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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, January 31, 2021

कोरोना काल में इन देशों के लिए 'देवदूत' बना भारत, गिफ्ट कर चुका वैक्‍सीन की लाखों डोज

कोविड वैक्‍सीन डिवेलप होने के बावजूद, दुनिया के कुछ देशों के सामने बड़ी परेशानी है। उनके यहां न तो वैक्‍सीन बन रही है, न ही इतना बजट है कि अमेरिकी, चीनी व अन्‍य वैक्‍सीन खरीद सकें। ऐसे देशों के लिए भारत किसी देवदूत की तरह सामने आया। छोटे और कम आय वाले कई देशों को भारत ने अपने यहां बनी ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन 'कोविशील्‍ड' की खेप भिजवाई है, वह भी तोहफे के रूप में। एक तरफ देश में टीकाकरण अभियान जारी है तो दूसरी तरफ, इन देशों की मदद भी। भारत की इस पहल को दुनिया भी सराह रही है।

India Gifts Covid Vaccine: कोरोना वायरस रूपी संकट से उबरने में नेपाल, भूटान, बांग्‍लादेश, श्रीलंका समेत कई पड़ोसियों की मदद करने की खातिर भारत सबसे आगे खड़ा है।


Covid Vaccine News: कोरोना काल में इन देशों के लिए देवदूत बना भारत, गिफ्ट कर चुका वैक्‍सीन की लाखों डोज

कोविड वैक्‍सीन डिवेलप होने के बावजूद, दुनिया के कुछ देशों के सामने बड़ी परेशानी है। उनके यहां न तो वैक्‍सीन बन रही है, न ही इतना बजट है कि अमेरिकी, चीनी व अन्‍य वैक्‍सीन खरीद सकें। ऐसे देशों के लिए भारत किसी देवदूत की तरह सामने आया। छोटे और कम आय वाले कई देशों को भारत ने अपने यहां बनी ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन 'कोविशील्‍ड' की खेप भिजवाई है, वह भी तोहफे के रूप में। एक तरफ देश में टीकाकरण अभियान जारी है तो दूसरी तरफ, इन देशों की मदद भी। भारत की इस पहल को दुनिया भी सराह रही है।



अबतक इन देशों को भारत ने दी वैक्‍सीन
अबतक इन देशों को भारत ने दी वैक्‍सीन

बांग्‍लादेश

- 20 लाख डोज

म्‍यांमार

- 15 लाख डोज

नेपाल

- 10 लाख डोज

श्रीलंका

- 5 लाख डोज

भूटान

- डेढ़ लाख डोज

मालदीव

- 1 लाख डोज

मॉरीशस

- 1 लाख डोज

ओमन

- 1 लाख डोज

सेशेल्‍स

- 50 हजार डोज

यहां अभी भेजी जानी है वैक्‍सीन

अफगानिस्‍तान

- 5 लाख डोज

निकारगुआ

- 2 लाख डोज

मंगोलिया

- 1.5 लाख डोज

बारबेडोज

- 1 लाख डोज

डॉमिनिका

- 70 हजार डोज



वैक्‍सीन पर क्‍या है भारत की नीति?
वैक्‍सीन पर क्‍या है भारत की नीति?

सरकार का स्‍टैंड ये था कि दुनियाभर को वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराई जाए। महामारी के दौर में स्‍वाथी न बना जाए। देश के लोगों की जरूरत पूरी करने के बाद भारत अपने पड़ोसियों और सहयोगियों को पहली प्राथमिकता देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार कहते रहे हैं कि भारत अपने व्यापक वैक्‍सीन इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का इस्‍तेमाल दूसरे देशों की मदद में करेगा।



ग्‍लोबल कमिटमेंट का हिस्‍सा है सीरम इंस्टिट्यूट
ग्‍लोबल कमिटमेंट का हिस्‍सा है सीरम इंस्टिट्यूट

'कोविशील्‍ड' बना रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीन निर्माताओं में से एक है। कंपनी पहले ही कह चुकी है कि वो जितनी भी डोज बनाएगी, उसका आधा भारत के लिए और बाकी Covax के लिए होगा। Covax असल में वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक पहल है ताकि वैक्‍सीन कम और मध्‍य आय वर्ग वाले देशों में भी उपलब्‍ध हो सके।



