जयपुर। राजस्थान में दिवाली के बाद से लगातार बढ़ते काेरोना वायरस संक्रमण के बाद टेंशन में आई अशोक गहलोत सरकार ने शनिवार रात को मंत्री परिषद की आपात बैठक के बाद बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुये जयपुर और जोधपुर समेत प्रदेश के आठ शहराें में नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। यह कर्फ्यू रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लगाया गया है। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई चर्चा में सामेन आया कि त्यौहारी सीजन, सर्दी के मौसम, चुनाव, विवाह समारोहों आदि के आयोजन के कारण पिछले कुछ समय में प्रदेश में के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। नवंबर में कोरोना केस लगभग दो गुना हुये बैठक में इस पर चर्चा की गई कि नवम्बर माह में प्रदेश में भी प्रतिदिन पॉजिटिव केसेज की संख्या 1700 से बढ़कर 3000 प्रतिदिन हो गई है। प्रदेश के 8 जिलों में पॉजिटिव रोगियों की संख्या अचानक बढ़ी है। सर्दी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण की स्थिति अधिक गंभीर होने की आशंका है। ऎसे में लोगों के जीवन की रक्षा करने तथा मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंसिंग जैसे हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करते हुए कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। मास्क पर जुमार्ना दो गुना से अधिक कियामास्क नहीं पहनने पर लगाया जाने वाला जुर्माना बढ़ाकर अब 500 रूपये कर दिया गया है। पहले यह जुर्माना राशि 200 रूपये थी। इन 8 जिला मुख्यालयों पर लगाया नाइट कर्फ्यू कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, अलवर एवं भीलवाड़ा जिला मुख्यालयों पर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। इसके तहत नगरीय क्षेत्र में बाजार, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल एवं अन्य वाणिज्यिक संस्थान रात्रि 7 बजे तक ही खुले रहेंगे। इस नाइट कर्फ्यू के दौरान विवाह समारोह में जाने वाले, दवाइयों सहित अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों तथा बस, ट्रेन एवं हवाई जहाज में सफर करने वालों को आवागमन हेतु नाइट कर्फ्यू के दौरान छूट रहेगी। ऑफिसों में 75 प्रतिशत उपिस्थिति अधिकतम तयकोरोना से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के इन आठ जिलों में जिला मुख्यालय स्थित नगरीय क्षेत्र में ऎसे राजकीय एवं निजी कार्यालयों एवं संस्थान जहां 100 से अधिक कार्मिक कार्यरत हैं वहां कार्य दिवसों में कार्मिकों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। इन संस्थानों एवं कार्यालयों में स्टाफ को रोटेशन के आधार पर बुलाया जाएगा ताकि किसी भी वकिर्ंग-डे पर 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं हों। विवाह एवं अन्य समारोहों में अधिकतम 100 लोग शामिल हो सकेंगेबैठक में तय किया गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऎसे में पूरे प्रदेश में विवाह समारोह सहित राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक इत्यादि आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या अधिकतम 100 होगी। राज्य सरकार के इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों में भी रोगी की मांग पर राजकीय कोविड चिकित्सालयों की तरह डे-केयर उपचार की अनुमति राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर होगी। डे-केयर उपचार के तहत कम गंभीर कोविड रोगियों को जरूरी दवाइयां एवं अन्य चिकित्सा उपलब्ध कराने के बाद दो-तीन घंटे के भीतर वापस घर भेजा जा सकेगा। डे-केयर सुविधा से अस्पतालों में भर्ती होने के लिए आने वाले गंभीर रोगियों को बिस्तर की उपलब्धता में आसानी रहेगी।
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