पैनक्रिएटिक कैंसर एक अति गंभीर बीमारी है और इससे उबर सकने वालों की तादाद 3-5% तक ही है, वह भी तब जब बेहतरीन स्वास्थ्यसेवा उपलब्ध हो। इस बीमारी की खास बात है कि इसका पता ही तब लग पाता है जब यह चौथे स्टेज यानि लगभग लाइलाज हो चुकी होती है। कई मामलों में बीमारी का पता चलने के 6 महीने के भीतर ही मरीज की मौत हो जाती है। जब यह बीमारी शुरुआती दौर में होती है तब यह ऐसा कोई लक्षण पैदा नहीं करती जिसे लेकर मरीज डॉक्टर के पास जाए।बीमारी जब बढ़ जाती है तब मरीज को पेट में दर्द होता है या पीलिया की शिकायत रहती है।
via WORLD NEWS
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