दुनिया कर रही भारत की तारीफ
दुनिया कर रही भारत की तारीफ

कुछ दिन पहले, संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैक्‍सीन हब के तौर भारत की तारीफ की थी। उन्‍होंने दूसरे देशों को डोज सप्‍लाई करने के लिए भारत की पीठ थपथपाई थी। अमेरिका ने पिछले हफ्ते भारत को 'सच्‍चा दोस्‍त' बताते हुए कहा था कि वह अपने फार्मा सेक्‍टर का इस्‍तेमाल दुनियाभर के लोगों की मदद में कर रहा है। भारत ने जहां-जहां वैक्‍सीन भेजी है, उन देशों ने भी बेहद भावुक होकर शुक्रिया अदा किया है। कई देशों ने भारत से वैक्‍सीन हासिल होने की उम्‍मीद जताई है।



आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार रही फेल? सर्वे में 2010 के बाद मिली सबसे खराब रेटिंग

नई दिल्ली आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को सत्ता में आने के बाद से अब तक की सबसे खराब रेटिंग मिली है। आईएएनएस-सीवोटर बजट ट्रैकर के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। वहीं महंगाई की वजह से ज्यादातर भारतीयों को अपने खर्च प्रबंधन में भी मुश्किल हो रही है। साल 2020 को लेकर किए गए इस सर्वे में 46.4 फीसदी लोगों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के तहत केंद्र सरकार का अब तक का आर्थिक मोर्चे पर प्रदर्शन उम्मीद से खराब रहा है। वहीं करीब 31.7 फीसदी लोगों ने कहा कि प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर है। यह 2010 के बाद से किसी भी सरकार के लिए सबसे खराब स्कोर है। हालांकि इस मामले में 2013 का वर्ष अपवाद है, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और पी. चिदंबरम वित्तमंत्री थे। 2013 में, 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि आर्थिक मोर्चे पर काम उम्मीद से ज्यादा खराब है। मोदी सरकार की सर्वश्रेष्ठ आर्थिक अप्रूवल रेटिंग 2017 में तब आई थी, जब अरुण जेटली वित्तमंत्री थे। उस साल, 52.6 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि आर्थिक मामले में प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर है। आर्थिक मोर्चे पर घटती अप्रूवल रेटिंग चिंता का विषय है, क्योंकि अर्थव्यवस्था कोविड के प्रभाव के बाद फिर से अपने पुराने रूप में लौटने के लिए संघर्ष कर रही है। 'अधिकांश भारतीयों को अपने खर्च प्रबंधन में हो रही मुश्किल' अधिकांश भारतीयों को अपने खर्चों का प्रबंधन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आईएएनएस-सी वोटर सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। सर्वेक्षण में लगभग 65.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वर्तमान खर्चों को प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है, जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खर्च तो बढ़ गए हैं, लेकिन वे प्रबंधन योग्य हैं। 2.1 प्रतिशत ने कहा कि पिछले एक साल में उनके खर्च में कमी आई है और अन्य 2.1 प्रतिशत मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सके। '2020 में अधिकांश भारतीयों की क्रयशक्ति कमजोर हुई' सर्वे के अनुसार पिछले एक साल में अधिकांश भारतीयों की क्रय शक्ति कमजोर हो गई। आईएएनएस-सी वोटर के प्री-बजट सर्वेक्षण से पता चला है कि 43.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनकी आय उसी तरह बनी रही, जबकि खर्च बढ़ गया, जबकि 28.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं की आय गिर गई, लेकिन उनका खर्च बढ़ गया। लगभग 11.5 प्रतिशत ने कहा कि पिछले साल उनकी आय और व्यय दोनों में वृद्धि हुई है। महामारी की वजह से वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी श्रेणी के आम आदमी की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस दौरान आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई और व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा। क्षेत्रों में कई कंपनियों और प्रतिष्ठानों ने महामारी और अंतत: लॉकडाउन के कारण वेतन में कटौती और छंटनी का सहारा लिया। आम आदमी के लिए महंगाई पिछले साल एक प्रमुख चिंता का विषय रही, क्योंकि पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक लोगों ने उच्च कमोडिटी की बढ़ी हुई कीमतों के प्रभाव को महसूस किया।

