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Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Monday, January 31, 2022

John K. Singlaub, General Who Clashed With Jimmy Carter, Dies at 100


U.S. New York TimesBy BY RICHARD GOLDSTEIN Via NYT To WORLD NEWS

‘Vayas donde vayas, nunca te perderán’: los controles de salud del gobierno en China despiertan inquietud sobre la vigilancia


en Español New York TimesBy BY CHRIS BUCKLEY, VIVIAN WANG AND KEITH BRADSHER Via NYT To WORLD NEWS

The F.D.A. grants Moderna’s vaccine full approval.


U.S. New York TimesBy BY NOAH WEILAND Via NYT To WORLD NEWS

At the ‘Logistics Games,’ Just Arriving Is a Victory


Sports New York TimesBy BY ANDREW KEH Via NYT To WORLD NEWS

The Agriculture Department aims to ease port congestion by adding capacity.


Business New York TimesBy BY LINDA QIU Via NYT To WORLD NEWS

Spotify’s Joe Rogan Problem Isn’t Going Away


Technology New York TimesBy BY KEVIN ROOSE Via NYT To WORLD NEWS

Omicron Variant Study: इतनी तेजी से क्यों फैल रहा ओमीक्रोन? इस नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा


कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट प्लास्टिक की सतह पर आठ दिनों तक जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि ओमीक्रोन त्वचा पर 21 घंटे तक एक्टिव रहता है। अलग-अलग सतहों पर सबसे ज्यादा समय तक जिंदा रहने को ही ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा संक्रामक होने की मुख्य वजह माना जा रहा है।

इस स्टडी को जापान के क्योटो में स्थित प्रिफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अंजाम दिया है। ओमीक्रोन वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही खतरनाक बता चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन के अलावा कई यूरोपीय देशों में कोरोना के मामलों के बढ़ने के पीछे इस वेरिएंट को ही जिम्मेदार बताया गया है।

क्योटो प्रिफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 वायरस के वुहान में मिले स्वरूप के अलग-अलग सतहों पर जीवित रहने की क्षमता की तुलना अन्य गंभीर स्वरूपों से की। शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमीक्रोन स्वरूप वायरस के वुहान वेरिएंट के मुकाबले त्वचा व प्लास्टिक की परत पर दोगुने से भी ज्यादा समय तक टिके रह सकते हैं।

यही कारण है कि इन स्वरूपों से संक्रमण की दर चीन के वुहान में मिले मूल वेरिएंट से कहीं ज्यादा दर्ज हुई है। हालांकि, इस अध्ययन की फिलहाल समीक्षा नहीं की गई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस वेरिएंट की पर्यावरण स्थिरता काफी परेशान करने वाली है, क्योंकि यह संपर्क के जरिये फैलने के खतरे को बढ़ाते हैं।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि ओमिक्रोन वेरिएंट अन्य वेरिएंट के मुकाबले सबसे लंबे समय तक पर्यावरण में मौजूद रहता है और इसी वजह से इसका प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वेरिएंट जल्द ही डेल्टा वेरिएंट की जगह ले सकता है।


#OmicronVariantAlert #Coronavirus #OmicronVariant


via WORLD NEWS

Sunday, January 30, 2022

Joe Burrow got a fit off.


Sports New York TimesBy BY ELENA BERGERON Via NYT To WORLD NEWS

The Hard-Line Russian Advisers Who Have Putin’s Ear


World New York TimesBy BY ANTON TROIANOVSKI Via NYT To WORLD NEWS

Kansas City’s offensive line overhaul is paying off.


Sports New York TimesBy BY BEN SHPIGEL Via NYT To WORLD NEWS

Tyrann Mathieu will play for Kansas City.


Sports New York TimesBy BY BEN SHPIGEL Via NYT To WORLD NEWS

‘There’s Nothing Quite as Distressing as This Piece’


Arts New York TimesBy BY DAVID ALLEN Via NYT To WORLD NEWS

What to Cook This Week


Food New York TimesBy BY SAM SIFTON Via NYT To WORLD NEWS

Cincinnati has had difficulties protecting Burrow.


Sports New York TimesBy BY ALANIS THAMES Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 29, 2022

‘This is a real community here’: A cafe near the Jersey Shore opens for its regulars.


U.S. New York TimesBy BY KAREN DEMASTERS Via NYT To WORLD NEWS

American Woman Accused of Prominent Role in Islamic State


U.S. New York TimesBy BY ADAM GOLDMAN Via NYT To WORLD NEWS

The storm is good news for skiers and many ski areas.


Business New York TimesBy BY WILLIAM P. DAVIS Via NYT To WORLD NEWS

As Storms Intensify, the Job of TV Weather Person Gets More Serious


Business New York TimesBy BY MARC TRACY Via NYT To WORLD NEWS

In New York City, opinions ranged from ‘it’s terrible’ to ‘it doesn’t seem that bad.’


