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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, November 21, 2020

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बनीं निसरत खातून, पिछले 5 साल से कर रही हैं छठी मईया की पूजा

प्रणय राज, नालंदाआस्था को जाति और धर्म के दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा नगरनौसा प्रखंड के उस्मानपुर छठ घाट पर दिखा। यहां नगरनौसा के बड़ी मस्जिद गांव निवासी एक मुस्लिम महिला अपने परिजन के साथ अर्घ्य देने पहुंचीं थीं। खास बात यह है कि मुस्लिम परिवार छठ महापर्व को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं। परंपरा नई नहीं बल्कि, पिछले पांच साल से चली आ रही है। निसरत खातून ने कहा- जब तक जिंदगी रहेगी, छठ करेंगी बड़ी मस्जिद निवासी निसरत खातून बताती हैं कि उनके चार बेटे और तीन बेटिया हैं। वह पिछले पांच साल से लगातार छठ पूजा कर रही हैं। छठी मईया में श्रद्धा इतनी कि वह कहती हैं कि जब तक जिंदगी रहेगी, तब तक छठ करेंगी। जब से छठ की शुरुआत की है, तब से घर में सुख समृद्धि आई है। बेटे के साथ ही पति की आमदनी भी बढ़ गई। पूरा परिवार खुशहाल है। इसे भी पढ़ें:- 'रिश्तेदार भी छठ पूजा में करते हैं मदद' निसरत खातून बताती हैं कि छठ पूजा करने में समाज के किसी भी व्यक्ति की तरफ से आजतक रोक-टोक नहीं किया गया। किसी को दिक्कत भी नहीं है कि हम मुस्लिम होकर छठ पूजा कर रहे हैं। रिश्तेदार भी छठ के मौके पर घर आते हैं छठ पूजा करने में मदद करते हैं। और तो और छठ का प्रसाद भी खुशी पूर्वक सभी लोग अपने-अपने घर ले जाते हैं। 'कभी घर में किसी ने विरोध नहीं किया'निसरत खातून बताती हैं कि गांव में हिन्दू महिलाओं की ओर से बड़े ही श्रद्धा और विश्वास के साथ छठ पूजा करते देख उनके मन में भी छठी मईया की पूजा करने की इच्छा हुई। इसके बाद उन्होंने छठ महापर्व की शुरुआत की। घर वालों ने किसी तरह का कोई विरोध नहीं किया।

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