राफेल, तेजस के बाद 114 और लड़ाकू विमान खरीदेगी एयरफोर्स, 1.3 लाख करोड़ की डील

नई दिल्ली लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है। , और के बाद वायुसेना 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमानों की खरीद की तैयारी कर रही है। इस डील की लागत 1.3 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। हाल ही में मोदी सरकार ने तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद को हरी झंडी दी थी। अब वायुसेना 114 और लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रही है। आगामी एयरो इंडिया शो में 83 तेजस लड़ाकू विमानों से जुड़ी डील होने की उम्मीद है। तेजस एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी एक एक हल्का लड़ाकू विमान है। 83 तेजस मार्क 1A विमानों की खरीद के लिए केंद्र सरकार ने 50000 करोड़ की डील को मंजूर किया है। सूत्रों के अनुसार ये तेजस विमान धीरे-धीरे हटाए जाने वाले मिग-21 के 4 स्कॉड्रन की जगह लेंगें। वहीं इसके बाद भारतीय वायुसेना अब 114 और लड़ाकू विमानों की खरीद की तैयारी कर रही है। 1.3 लाख करोड़ की इस खरीद के लिए वायुसेना ने रिक्वेस्ट फॉर इंफर्मेशन (RFI)पहले ही जारी कर दिया है। दुनियाभर की कई कंपनियों ने इस सौदे पर रूचि दिखाई है। अमेरिका, रूस, फ्रांस स्वीडन जैसे देशों की दिग्गज कंपनियों ने RFI जारी होने के बाद इस डील को लेकर उत्सुकता दिखाई है। अमेरिकी कंपनी की ओर से F-15 स्ट्राइक इगल, F-18 सुपर हॉर्नेट, और F-16 का ही एक वेरियंट F-21 ऑफर किए जा रहे हैं। रूस की कंपनी मिग-21 और सुखोई की डल को लेकर बात कर रही है, वहीं स्वीडन की साब ग्रिपेन फाइटर एयरकाफ्ट को लिए बात कर रही है। आपको बता दें कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया राफेल को114 विमानों के इस नए सौदे के लिए प्रबल दावेदार बता चुके हैं। आपको बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील को लेकर पहले ही समझौता हो चुका है। कई राफेल विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो भी चुके हैं। आपको बता दें कि वायुसेना इस डील के लिए रक्षा मंत्रालाय से जल्द ही एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN) लेने के लिए प्रस्ताव देने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि लड़ाकू विमानों को लेकर होने वाल समझौते में मेड इन इंडिया और टेक्नॉलजी ट्रांसफर की भी शर्त रहेगी।

राकेश टिकैत बोले- हम चुनाव लड़ने नहीं जा रहे, जब तक बात नहीं करेगी सरकार, तब तक...