U.S. New York TimesBy BY TROY CLOSSON, CHELSIA ROSE MARCIUS AND NATE SCHWEBER Via NYT To WORLD NEWS

When Omicron Isn’t So Mild


Health New York TimesBy BY REED ABELSON AND CHRISTINA JEWETT Via NYT To WORLD NEWS

इस हर्बल धूप का धुआं कर देगा कोरोना का काम तमाम! BHU की स्टडी में बड़ा दावा

नई दिल्ली: कोरोना और ओमीक्रोन वायरस के खतरे के बीच बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के रिसर्चर्स ने इलाज के क्षेत्र में नए उपचार का दावा किया है। बीएचयू के रिसर्चर्स ने पाया है कि एयरवैद्य हर्बल धूप के धुएं की विषाणु रोधी, जीवाणु रोधी और सूजन रोधी विशेषताएं वायु के माध्यम से फैलने वाले संक्रमण को रोकने में प्रभावी हो सकती हैं। एमिल फॉर्मास्युटिकल द्वारा निर्मित एयरवैद्य में 19 औषधीय पौधों से प्राप्त ‘फाइटोकेमिकल’ (पौधों में पाये जाने वाले विभिन्न जैव सक्रिय रसायन) शामिल किये गये हैं, जो कोरोना वायरस का मुकाबला करने में अपने संभावित उपचारात्मक प्रभावों को लेकर जाने जाते हैं। एयरवैद्य धूप में राल, नीम पत्र, वास, अजवाइन, हल्दी, लेमनग्रास (लामज्जका), वाच, तुलसी, पीली सरसों, सफेद चंदन, उशीर, गुग्गल, नगरमोठ, मेहंदी, टागर, लोबान, कर्पूर, जिगत और इलायची का चूर्ण शामिल किये गए हैं। अनुसंधान दल का नेतृत्व करने वाले बीएचयू के इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के रस शास्त्र (आयुर्वेद) विभाग के प्रोफेसर डॉ. केआरसी रेड्डी ने कहा, ‘हालांकि, धूपन, का उल्लेख सदियों से आयुर्वेद में इसकी सूक्ष्मजीव रोधी, कवक रोधी, विषाणु रोधी क्षमताओं को लेकर किया गया है, पर कोविड-19 के मामले बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह प्रथम वैज्ञानिक अध्ययन है।’ डॉ. रेड्डी ने कहा कि अध्ययन में शामिल किये गये लोगों को दो समूहों में विभाजित किया किया, हस्तक्षेप समूह (150 लोगों का) और नियंत्रित समूह (100 लोगों का)। चूंकि कोरोना वायरस मानव के अंदर नाक और मुंह से प्रवेश करता है, ऐसे में औषधीय धुआं उपचार प्रथम समूह के लोगों को उपलब्ध कराया गया। उनसे एयरवैद्य हर्बल धूप के धुएं को दिन में दो बार 10 मिनट सांस के जरिए अंदर खींचने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को ऐसा उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया। डॉ. रेड्डी ने कहा, ‘इसके उत्साहवर्धक नतीजे सामने आए। प्रथम समूह में महज चार प्रतिशत में औषधीय उपचार के बाद बुखार, खांसी, सर्दी या स्वाद या गंध का पता नहीं चलने जैसे कोविड के लक्षण देखे गये।’ उन्होंने कहा, ‘वहीं दूसरी ओर, कम से कम से 37 प्रतिशत लोगों में, जिन्हें इस तरह का उपचार नहीं दिया गया, कोविड जैसे लक्षण पाये गये।’ उन्होंने कहा कि यह धुआं रासायनक रूप से भी कीटों पर प्रथम चरण के क्लिनिकल परीक्षण में सुरक्षित पाया गया है। एमिल फार्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक डॉ संचित शर्मा ने कहा, ‘हर्बल धूप उशीर, गुग्गल, नगरोठ, मेहंदी, जिगट और घी जैसे गुणकारी उपचारात्मक प्रभाव रखता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर कोरोना वायरस को मानव शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। ’ यह अध्ययन एमिल फार्मास्युटिकल के सहयोग से किया गया। बीएचयू के अनुसंधानकर्ताओं ने एयरवैद्य हर्बल धूप का दूसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण अब पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस धूप का उपयोग घरों और कार्यालय परिसरों में किया जा सकता है।

