नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मेडिकल ऑक्सिजन की उपलब्धता को लेकर लोगों से न घबराने की अपील की है। मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में ऑक्सिजन का पर्याप्त भंडार है, लेकिन भारी मांग वाले क्षेत्रों में इनकी आपूर्ति करने का मुद्दा है जिसका समाधान बेहतर से बेहतर ढंग से करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें वायुसेना की मदद भी ली जा रही है। ढुलाई है सबसे बड़ी चुनौती मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष गोयल ने इसका भी उल्लेख किया कि अस्पतालों को जल्द से जल्द ऑक्सिजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से क्या प्रयास किए गए हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘घबराएं नहीं, पैनिक मत करें। हमारे पास ऑक्सिजन का पर्याप्त भंडार है। ढुलाई का मसला है। ढुलाई एक बड़ी चुनौती है जिसे हम सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय भागीदारी से हल करने का प्रयास कर रहे हैं।’ गोयल ने इस बात पर जोर दिया, ‘बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऑक्सीजन की ढुलाई के मुद्दे को हल करने का प्रयास हम कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि ऑक्सिजन उत्पादक राज्य मुख्यत: पूर्वी और मध्य भारत में हैं। यह इस बात का संकेत है कि यह उत्पादक राज्य उन राज्यों से दूर हैं जहां ऑक्सिजन की मांग ज्यादा है। पिछले सप्ताह सर गंगा राम और मैक्स समेत दिल्ली के कई अस्पतालों ने ऑक्सिजन की कमी होने का विषय सोशल मीडिया और दूसरे मंचों पर उठाया गया था। कुछ अस्पतालों ने तो दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख भी किया। स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही गोयल ने कहा कि वायु मार्ग से ऑक्सिजन भरे टैंकरों को लाना संभव नहीं था, इसलिए वायुसेना के परिवहन विमान की मदद ली गई है। यह ऑक्सिजन को पहुंचाने में चार-पांच दिन की बजाय एक से दो घंटे का समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि ऑक्सिजन टैंकर को जल्द पहुंचाने के लिए बीते शुक्रवार से स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही हैं। गृह मंत्रालय देश में विभिन्न हिस्सों में मौजूद ऑक्सिजन भरने के स्टेशनों तक खाली टैंकरों एवं कंटेनरों को ले जाने के लिए प्रयासों में समन्वय कर रहा है ताकि जरूरतमंद कोरोना मरीजों तक ऑक्सिजन जल्द से जल्द पहुंचाई जा सके। जीपीएस के जरिए स्थिति पर पूरी नजर गृह मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी भी दी कि केंद्र सरकार जीपीएस के माध्यम से ऑक्सीजन लाने वाले टैंकरों को लाने-ले जाने की स्थिति पर नजर बनाए हुए है तथा अस्पतालों को कम से कम समय में ऑक्सिजन उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों से अस्पतालों को यह बताने के लिए कहा गया कि वे ऑक्सिजन का उचित ढंग से उपयोग करें तथा अगर कोई लीकेज है तो उसे ठीक करें। गोयल ने यह भी बताया कि ऑक्सिजन टैंकरों को जल्द पहुंचाने के लिए ‘ग्रीन कोरिडोर’ प्रदान किया जा रहा है तथा इनको सुरक्षा भी दी जा रही है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,52,991 नए मामले आने के बाद सोमवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,73,13,163 हो गई और संक्रमण से 2,812 लोगों की मौत होने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,95,123 हो गया। उधर, तरल ऑक्सिजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद सोमवार को सरकार ने तीन क्षेत्रों - शीशियों, दवा और रक्षा बलों - को इसका उपयोग करने की अनुमति दी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने देश के कई हिस्सों, विशेष रूप से दिल्ली में चिकित्सीय ऑक्सिजन की कमी के बीच रविवार को गैर-चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए तरल ऑक्सिजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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