गाजीपुर बॉर्डर (गाजियाबाद) दिल्‍ली-गाजियाबाद स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे के राष्ट्रीय प्रवक्ता का कहना है कि जब तक मोदी सरकार बात नहीं करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। विपक्षी पार्टियों के नेता यहां पर वोट तलाशने नहीं आए थे। विपक्ष यहां हमदर्दी के लिए आता है। हम कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। बता दें कि पिछले दो दिनों के भीतर कई दलों के प्रमुख नेता राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर आ चुके हैं। वहीं, ने केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों पर अपनी जिद छोड़कर किसानों की बात मानने की सलाह देते हुए बीजेपी को शक्ति प्रदर्शन की चुनौती दी है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे टिकैत भाइयों ने रविवार को कहा कि किसान प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। नरेश और राकेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही कहा था कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है। टिकैत बंधुओं ने कहा कि वे बीच का रास्ता निकालने के लिए सरकार के साथ बातचीत को तैयार हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष और बड़े भाई नरेश टिकैत ने कहा कि बीच का रास्ता यह हो सकता है कि बीजेपी सरकार अपने शासनकाल में तीनों कानूनों को लागू नहीं करे। छोटे भाई और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि इस मुद्दे का एक सम्मानपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे दबाव में किसी बात पर रजामंद नहीं होंगे। सरकार गोली चलाएगी तो हमारे सीने में लगेगी, पीठ पर नहीं: नरेश टिकैत दूसरी ओर, मुजफ्फरनगर में नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों के आंदोलन को लेकर बीजेपी एक तीर से कई निशाने साध रही है। उन्होंने एक तरह से चुनौती देते हुए कहा, ‘सरकार ने गलत जगह हाथ डाल दिया है। यहां पर उसकी बात का कोई असर नहीं पड़ेगा।‘ नरेश टिकैत ने कहा, ‘सरकार हमें कमजोर न माने। हम किसी भी सूरत में नहीं मानेंगे। सरकार गोली चलाएगी तो वह हमारे सीने में ही लगेगी, पीठ पर नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक शक्ति प्रदर्शन की बात है तो एक मैदान में बीजेपी अपनी रैली कर ले। अगले दिन उसी मैदान में हम अपना कार्यक्रम करेंगे। जहां पर बीजेपी की पूरी ताकत हो, उत्तर प्रदेश में रख लो या हरियाणा में रख लो, वहां बीजेपी अपना शक्ति प्रदर्शन करे, तब सरकार को अपनी ताकत का अंदाजा लग जाएगा। हम उसे हर जगह फेल कर देंगे।’ 'हमें सरकार से मुकदमों के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला' बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए नरेश टिकैत ने कहा, ‘बीजेपी सरकार के उत्तर प्रदेश में चार साल हो गए, लेकिन उसने 10 रुपये ही गन्ना मूल्य बढ़ाया है। हमें तो अब ऐसा लगता है कि हाथी के दांत खाने के कुछ और हैं, दिखाने के कुछ और। प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार हो, हमें कोई फायदा होने वाला नहीं है। किसानों ने मन बना लिया है। हम अपने तरीके से देखेंगे। हमें सरकार से मुकदमों के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला है।’ उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘ऐसा गर्माहट का माहौल है कि कुछ भी हो सकता है। सारे भारत में आज चिंगारी है। बंगाल का चुनाव है, उस चुनाव का ध्यान करेंगे। हर साल एक-दो राज्यों में चुनाव है... यह क्या करेंगे।’ प्रदर्शन स्‍थल पर पहुंचे और तंबू इस बीच, गाजीपुर में यूपी गेट स्थित प्रदर्शन स्थल पर रविवार को और टेंट पहुंचे। आसपास के क्षेत्रों से यहां किसानों की आमद जारी है। कई लोगों को राकेश टिकैत से बातचीत के लिए या उनके साथ सेल्फी के लिए घंटों तक इंतजार करते देखा गया। बीकेयू के एक नेता ने कहा कि राकेश टिकैत पिछले तीन दिन से एक दिन में तीन घंटे से ज्यादा नहीं सो पाए हैं। इस बीच उन्हें रक्तचाप संबंधी समस्या भी हुई, लेकिन अब वह ठीक हैं। प्रदर्शनस्थल पर किसानों के छोटे समूहों ने तिरंगे लेकर और नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला। मोदी ने तिरंगे के अपमान पर जताया था दुख गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर दिल्‍ली में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज एक फोन कॉल की दूरी है। राकेश टिकैत ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें।’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो।’ गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लाल किले की घटना का जिक्र किया और कहा कि देश गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के अपमान से दुखी है।

कांग्रेस सांसद सुरेश नारायण धानोरकर के बिगड़े बोल, BJP को बताया 'हरामखोर'

अभिषेक जायसवाल, वाराणसी वाराणसी दौरे पर आए ने बीजेपी के खिलाफ हरामखोर जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। होटल में कार्यकर्ताओं और जानने वालों से बातचीत में कांग्रेस सांसद ने ये टिप्पणी की है। कांग्रेस सांसद के विवादित बोल का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सुरेश नारायण धानोरकर महाराष्ट्र के चंद्रपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वायरल वीडियो के मुताबिक, सांसद के समर्थक यूपी विधानसभा चुनाव में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस सांसद ने बीजेपी को हरामखोर जैसे शब्दों से नवाजते हुए कहा कि सभी को अपनी पार्टी बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन देश की परिस्थितियों के हिसाब से सबको चलना चाहिए। देश बच गया तो तुम्हारी (ओवैसी) पार्टी बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि देश बचाने के लिए डिवाइड ऐंड रूल ठीक नही है। पहले इसको निपटाए फिर आगे सोचे तो ठीक है। दरअसल कांग्रेस सांसद अपने समर्थकों से बातचीत में ओवैसी को ये नसीहत दे रहे थें। कांग्रेस सांसद ने ये भी दावा किया था कि ओवैसी उनके अच्छे मित्र हैं, उन्होंने ये बातें उनसे भी कही है। निजी दौरे पर आए काशी कांग्रेस के सांसद सुरेश नारायण धानोरकर शनिवार को निजी दौरे पर काशी आए थे। शनिवार को वे अस्सी घाट पर होने वाली गंगा आरती में शामिल हुए थे। आरती के अलावा उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया था। फिर वाराणसी के एक होटल में कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की जहां उनके विवादित बोल सामने आए।