चुनाव में मंदिर-मस्जिद क्‍यों दिखा रहे हो? जब टीवी एंकर पर बौखला गए राकेश टिकैत

नई दिल्‍ली: यूपी में चुनाव (UP Elections 2022) सिर पर खड़े हैं। माहौल गरमागरम है। टीवी डिबेट में इसकी गरमी चरम पर है। फिर उसमें किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंच जाएं तो समझ ही सकते हैं कि क्‍या होगा। शनिवार को इसकी बानगी देखने को मिली। एक टीवी शो में टिकैत (Angry Rakesh Tikait) ने अपना रौद्र रूप दिखाया। अपनी अक्‍खड़ और तेज आवाज में वह एंकर को आंख तरेरते दिखाई दिए। धमकी दी और चैनल वालों को बुरा-भला कहने लगे। एंकर (Tikait fights with Anchor) भी पश्चिमी यूपी के थे। उन्‍होंने भी उसी तेवर के साथ टिकैत को अपनी मर्यादा याद दिलाई। राकेश टिकैत को बतौर मेहमान बुलाना एक टीवी चैनल को भारी पड़ गया। चर्चा धरी की धरी रह गई और बात तू-तड़ाक पर पहुंच गई। चैनल ने डिबेट के लिए किसानों का मुद्दा लिया था। बात यह होनी थी कि किसान का मुख्‍यमंत्री कौन है। हालांकि, कुछ ही देर में टिकैत शो के मंच पर तेज-तेज चीखने लगे। वह विषय के बजाय तस्‍वीर पर बातें करने लगे। इसी पर टॉपिक लिखा गया था। इसमें मंदिर-मस्जिद सहित प्रतीकों को दर्शाया गया था। चर्चा के बीच में ही राकेश टिकैत बिल्‍कुल बिगड़ गए। उन्‍होंने एंकर से पूछा, 'किसके कहने पर कर रहे हो ये काम। मंदिर और मस्जिद दिखाआगे। क्‍या दिखा रहे हो। ऐसा नहीं दिखा सकते। आप चैनल वाले किसी का प्रचार नहीं कर सकते हैं। गलत (फटकारते और चीखते हुए)। चैनल वाले देश को बर्बाद करना चाहते हैं। कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है।' 'चुनाव मंच' नाम के इस शो में एंकर और टिकैत बिल्‍कुल अगल-बगल खड़े थे। जब राकेश टिकैत बेकाबू हो आंख दिखा-दिखाकर चीखने लगे तो एंकर ने उन्‍हें चुप हो जाने के लिए कहा। एंकर ने कहा कि वह इस तरह व्‍यवहार नहीं करें। वह मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं। एंकर ने कहा कि विषय साफ लिखा है और वह उसी पर बोलें। इस पर टिकैत बोले -'ये नीचे क्‍या है। यहां हॉस्पिटल दिखाओ।' एंकर ने कहा - 'किसान का मुख्‍यमंत्री कौन। यह टॉपिक है। इस पर प्रतिक्रिया दें। मंदिर-मस्जिद को राजनीतिक मुद्दा आप लोग बनाते हैं। ऊपर क्‍या लिखा है देखिए।' इस पर भी राकेश टिकैत को आंख निकालते देख एंकर ने कहा- 'मैंने आपको किसानों के मुद्दे पर बात करने के लिए बुलाया और आप चीख रहे हैं। ये क्‍या तरीका है बात करने का। मैं भी वेस्‍टर्न यूपी का ही हूं टिकैत साहेब। ये मत समझिए। वो है टॉपिक।' कुछ ही देर में टीवी डिबेट का यह अंश काफी वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर लोग इसे खूब शेयर कर चटकारे लेने लगे। माइक्रो ब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर राकेश टिकैत ट्रेंड होने लगे।

Friday, January 28, 2022

74 साल बाद पाकिस्‍तान में पुरखों के गांव जा रहे सिका खान, करतारपुर में भाई से हुई थी मुलाकात

नई दिल्‍ली: भारत में रहने वाले हबीब खान उर्फ शेला (सिका खान) () के लिए इससे बड़ी खुशखबरी नहीं हो सकती है। हाल में 74 साल बाद वह करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Corridor) में पाकिस्‍तान में रह रहे अपने बड़े भाई से मिले थे। अब उन्‍हें अपने रिश्‍तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्‍तान जाने का वीजा मिल गया है। शुक्रवार को स‍िका खान को वीजा मिला। दोनों भाई भारत-पाकिस्तान बंटवारे (India-Pakistan Partition) में एक-दूसरे से अलग हो गए थे। खान के पाकिस्‍तान में रह रहे भाई का नाम मुहम्मद सिद्दीक है। सिका खान पंजाब में बठिंडा जिले के फुलेवाला गांव के रहने वाले हैं। हाल में भाइयों के मुलाकात की तस्‍वीरों ने दोनों देशों के लोगों के दिलों को छू लिया था। 80 साल के मुहम्मद सिद्दीक पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में रहते हैं। वो बंटवारे के वक्त अपने परिवार से अलग हो गए थे। करतारपुर कॉरिडोर में इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को देख दोनों की आंखें भर आई थीं। वो भावुक होकर गले मिले थे। इसी मुलाकात में ही सिका खान को यह भी पता चला था कि जन्‍म के समय उनका नाम हबीब खान रखा गया था। दोनों भाइयों ने 2019 में वीडियो कॉल के जरिये पाकिस्तान स्थित YouTube चैनल पंजाबी लहर के प्रयासों के कारण एक-दूसरे के साथ संपर्क किया। उसने उनकी कहानी को उजागर किया। शुक्रवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने खान को सीमा पार अपने भाई और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने के लिए वीजा दिया। सोशल मीडिया पर खूब हुई थी चर्चा सोशल मीडिया पर इन दोनों भाइयों के मुलाकात का वीडियो भी खूब शेयर हुआ था। इसमें दोनों अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ करतारपुर कॉरिडोर में दिखाई दे रहे थे। मुलाकात के दौरान दोनों भाई एक दूसरे को भावुक होकर गले लगाते नजर आए थे। इस वीडियो में परिवार के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधन के अधिकारी भी नजर आ रहे थे। करतारपुर कॉरिडोर के बारे में भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान में भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है। करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से तीन से चार किलोमीटर दूर है और लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर है। यह सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था। ऐसे में सिख धर्म में इस गुरुद्वारे के दर्शन का बहुत अधिक महत्व है।

