राजेश पोद्दार, नई दिल्ली नए कृषि कानून पर सरकार और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। सरकार के साथ बातचीत के लिए एक और बैठक से ठीक 48 घंटे पहले किसान संगठनों की सात सदस्य राष्ट्रीय समन्वय समिति ने दिल्ली प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे तक चली। समिति के सदस्यों ने कहा कि वह अपनी बात राष्ट्रीय मीडिया तक पहुंचाना चाहते थे, लिहाजा उन्हें प्रेस क्लब का रुख करना पड़ा। सरकार पर आरोपों की बौछार किसान संगठन के सदस्यों ने फिर से सरकार पर आरोपों की बौछार लगाते हुए कहा कि सरकार का रवैया बात करने के अनुकूल नहीं है, वह लगातार कृषि कानूनों पर झूठ बोल रही है। सरकार अपने अहंकार पर अड़ी हुई है। लेकिन, हमने भी यह साफ कर दिया है कि जब तक कानून वापस नहीं होता, हम पीछे नहीं हटेंगे। यह आंदोलन पिछले चार महीनों से चला आ रहा है, आगे भी चलता रहेगा। एक्सप्रेसवे पर निकालेंगे ट्रैक्टर रैली इतना ही नहीं, किसान संगठनों ने सरकार को एक और अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 4 तारीख की बातचीत से कोई हल नहीं निकलता या किसानों के पक्ष में सरकार का झुकाव नहीं होता है तो वे 5 तारीख को अपने तय कार्यक्रम के अनुसार केएमपी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों की रैली निकालेंगे। इसके अलावा 26 तारीख को गणतंत्र दिवस परेड की जगह पर वह अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों और दूसरी गाड़ियों की परेड निकालेंगे। सरकार पर झूठ बोलने का आरोप प्रेस क्लब में सात सदस्यीय कमिटी में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जगजीत सिंह डल्लेवाल और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव सहित अशोक धवले, अभिमन्यु कोहाड़ उपस्थित थे। योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है कि उसने हमारी 50% बातें मान ली हैं, 30 दिसंबर की बैठक में पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी है, ऐसे हालात बने हुए हैं। सरकार एमएसपी पर संवैधानिक रूप से बात करने तक को तैयार नहीं है, क्योंकि जिन बातों पर सहमति बनी है उसका भी अभी तक कोई कागजात किसानों को नहीं दिया गया है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का ऐलान किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि 26 तारीख को दिल्ली के सभी बॉर्डरों से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर दिल्ली में किसान परेड निकालेंगे। इसके अलावा पूरे हफ्ते तक चलने वाले कार्यक्रम भी किसानों ने तैयार कर लिया है। 4 जनवरी को सरकार के साथ और 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में किसानों के फेवर में फैसला ना आने पर 6 जनवरी को किसान केएमपी एक्सप्रेस-वे पर मार्च निकालेंगे। शाहजहांपुर पर मोर्चा लगाए किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। लोहड़ी से मनेगा किसान संकल्प दिवस 13 जनवरी को लोहड़ी/ संक्रांति के अवसर पर देशभर में 'किसान संकल्प दिवस' के रूप में मनाएंगे। उसी दिन तीनों कृषि कानून की कॉपियां जलाई जाएंगी। 18 जनवरी को 'महिला किसान दिवस' के रूप में मनाया जाएगा जिसका उद्देश्य देश की खेती में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करना होगा। जबकि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में 'आजाद हिंद किसान दिवस' मनाकर सभी राज्यों की राजधानियों में राज्यपाल के निवास के बाहर किसान डेरा डालेंगे। 'शहीद' घोषित करने की मांग किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलनकारी सीमाओं पर 38 दिनों से बैठे हुए हैं। इस दौरान 50 से अधिक किसानों की शहादत हुई है, लेकिन सरकार उन्हें शहीद घोषित नहीं कर रही और ना ही उसे शहीद मानने को तैयार है। हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे ऊपर कई तरह के आरोप भी लगाए गए, कभी नक्सलवाद तो कभी खालिस्तानी और विदेशी फंडिंग तक का आरोप हमारे ऊपर सरकार ने लगाया। एमएसपी गारंटी कानून पर अड़े किसान किसानों ने एक बार फिर से मांग रखी कि एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि देशभर में कई फसलों पर एमएसपी घोषित है, लेकिन उस पर सरकार खरीदारी नहीं करती है। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
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