Budget 2021: खेती-किसानी के लिए क्या निकलेगा सीतारमण के पिटारे से, इस पर टिकी होंगी नजरें

नई दिल्ली (Finance Minister ) आज साल 2021-22 का बजट पेश करेंगी। इस बजट में खासकर खेती-किसानी को लेकर सरकार कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इस कारण सरकार की भी किरकिरी हो रही है। यही वजह है कि किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए सरकार इस मौके को भुना सकती है। ऐसे में इस आंदोलन का असर इस बार के बजट पर भी दिख सकता है। माना जा रहा है कि कृषि कानून की वजह से नाराज चल रहे किसानों और कृषि सेक्टर के लिए केंद्र सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है। 10.15 पर कैबिनेट की बैठक की वजह से सरकार लगातार बैकफुट पर है। हालांकि गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद आंदोलनकारी किसानों के प्रति लोगों के बीच सहानुभूति कम हुई है। इन सबके बावजूद किसानों का आंदोलन जारी है। किसान संगठन कानून वापस लेने से आलावा कुछ भी मानने को तैयार नहीं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार इस बार के बजट में कृषि सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। सोमवार को बजट पेश करने से पहले मोदी कैबिनेट की बैठक संसद परिसर में सुबह 10 बजकर 15 मिनट बजे होगी। 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कृषि क्षेत्र का किया जिक्र पीएम मोदी ने बजट से एक दिन पहले रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में भी कृषि क्षेत्र का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा, ' खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।' किसानों आंदोलन और बजट से एक दिन पहले प्रधानमंत्री के इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार हमेशा से यह दावा करती रही है कि गांव, गरीब और किसानों की तरक्की उसकी प्राथमिकता है। इसलिए जिस तरह की परिस्थितियां बन रही हैं, उसे देखकर माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस बार के बजटे में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। इकनॉमिक रिव्यू 2020-21 में, चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में जहां क्रमश: 9.6 फीसदी और 8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है, वहीं कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स की ग्रोथ रेट 3.4 फीसदी पर बरकरार रह सकती है। इस बार बढ़ सकता है कृषि सेक्टर का बजट पीएम मोदी लगातार किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की बात करते रहे हैं। केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कई कार्यक्रम किसानों के लिए सरकार पहले से चला रही है। पिछले बजट में कृषि और इससे जुड़े सेक्टर्स की 16 योजनाओं के लिए सरकार ने 2.83 लाख करोड़ के बजट का ऐलान किया था। इन सभी योजनाओं का बजट बढ़ाए जाने का अनुमान एक्सपर्ट्स जता रहे हैं। पूरे कृषि सेक्टर का बजटीय आवंटन इस वजह से बढ़ने की उम्मीद है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) समेत कृषि क्षेत्र की तमाम योजनाओं के प्रति किसानों की जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है और इन योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। पीएम-किसान का सालाना बजट 75,000 करोड़ रुपये है। यह सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, इसके बजट में कटौती नहीं होगी।' हालांकि इसके बजट में इजाफा होने के संबंध में उन्होंने कुछ नहीं बताया। कृषि क्षेत्र की कई योजनाओं का बढ़ सकता है बजट अधिकारी का कहना है कि कृषि से जुड़ी तमाम योजनाएं केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। पीएम-किसान योजना से देशभर में 11.52 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं। इसलिए, इसके बजटीय आवंटन में वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को आर्थिक सहायता के तौर पर तीन समान किस्तों में सालाना 6,000 रुपये मिलता है। फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र पर भी सरकार करेगी फोकस! इस बजट में किसानों को कम ब्याज दरों पर शॉर्ट टर्म कृषि लोन मुहैया कराने वाली स्कीम पर भी सरकार का फोकस रहने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कृषि क्षेत्र की अन्य योजनाओं को इस बजट में भी सरकार तवज्जो दे सकती है। कृषि अर्थशास्त्री का कहना है कि कि कृषि के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) उद्योग की योजनाओं को भी आगामी बजट में सरकार प्रमुखता देगी। (IANS से इनपुट सहित)