Indian Pharma Billionaires: डॉ लाल पैथ लैब्स से Dolo 650 तक... जानिए भारतीय दवा उद्योग के मालिकों की कितनी बढ़ी संपत्ति


कोरोना काल में जहां एक तरफ आम आदमी बेहाल है, कईयों की नौकरी छिन गई, कई लोगों के बिजनस ठप हो गए। ऐसे समय में कुछ अरबपतियों की दौलत कई गुना बढ़ गई। बात करें भारत के दवा उद्योग की तो इस दौरान दवा कंपनी के मालिकों ने जमकर पैसा छापा। इसमें से कई ऐसे नाम हैं जो काफी चर्चा में रहे। आइए जानते हैं भारतीय दवा उद्योग के अरबपति और उनकी संपत्ति के बारे में....

सीरम के अदार पूनावाला
अदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। अदार पूनावाला बिजनेस जगत का काफी जाना पहचाना नाम है, लेकिन कोरोना वायरस के बाद जब दुनिया को वैक्सीन की जरूरत पड़ी तो सीरम इंस्टीट्यूट और अदार पूनावाला का नाम चर्चा में आया। अगर बात साइरस पूनावाला की संपत्ति की करें तो साल 2021 के अंत में उनकी संपत्ति 17 करोड़ अमेरिकी डालर पर पहुंच गई थी।

डॉ लाल पैथ लैब्स के अरविंद लाल
अरविंद लाल डॉ लाल पैथलैब्स के एग्जीक्युटिव चेयरमैन हैं। डॉ लाल पैथ लैब्स के आउटलेट देश के कोन-कोने में मौजूद हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक लाल पैथलैब्स की कुल संपत्ति 2021 में लगभग 10 बिलियन डॉलर थी।

माइक्रो लैब्स के दिलीप सुराणा
कोरोना संकट के दौर में बहुत से लोगों ने डोलो 650 नाम के टेबलेट की मदद ली है। देशभर में डोलो टेबलेट की बिक्री इतनी बड़ी कि इसे बनाने वाली कंपनी के मालिक अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए हैं। डोलो 650 की शानदार बिक्री की वजह से दिलीप सुराणा अमीरों की संपत्ति में लिस्ट में शामिल हो गए हैं। साल 2020 में 1.6 अरब डॉलर की माइक्रो लैब्स की कुल संपत्ति बढ़कर 2.25 अरब डॉलर हो गई।

#IndianPharmaBillionaires #DrLalPathLabs #Dolo650 #IndianPharma


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Family members describe a jovial young officer who was ‘obsessed’ with law enforcement.


New York New York TimesBy BY ALEXANDRA E. PETRI Via NYT To WORLD NEWS

Bhaiyyu Ji Maharaj Case: मॉडलिंग से अध्यात्म की ओर आए भय्यू महाराज के प्यार, तकरार और सुसाइड की पूरी कहानी


मध्यप्रदेश के बहुचर्चित संत भय्यूजी महाराज ने साल 2018 में इंदौर स्थित अपने आश्रम में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में इंदौर की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। तीन साल बाद आए इस फैसले में तीन लोग दोषी करार दिए गए हैं।

इंदौर सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक और ड्राइवर शरद को दोषी ठहराया है। तीनों को छह-छह साल कैद की सजा सुनाई है। सेवादार विनायक पहले से ही इस मामले में जेल में बंद है।

राष्ट्रीय संत कहे जाने भय्यूजी महाराज ने 12 जून 2018 को कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मॉडलिंग से अध्यात्म की ओर आए भय्यू महाराज प्यार और तकरार के ऐसे दलदल में फंसे कि उनको अपनी जान गंवानी पड़ी।

महाराज की जिंदगी में भूचाल दूसरी शादी के ख्वाब के बाद ज्यादा आ गया। गृहस्थ संत भय्यूजी महाराज की पहली पत्नी पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था। पत्नी के निधन के कुछ दिनों बाद महाराज की केयरटेकर पलक पुराणिक के साथ बढ़ी।

पलक महाराज के इतने करीब पहुंच गई थी कि वह शादी का ख्वाब देखने लगी थी। इस बीच ग्वालियर की शिष्या डॉ आयुषी के साथ भी नवंबर 2016 से महाराज की नजदीकियां बढ़ने लगी। महाराज को डॉ आयुषी इतनी पसंद आ गई है कि वह शादी का विचार करने लगे।

