जेयूडी और एफआईएफ संगठन आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 की दूसरी अनुसूची की धारा 11-डी-(1) के तहत गृह मंत्रालय की निगरानी में हैं। यह वेबसाइट सोमवार को ही अपडेट हुई है। एनसीटीए की वेबसाइट कहती है कि जेयूडी और एफआईएफ को निगरानी में रखने वाले संगठनों की सूची में डालने की अधिसूचना 21 फरवरी को जारी की गई है। बहरहाल, उससे पहले वेबसाइट कहती है कि जेयूडी और एफआईएफ को जनवरी 2017 में निगरानी सूची में रखा गया था। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले के बाद आतंकी समूहों पर लगाम लगाने के वैश्विक दबाव बढ़ने के बीच पाकिस्तान सरकार ने 21 फरवरी को जेयूडी और एफआईएफ को प्रतिबंधित करने का ऐलान किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई थी।
via WORLD NEWS
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