इंदौर कलेक्टर ने गणेश जी मांगी माफी, कहा- 'इस गलती के लिए ईश्वर हमें क्षमा करें'


देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार इंदौर अपने लोगों की वजह से शर्मशार है। इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने पिछले दिनों असहाय बुजुर्गों को डंपर में भर कर शहर के बाहर फेंक रहे थे। बुजुर्गों को बाहर फेंकते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके बाद प्रशासन हरकत में आई थी। दोषियों कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई लेकिन इंदौर पर लगा दाग धुला नहीं है। ऐसे में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह अब भगवान की शरण में पहुंचे हैं।

MP में निकायों पर कब्जा के लिए क्या है बीजेपी का प्लान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से समझें

बेसहारा बुजुर्गों से बेरहमी मामले को लेकर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने खजराना गणेश भगवान से माफी मांगी है। वह माघ चतुर्थी के मौके पर मंदिर में ध्वजा पूजन के लिए पहुंचे थे। मंदिर में पूजन-अर्चन और दर्शन के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने बुजुर्गों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर भगवान गणेश से माफी मांगी है। विनती की है कि इस गलती के लिए ईश्वर हमें क्षमा करें, क्योंकि अधिकारी होने के नाते ये हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।


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MP में निकायों पर कब्जा के लिए क्या है बीजेपी का प्लान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से समझें


एमपी में निकाय और पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है लेकिन बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है। इंदौर में बीजेपी प्रदेश पदाधिकारीयों की बैठक आयोजित की गई है। इसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित प्रदेश के नवनियुक्त पदाधिकारी शामिल हुए।

Expectations From Budget 2021 : 'हम व्यापारियों के पास पैसा नहीं, कोविड सेस कहां से देंगे'

इंदौर में आयोजित बैठक में बीजेपी नेताओं ने आगामी नगरीय निकाय चुनाव, पार्टी का नेटवर्क बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर चिंतन मनन किया। बैठक के बीच बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया से चर्चा की और दोनों नेताओं ने बताया कि नवनियुक्त पदाधिकारीयों की 2 दिवसीय बैठक हो रही है, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई है।


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Survey Says: Never Tweet


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Review: Seeking a Date but Finding Hypocrisy in ‘Hi, Are You Single?’


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Andrew Brooks, who developed a coronavirus spit test, has died at 51.


World New York TimesBy BY CLAY RISEN Via NYT To WORLD NEWS

पत्रकार मनदीप पूनिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, सोमवार को अदालत में जमानत पर सुनवाई