15 दिन बाद ही 20 नवंबर 2016 को महाराज ने आयुषी को प्रपोज कर दिया था। इसके बाद दोनों परिवारों की मर्जी से 25 जनवरी 2017 को डॉ आयुषी और भय्यूजी महाराज की कोर्ट मैरिज हुई थी। बताया जाता है कि शुरुआत में डॉ आयुषी के परिवार के लोग शादी के लिए तैयार नहीं थे। मगर महाराज ने उनके सामने मजबूरी बताई थी।

कोर्ट मैरिज के बाद दोनों ने धूमधाम से 30 अप्रैल 2017 को शादी रचाई थी। कोर्ट में दिए बयान में डॉ आयुषी ने कहा था कि भय्यूजी महाराज ने मुझसे और मेरे परिवार को बताया था कि मेरी आस्तीन में बहुत सांप हैं। जल्दी शादी करनी होगी। इसके साथ ही आयुषी ने यह भी कहा था कि पलक शादी के बाद महाराज को धमकी देकर गई थी।

पलक ने महाराज की बड़ी बहन से कहा था कि उन्होंने मुझसे शादी नहीं की तो परिणाम बहुत खराब होंगे। साथ में विनायक और शरद ने भी भय्यूजी महाराज को बर्बाद करने की धमकी दी थी। आयुषी ने बताया कि पलक, विनायक और शरद लगातार महाराज को ब्लैकमेल कर रहे थे। साथ ही हर महीने उनसे लाखों की वसूली करते थे। कई बार ये लोग कोरे चेक पर साइन करवाते थे।

साथ ही रेप केस में फंसाने की धमकी देते थे। महाराज सब कुछ सहन करते रहते थे। आज भी यह कयास लगाए जाते हैं कि महाराज ने इन्हीं लोगों से बचने के लिए डॉ आयुषी से शादी में जल्दबाजी की थी। मगर वह और उलझते गए। इस मामले में दोषियों को सजा तो हो गई है। मगर सवाल आज भी ये है कि भय्यूजी महाराज की संपत्ति पर हक किसका होगा।

#BhaiyyuJiMaharajCase #BhaiyyuJiMaharaj #IndoreCourt


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Thursday, January 27, 2022

The Gap Year Between Mahomes and Burrow Is Closing


Sports New York TimesBy BY ALANIS THAMES Via NYT To WORLD NEWS

What’s next: Here’s the path Biden’s nominee to the Supreme Court is expected to follow.


U.S. New York TimesBy BY CHARLIE SAVAGE Via NYT To WORLD NEWS

10 लाख की i20 कार के लकी ड्रा के नाम पर बदमाशों ने 63 लाख ठगे, ऐसे पकड़े गए


उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर शहर की हिरणमगरी थाना पुलिस ने दिल्ली के तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने उदयपुर के एक रिटायर्ड एईएन से 63 लाख रुपये की ठगी की है। यह ठगी एक आई20 कार के लकी ड्रा के नाम की। करीब 10 लाख रुपये की कार इनाम में देने का झांसा देकर तीनों ने बुजुर्ग की जिंदगी भर की कमाई छीन ली। हालांकि, उदयपुर पुलिस की टीम ने तीनों आरोपियों को उनके ठिकाने से दबाचते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

थानाधिकारी रामसुमेर मीणा ने बताया कि 22 सितंबर को जलदाय विभाग के रिटायर्ड एईएन नंदकिशोर अरोड़ा ने मामला दर्ज करवाया था। अरोड़ा को एक नम्बर से कॉल आया और एक लॉटरी कंपनी का हवाला देकर उन्हें लकी ड्रा में आई20 कार जीतने की बात बताई। इसके बाद ठग ने उनसे नाम, पता और जानकारी मांगी। ठग रोजना अरोड़ा को कॉल करते और झांसे में लेते रहे। ठग कभी एक लाख, तो कभी 50 हजार रुपए चार्जेस के नाम पर अपने खाते में ट्रांसफर करवाते रहे। पीएचईडी से एईएन के पद पर रिटायर्ड अरोड़ा के खाते में रिटायरमेंट पर मिले 63 लाख रुपये जमा थे। ये सारे रुपये ठगों ने अरोड़ से ठग लिये।

मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। खाते से ट्रांजेक्शन स्टेटमेट चेक किया तो ठगी की बात सच साबित हुई। अब पुलिस ने बैंक खातों और आरोपियों की बताई कंपनी की पड़ताल शुरू की। इसी इनपुट के आधार पर पुलिस दिल्ली पहुंची और मंगलवार को तीन बदमाशों को हिरासत में लिया। इनमें ​हरियाणा के फरीदाबाद निवासी गोपाल गोयल, त्रिभुवन यादव और दिल्ली के जैतपुर निवासी ऋषभ सिंह शामिल हैं।


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Third shots reduce the risk of hospitalization in people with weak immune systems, a C.D.C. report says.


