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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Thursday, November 18, 2021

'बिहार में पिज्जा की तरह हो रही शराब की होम डिलिवरी', तेज प्रताप का नीतीश पर हमला

पटना के दौरान हाल के दिनों में हुई लोगों की मौत के बाद इस कानून को लेकर सियासत जारी है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला। तेज प्रताप यादव ने कहा कि जिस तरह पिज्जा की होम डिलीवरी होती है उसी तरह से IPS, IAS घरों में शराब की होम डिलीवरी कर रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में संपूर्ण शराबबंदी कहां है? उन्होंने कहा कि राज्य के बॉर्डर पर प्रशासन शराब में लिप्त है। प्रशासन के लोग, सिपाही, हवलदार सभी जगह होम डिलीवरी कर रहे हैं। जिस तरह पिज्जा की होम डिलीवरी होती है उसी तरह से IPS, IAS अधिकारी घरों में शराब की होम डिलीवरी कराने में लगे हैं। 'शराबबंदी के बाद आया बदलाव RJD-कांग्रेस के गले नहीं उतर रहा' इधर शराबबंदी को लेकर बीजेपी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद आया बदलाव राजद और कांग्रेस के गले नहीं उतर रहा है। बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि नशा वह समाजिक विकृति है, जो न जाने कितने ही परिवारों की खुशियों को निगल चुका है। उन्होंने कहा कि नशे में मनुष्य, मनुष्य नहीं रह जाता । उन्होंने कहा, सामाजिक विकृति को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में शराबबंदी को लागू किया था, जिससे यहां न केवल घरेलू हिंसा में कमी आयी है, बल्कि अब शराब के पैसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व पोषण पर खर्च होने लगे हैं। शराबबंदी को फेल करने में जुटा है विपक्ष: बीजेपी उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जहां आम लोगों के जीवन के खुशहाली आई है, वहीं इस बदलाव ने राजद-कांग्रेस जैसी विचारधारा रहित परिवारवादी पार्टियों की बेचैनी बढ़ा दी है। उन्होंने यहां तक कहा कि इन दलों के नेता शराबबंदी को फेल करने में जी-जान से जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की माने तो शराब के अवैध व्यवसाय में संलिप्त अधिकांश लोग इन्हीं दोनों पार्टियों से जुड़े हुए हैं। इनके दो ही मकसद हैं, पहला कि इस अवैध धंधे से ज्यादा से ज्यादा कमाई की जाए और दूसरा सरकार को बदनाम करें। यही वजह है कि इनका कोई नेता शराबबंदी में सहयोग करना तो दूर इसके पक्ष में एक बयान तक नहीं देते।

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