नई दिल्ली फ्रीलांस पत्रकार (Mandeep Punia) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पूनिया (Punia) को शनिवार को सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया था। पूनिया को हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके वकील अकरम खान ने कहा है कि सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में लिखा गया है, 'पुलिस के साथ हाथापाई' और 'इनमें से एक ने कॉन्सटेबल राजकुमार को प्रदर्शन स्थल की ओर खींचा।' जब पुलिस ने 'परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीमित बल प्रयोग किया तो वह आदमी, जो हमारे कॉन्सटेबल को खींच रहा था, नाले में गिर गया।' एफआईआर (FIR against Mandeep Punia) में आगे कहा गया है, 'उस शख्स की पहचान मनदीप पूनिया के रूप में हुई है... पूनिया और उनके साथ आए प्रदर्शनकारी पुलिस को उनका कर्तव्य निभाने से रोका और उन्हें धक्का दिया।' खान ने अंग्रेजी अखबार इंडिया एक्स्प्रेस को बताया कि 25 वर्षीय पूनिया को तिहार जेल में मजिस्ट्रेट (Punia in Tihar Jail) के सामने पेश किया गया। 'हम सोमवार को रोहिणी कोर्ट में जमानत के लिए अपना पक्ष रखेंगे। वहां इस मामले की सुनवाई होनी है।' अपनी जमानत याचिका में पूनिया के वकीलों का कहना है, 'उसके परिवार को बीती रात से पहले उसकी हिरासत अथवा संभावित गिरफ्तारी के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई।' उन्होंने आगे कहा कि जब एक साथी पत्रकार ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवानी चाही तब उसे गिरफ्तारी के बारे में कुछ इशारा दिया गया। इस अर्जी में यह भी कहा गया है कि आरोपी सिर्फ अपना पत्रकारिता धर्म निभा रहा था और उसके साथ हिरासत में लिए गए पत्रकारों को शनिवार आधी रात के करीब रिहा कर दिया गया था। पुलिस ने कहा था कि इस अन्य पत्रकार, धर्मेंद सिंह को प्रेस कार्ड दिखाने के बाद जाने की इजाजत दे दी गई थी। वहीं पूनिया के वकीलों का कहना है कि चूंकि पूनिया एक फ्रीलांस पत्रकार हैं, इसलिए उनके पास प्रेस कार्ड नहीं होगा और यह उनकी गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। पूनिया, हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से ग्रैजुएशन किया है। उन्होंने आईआईएमसी के 2016-17 में पत्रकारिता का कोर्स किया है। वह कारवां मैगजीन के लिए लिख रहे हैं। उनके घर में तीन बड़ी बहनें और मां (76) हैं। उनकी पत्नी लीलाश्री (29) पंजाब यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर हैं। वह रविवार को जयसिंह रोड पर दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं। पत्रकारों के एक समूह ने पुनिया की गिरफ्तारी के खिलाफ रविवार शाम पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों के हाथों में तख्तियां थीं और वे नारे लगा रहे थे। उन्होंने वहां एक मार्च भी निकाला। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि उसने शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद सीमा पर अवरोधक लगाए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई उसे पार न कर पाए। पुलिस ने आरोप लगाया था कि पत्रकार समेत कुछ लोगों ने अवरोधक हटाने की कोशिश की तथा पत्रकार ने वहां पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया। सिंघू बॉर्डर पर शुक्रवार को किसानों और स्थानीय निवासी होने का दावा करने वाले लोगों के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव किया था। सिंघू बॉर्डर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का प्रमुख स्थल है। हिंसा में दिल्ली पुलिस के एसएचओ (अलीपुर) घायल हो गए थे। घटना के संबंध में एसएचओ पर हमला करने वाले व्यक्ति समेत कम से कम 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

Coronavirus


World New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Myanmar Leader, Daw Aung San Suu Kyi, Is Detained Amid Coup Fears


World New York TimesBy BY HANNAH BEECH Via NYT To WORLD NEWS

Melvin Capital, Squeezed by Its Bets Against GameStop, Lost 53 Percent in January


Business New York TimesBy BY MATTHEW GOLDSTEIN AND KATE KELLY Via NYT To WORLD NEWS

Effort to Include $15 Minimum Wage in Relief Bill Poses Test for Democrats


U.S. New York TimesBy BY EMILY COCHRANE Via NYT To WORLD NEWS

If Marjorie Taylor Greene Isn’t Beyond the Pale, Who Is?


Opinion New York TimesBy BY THE EDITORIAL BOARD Via NYT To WORLD NEWS

77 Days: Trump’s Campaign to Subvert the Election


U.S. New York TimesBy BY JIM RUTENBERG, JO BECKER, ERIC LIPTON, MAGGIE HABERMAN, JONATHAN MARTIN, MATTHEW ROSENBERG AND MICHAEL S. SCHMIDT Via NYT To WORLD NEWS

Black Power: Now or Never


Opinion New York TimesBy BY CHARLES M. BLOW Via NYT To WORLD NEWS

Captain Tom raised millions for Britain’s coronavirus response. Now he is hospitalized with Covid-19.