Health New York TimesBy BY BENJAMIN MUELLER Via NYT To WORLD NEWS

The Best Veggie Burgers Are Made With Vegetables


Food New York TimesBy BY TEJAL RAO Via NYT To WORLD NEWS

उदयपुर में MBBS परीक्षा में नकल के खेल का खुलासा, वाइस प्रिंसिपल समेत 2 गिरफ्तार


उदयपुर: राजस्थान की उदयपुर पुलिस ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए MBBS परीक्षा में चल रही घपलत का खुलासा किया। परीक्षा से पहले ही पेपर लीक कर परीक्षार्थियों को बेचा जा रहा था। पेपर के बदले 10-15 हजार रुपये भी वसूले जा रहे थे। पेपर लीक करने और नकल करवा रहे दो आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इनमें एक ​नर्सिंग कॉलेज का वाइस प्रिंसिपल है जबकि दूसरा आरोपी नर्सिंगकर्मी है।

यह पूरा खेल एक्जाम से 30 मिनट पहले चला रहा था। हालांकि कॉलेज के प्रिंसिपल की शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और पूरा खुलासा हुआ। उदयपुर की हिरणमगरी पुलिस ने नकल के खेल के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। प्राथमिक जांच में दोनों के बीच हुई पेपर की डील की मोबाइल पर बातचीत भी सामने आई है।

थानाधिकारी रामसुमेर मीणा ने बताया कि एमबीबीएस परीक्षा के पेपर लीक का मामला सामने आया है। इसमें उमरड़ा स्थि​त मां गायत्री नर्सिंग कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल करण सिंह और एक निजी हॉस्पिटल के कंपाउंडर अजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पेपर लीक कर परीक्षार्थियों को नकल करवाते थे। करण सिंह उसी कॉलेज में एग्जाम कार्डिनेटर भी था।

ऐसे पेपर लीक कर करवाते थे नकल
आरोपी करण सिंह यूनिवसिर्टी से ऑनलाइन पेपर मिलने के बाद ओटीपी डालकर डाउनलोड करता। उसे अपने साथी अजीत सिंह को वाट्सएप के जरिए भेजता। करण सिंह के पास कॉलेज में स्टूडेंन्ट्स तक लिफाफे में पेपर बांटने ​की जिम्मेदारी भी थी। उसे एग्जाम कॉर्डिनेटर बनाया हुआ था। इसी की आड़ में वह अपने साथी के साथ मिलकर परीक्षा से पहले 10-15 हजार रुपये में स्टूडेंन्ट्स को पेपर और नकल सामग्री बेचता था।


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Wednesday, January 26, 2022

'दरवाजा खुला है' पर जयंत का भाजपा को जवाब, उन 700+ किसानों को न्योता दो जिनके....

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं के साथ बैठक की। बैठक का आयोजन बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर हुआ। बैठक के बाद वर्मा ने कहा कि जयंत चौधरी ने एक गलत रास्ता चुना है यहां के समाज के लोग उनसे बात करेंगे और उनको समझाएंगे। हमारा दरवाज़ा उनके लिए खुला है। हम तो चाहते थे कि वो हमारे घर में आए लेकिन उन्होंने दूसरा घर चुना है। उनके इस बयान के तुरंत बाद जयंत चौधरी ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, 'न्योता मुझे नहीं, उन +700 किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!!' सपा के साथ गठबंधन कर चुकी है रालोद जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया है और दोनों ही पार्टी पश्चिमी यूपी में उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुकी है। अमित शाह के साथ बैठक में मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि कोई गिले-शिकवे वाली बात नहीं है, सब से बैठकर बातचीत हुई और हमेशा ऐसी बात होती है। 2017 में भी बात हुई थी 2019 में भी बात हुई थी और 2014 में भी बात हुई आज भी बात हुई है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। पहले चरण में 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होगा। इसमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर जिले प्रमुख हैं। दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत प्रमुख जिले हैं। किसान आंदोलन की वजह से नाराज हैं किसान पहले दोनों चरणों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मतदान होगा। पिछले चुनावों में भाजपा ने इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन की वजह से क्षेत्र के किसानों और जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली है। किसानों, जाटों और दलितों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की आबादी अच्छी है। हर चुनाव में भाजपा पर इस इलाके में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोप लगते रहे हैं। इस बार भाजपा की ओर से 'पलायन' और ‘80 बनाम 20’ जैसे मुद्दों को उठाकर ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही है। अमित शाह ने पिछले दिनों कैराना का दौरा कर इन मुद्दों को धार देने की भी कोशिश की।

MP में 31 जनवरी के बाद स्कूल खुलेंगे या नहीं, सुनिए मंत्री ने क्या कहा


बैतूल: मध्य प्रदेश में 31 जनवरी के बाद भी स्कूल खुलने की जल्दी संभावना (Possibility of School opening after 31 January) नहीं है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Minister Inder Singh Parmar) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 का प्रकोप पूरे प्रदेश में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसे देखते हुए नहीं लगता है कि 31 जनवरी या इसके ठीक बाद स्कूल खुल सकेंगे। इंदरसिंह परमार ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए बैतूल आए थे।

Bhind Viral Video: भाषण के बीच ग्राउंड में घुसे सांढ को देख चढ़ा मंत्री का पारा, एसडीएम-कलेक्टर को लगाई फटकार

