नई दिल्लीदेश में की चर्चा है। सोमवार को एक जाने-माने भौतिक विज्ञानी ने तो यहां तक दावा किया था कि तीसरी लहर 4 जुलाई को ही दस्तक दे चुकी है। यह अलग बात है कि सरकार ने अभी इस बारे में कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है। हालांकि, वह बार-बार कहती आई है कि लोगों को अभी कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना सम्मत व्यवहार) बनाए रखना है। ऐसा नहीं किया गया तो अभी तक मिली सफलता पर पानी फिर जाएगा। कोरोना को दोबारा बढ़ने से रोकने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सैनिटाइजेशन जरूरी है। हालांकि, मास्क पहनने में लोग आनाकानी कर रहे हैं। इसके लिए वे मुख्य रूप से तीन बातों का हवाला देते हैं। केंद्रीय ने अपने एक सर्वे से इसका पता लगाया है। कारण नंबर 1 मास्क न पहनने के लिए लोग पहला कारण सांस लेने में तकलीफ को बताते हैं। सर्वे में शामिल लोगों ने कहा कि मास्क पहनने के बाद उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। यही कारण है कि वे मास्क नहीं पहनते हैं। कारण नंबर 2 लोगों के मास्क नहीं पहनने का दूसरा कारण असहजता से जुड़ा है। वे कहते हैं कि मास्क पहनना उन्हें 'अनकम्फर्टेबल' लगता है। इसे पहने के बाद वे सहज महसूस नहीं करते हैं। कारण नंबर 3 कई लोगों ने मास्क नहीं पहनने का कारण यह बताया कि उन्हें इसकी जरूरत ही नहीं है। वजह यह है कि वे कड़ाई से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। लिहाजा, उन्हें इसकी बहुत जरूरत नहीं है। चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले रहे लोग स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर की चेतावनी को लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मंत्रालय बार-बार कहता रहा है कि अगर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो तीसरी लहर का आना लाजिमी है। लोगों के रवैये से चिंतित सरकार लोगों के रवैये से सरकार चिंतित है। कोरोना की पाबंदियों में ढील देने के बाद मार्केट्स और हिल स्टेशनों पर लोगों की भीड़ ने उसकी चिंता बढ़ा दी है। यहां लोग न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं न ही मास्क लगा रहे हैं। सरकार कह चुकी है कि लोगों का बर्ताव ऐसा ही रहा तो पाबंदियों में दी गई ढील को वापस ले लिया जाएगा। कांवड़ यात्रा रद्दकोरोना संकट के मद्देनजर ही उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द करने का फैसला किया है। उसने कहा था कि लाखों की भीड़ में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन असंभव है। आशंका थी कि कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर बन सकती है। वैसे यूपी सरकार ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।
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