उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में गुरुवार को पंचायत चुनाव के ब्लॉक प्रमुख समेत अन्य पदों पर नामांकन के दौरान जमकर विवाद हुआ। कई जिलों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने शिकायत की कि बीजेपी के लोगों ने उनका पर्चा छीन लिया। वहीं कुछ इलाकों में एसपी के प्रत्याशियों के साथ मारपीट और वाहनों पर हमला करने की बात भी सामने आई।
प्रदेश के मैनपुरी में एसपी के विधायक ब्रजेश कठेरिया ने कहा कि 100-150 लोगों ने उनकी गाड़ी पर हमला किया। कठेरिया ने कहा कि ये बीजेपी के लोग थे और उनकी गाड़ी का पीछा किया जा रहा था। वहीं पूर्वी यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में एसपी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय के साथ भी लोगों ने धक्का-मुक्की की। आरोप है कि उपद्रवियों ने एसपी नेता से पर्चा छीन लिया और उनके साथ अभद्रता की। माता प्रसाद पांडेय पूर्व में यूपी विधानसभा के स्पीकर रहे हैं और उनके साथ हुई घटना को लेकर एसपी के लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाया।
वहीं उन्नाव जिले में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली। यहां समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने प्रशासन के साथ मिलकर रास्ते रोक रखे हैं, ऐसे में अगर पुलिस इन लोगों को नहीं हटाती तो हमें इन्हें हटाना होगा।
एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के इलाके मैनपुरी में भी ऐसी ही हालत देखने को मिली और यहां बीजेपी एसपी के समर्थक आपस में भिड़ गए। दूसरी ओर लखीमपुर खीरी में एक महिला प्रत्याशी के नामांकन के दौरान उसकी साड़ी खींचने की घटना हुई, जिसके बाद एसपी और बीजेपी के लोग आपस में भिड़ गए। नामांकन के दौरान ही हुई हिंसा की घटनाओं पर यूपी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एडीजी ने कहा कि जहां भी गड़बड़ी हुई है, वहां दोषियों पर ऐक्शन होगा।
भले ही पुलिस ने कुछ ही स्थानों पर छिटपुट घटनाओं की बात कही हो, लेकिन सूबे में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान ही जिस तरह से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ी हैं, उसने सरकार के चुस्त व्यवस्था के दावों पर बट्टा लगा ही दिया है।
via WORLD NEWS
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