उन्होंने कहा कि यदि कोरोना का संक्रमण इसी तरह बढ़ता रहा तो स्कूल नहीं खोले (MP School Reopening News) जा सकते हैं। संक्रमण की रफ्तार पर नियंत्रण के बाद ही स्कूलों को खोलने पर विचार किया जाएगा। कोविड संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। स्थिति की समीक्षा कर उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। परमार ने यह भी कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई हर जगह संभव नहीं है। सभी सरकारी स्कूलों में इसकी व्यवस्था नहीं है। ऑनलाइन पढ़ाई एक काम चलाऊ व्यवस्था है। इस पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जा सकता है। मंत्री ने कहा कि स्कूल बंद होने के चलते शिक्षक और विद्यार्थियों को एक-दूसरे के संपर्क में रहने की जरूरत है।


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El profeta de los fichajes del fútbol


en Español New York TimesBy BY RORY SMITH Via NYT To WORLD NEWS

डेप्यूटेशन पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध हुआ तेज, 9 गैर-भाजपा शासित राज्य हुए लामबंद

नयी दिल्ली: ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और झारखंड समेत अब तक नौ गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र के प्रस्ताव के विरोध में यह कहते हुए साथ आ गए हैं कि यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा है कि राज्य प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को नहीं मुक्त कर रहे हैं जिससे केंद्र में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है। राज्य की शक्ति छीनने का आरोप कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सूत्रों ने कहा कि केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर तक आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व घट रहा है क्योंकि अधिकतर राज्य केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) के अपने दायित्वों को पूरा नहीं कर रहे हैं और केंद्र में सेवा के लिए उनके द्वारा प्रायोजित अधिकारियों की संख्या बहुत कम है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को एक कैडर आवंटित किया जाता है, जो राज्य और केंद्र शासित प्रदेश होता है। प्रत्येक कैडर को एक सीडीआर की अनुमति होती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर काम करने का अवसर मिले। यह अधिकारियों के अनुभव को भी बढाता है। डीओपीटी ने हाल में आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग के लिए केंद्र के अनुरोध को रद्द करने के लिए राज्यों की शक्ति को छीन लेगा। इन राज्यों ने किया विरोध विरोध करने वाले राज्यों की सूची में शामिल हुए ओडिशा ने कहा कि यह कदम एक बार लागू होने के बाद राज्यों के प्रशासन को प्रभावित करेगा और विभिन्न विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रभाव डालेगा। महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान ने भी संशोधनों के खिलाफ आवाज उठाई है। सबसे पहले सीएम ममता बनर्जी ने किया विरोध झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रस्तावित संशोधनों को कठोर और ‘एकतरफा कार्रवाई को बढ़ावा देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रस्ताव को छोड़ देने के लिए कहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कदम के खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की। बनर्जी ने मोदी से प्रस्ताव वापस लेने का आग्रह किया क्योंकि यह ‘अधिकारियों के बीच ‘डर की भावना’ पैदा करेगा और उनके प्रदर्शन को प्रभावित करेगा।’ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी प्रधानमंत्री से इस कदम को छोड़ने का आग्रह करते हुए कहा है कि यह देश की संघीय नीति और राज्यों की स्वायत्तता की जड़ पर हमला है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सीएम ने किया विरोध राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रस्तावित बदलाव केंद्र और राज्य सरकारों के लिए निर्धारित संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करेंगे और अधिकारियों द्वारा बेखौफ तथा ईमानदारी से काम करने की भावना को कम करेंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रस्तावित संशोधन सहयोगात्मक संघवाद की भावना के खिलाफ हैं और यदि इसे लागू किया जाता है तो राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था ‘‘चरमरा’’ सकती है। IAS अधिकारी ने बताई मन की बात महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के साथ काम करने से अधिकारियों का नजरिया व्यापक होता है। अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए डीओपीटी राज्यों को पत्र लिखकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की मांग कर रहा है। डीओपीटी ने पिछले साल जून में सभी राज्य सरकारों को उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव के स्तर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिक अधिकारियों को नामित करने को कहा था। केंद्रीय कर्मचारी योजना (सीएसएस) के तहत आमतौर पर केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों (अर्थात केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर) में उप सचिव, निदेशक और उससे ऊपर के स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। डीओपीटी के सूत्रों के अनुसार, सीडीआर पर आईएएस अधिकारियों की संख्या 2011 में 309 से घटकर 223 हो गई है। केंद्र ने बताई अपनी मजबूरी सूत्रों ने कहा कि केंद्र में पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की अनुपलब्धता केंद्र सरकार के कामकाज को प्रभावित कर रही है क्योंकि केंद्र को नीति निर्माण और कार्यक्रम कार्यान्वयन में नयी जानकारी प्राप्त करने के लिए इन अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अधिकारियों का राज्य से केंद्र और केंद्र से राज्य में भेजा जाना, दोनों के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद है क्योंकि यह प्रभावी कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए राज्यों के साथ बेहतर समन्वय की दिशा में योगदान देने के अलावा अधिकारियों के पेशेवर विकास को सक्षम बनाता है। सूत्रों ने कहा कि अधिकतर राज्य कैडर द्वारा निर्धारित सीडीआर के अनुसार अधिकारियों की संख्या को प्रायोजित नहीं करने के कारण कैडर में अधिकारियों की कमी है।

Bhind Viral Video: भाषण के बीच ग्राउंड में घुसे सांढ को देख चढ़ा मंत्री का पारा, एसडीएम-कलेक्टर को लगाई फटकार


गणतंत्र दिवस (Republic Day News) पर भिंड में ध्वजारोहण करने आए प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Minister Govind Singh Rajpoot) भड़क गए। सर्किट हाउस की व्यवस्थाओं से नाराज राजपूत जब भाषण दे रहे थे तो ग्राउंड में दो सांढ घुस आए। नाराज राजपूत ने पहले कलेक्टर को डांटा और फिर सबके सामने ही एसडीएम को भी फटकार लगाई।

भिंड (Bhind News) में गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान अनोखा नजारा देखने को मिला। ध्वजारोहण के लिए पहुंचे प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाषण के बीच में पहले तो दो सांड परेड ग्राउंड में घुस आए। सांड को भगाने की कोशिश में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद राजपूत जब वहां से विदा होने लगे तो उन्होंने सबके सामने एसडीएम को फटकार लगा दी। राजपूत ने एसडीएम को चेतावनी देते हुए कहा कि अपनी व्यवस्थाएं सुधार लो, नहीं तो घर जाओ।

एसडीएम को डांटने के बाद राजपूत अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। इससे पहले मीडियाकर्मियों ने उनसे एसडीएम को डांट का कारण पूछा तो वे चुप्पी साध गए। हालांकि, उनकी डांट का वीडियो अब वायरल (Bhind Viral Video) हो रहा है।


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Tuesday, January 25, 2022

Why Not Copy YouTube’s Good Idea?


Technology New York TimesBy BY SHIRA OVIDE Via NYT To WORLD NEWS

OSHA withdraws its workplace vaccine rule.


Business New York TimesBy BY EMMA GOLDBERG Via NYT To WORLD NEWS

Michael Avenatti Will Represent Himself During Remainder of His Trial


New York New York TimesBy BY COLIN MOYNIHAN Via NYT To WORLD NEWS

Frank Dutton, Who Took On Apartheid’s Crimes, Dies at 72


World New York TimesBy BY CLAY RISEN Via NYT To WORLD NEWS

How to Survive When Stocks Behave Badly


Business New York TimesBy BY JEFF SOMMER Via NYT To WORLD NEWS

पंजाब के सरकारी मेडिकल-डेंटल कॉलेज में खेल कोटा के तहत 3 फीसदी आरक्षण देने का फैसला निरस्त

नई दिल्ली : () ने मंगलवार को हाईकोर्ट के फैसले के उस हिस्से को रद्द कर दिया, जिसमें पंजाब सरकार को राज्य के सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में खेल कोटा में एक प्रतिशत की बजाय तीन फीसदी आरक्षण देने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोर्ट आरक्षण देने के लिए रिट जारी नहीं कर सकती हैं। उच्च न्यायालय के साल 2019 के फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया। हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा था हाईकोर्ट के फैसले में निर्देश दिया गया था कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में खेल कोटा के तहत तीन फीसदी आरक्षण प्रदान करने के लिए नई अधिसूचना जारी करे। कार्यपालिका ने इन कॉलेजों में खेल कोटा के तहत एक फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि राज्य के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त गैर-अल्पसंख्यक मेडिकल/डेंटल चिकित्सा संस्थानों में आतंकवाद या सिख दंगे से प्रभावित लोगों के बच्चों और पोते-पोतियों के लिए एक फीसदी कोटा प्रदान किया जाए। इसने यह भी निर्देश दिया था कि आतंकवाद और दंगा प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान प्रबंधन कोटे की सीटों पर भी लागू होगा। जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने सुनाया फैसलाजस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में खेल कोटा को एक से बढ़ाकर तीन फीसदी करने के हाईकोर्ट के आदेश की वैधता पर विस्तार से विचार किया और फैसले के दूसरे पहलू पर विचार नहीं करने का फैसला किया। फैसले में कहा गया है कि यह सवाल कि क्या दाखिले में आतंकवाद या दंगा प्रभावित व्यक्तियों के बच्चों या पोते-पोतियों के लिए एक प्रतिशत कोटा प्रदान करने में उच्च न्यायालय सही था, अब ‘अकादमिक’ बन गया है, क्योंकि राज्य अब आरक्षण प्रदान कर रहा है। इस मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून को लेकर सवाल हमेशा बना रहेगा। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहासर्वोच्च अदालत ने कहा, 'जहां तक उच्च न्यायालय की ओर से सरकारी मेडिकल-डेंटल कॉलेज में तीन प्रतिशत का खेल कोटा देने के निर्देश का सवाल है तो उसे रद्द किया जाता है।' न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट कि इस मामले में परमादेश का रिट जारी नहीं कर सकता था।' जस्टिस शाह ने फैसला देते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से खिलाड़ियों को केवल एक प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला एक नीतिगत फैसला है।