World New York TimesBy BY MARIE FAZIO Via NYT To WORLD NEWS

Myanmar Leader, Daw Aung San Suu Kyi, Is Detained Amid Coup Fears


World New York TimesBy BY HANNAH BEECH Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 30, 2021

Soak With a D.I.Y. Bath Bomb


At Home New York TimesBy BY A.C. SHILTON Via NYT To WORLD NEWS

Corrections: Jan. 31, 2021


Corrections New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Honor and Learn This Black History Month


At Home New York TimesBy BY ADRIENNE GAFFNEY Via NYT To WORLD NEWS

Have a Ball This Super Bowl Sunday


At Home New York TimesBy BY TALYA MINSBERG Via NYT To WORLD NEWS

PM-virus-fader-update


Home Page New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

'मुस्लिमों में डर' बयान पर बार-बार सवाल से बिदके हामिद अंसारी, अचानक छोड़ा इंटरव्यू

नई दिल्ली पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी नई किताब को लेकर एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सेक्युलरिजम सरकार की डिक्शनरी से गायब हो चुका है। हालांकि, 'मुस्लिमों में असुरक्षा' के अपने बहुचर्चित बयान से जुड़े सवालों के इंटरव्यू में बार-बार पूछे जाने पर उन्होंने न सिर्फ एंकर की मानसिकता पर सवाल उठाया बल्कि अचानक इंटरव्यू से भी उठ गए। 'जी न्यूज' पर शनिवार रात प्रसारित इंटरव्यू में अंसारी ने अपनी किताब में लिखी बात को दोहराते हुए कहा कि आज सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म शब्द है ही नहीं। यह पूछने पर कि क्या 2014 से पहले सरकार की डिक्शनरी में यह शब्द था, तब उनका जवाब था- हां, लेकिन पर्याप्त नहीं। इसके बाद एंकर ने एक के बाद एक काउंटर सवाल पूछना शुरू किया। इस क्रम में उनके सवालों में हिंदू आतंकवाद से लेकर तुष्टीकरण और 'मुस्लिमों में असुरक्षा', मॉब लिंचिंग जुड़ते गए और आखिरकार अंसारी अचानक इंटरव्यू छोड़कर चले गए। जब हिंदू आतंकवाद कहा जाता था, तब क्या सरकार की डिक्शनरी में सेक्युलरिज्म था, इस सवाल ने अंसारी का जायका बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात उन्होंने तो नहीं कही है। किसी ए, बी, सी की कही बातों को मुझसे मत जोड़िए। जिन्होंने यह बात कही, उनसे ही पूछिए। 'आप 10 साल तक उपराष्ट्रपति रहे, एमएमयू के वीसी रहे, अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख रहे, राजनयिक रहे, देश ने आपको इतना कुछ दिया लेकिन आपने कार्यकाल के आखिरी दिन आपने कह दिया कि मुस्लिम असुरक्षित हैं, इसकी क्या वजह है?' एंकर के इस सवाल पर अंसारी ने कहा कि उन्होंने यह बात पब्लिक पर्सेप्शन के आधार पर कही है। इसी सिलसिले में उन्होंने लिंचिंग का भी जिक्र किया। काउंटर सवाल में जब एंकर ने पूछा कि लिंचिंग तो हिंदुओं की भी होती है, तब अंसारी ने कहा कि होती होगी। एंकर ने कई बार यह सवाल पूछा कि आपको आखिर क्यों लगा कि मुस्लिम असुरक्षित है, लेकिन अंसारी इसका कोई सीधा जवाब न देकर टालने की कोशिश कर रहे थे। वह बार-बार अपनी किताब के फुटनोट को ध्यान से पढ़ने की बात कह रहे थे। इसी दौरान एंकर ने कहा कि इंटरव्यू का मकसद उनकी किताब का प्रचार करना नहीं बल्कि उसमें उठाई गईं बातों पर सवाल करना है। बार-बार 'मुस्लिमों में असुरक्षा' वाले बयान पर ही सवाल पूछे जाने पर वह बिदक गए। उन्होंने एंकर से कहा कि आपकी मानसिकता ठीक नहीं है। क्या मैंने आपको इनवाइट किया था? आप किताब का रिव्यू कीजिए...आपकी मानसिकता ठीक नहीं है। ये कहते हुए वह अचानक थैंक्स कहकर इंटरव्यू से उठ गए। दरअसल उपराष्ट्रपति रहते हुए हामिद अंसारी ने यह बयान दिया था कि देश के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है। बेंगलुरु में नैशनल लॉ स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी के 25वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की आशंका बढ़ी है। बाद में कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले राज्यसभा टीवी को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने ये बातें दोहराई थीं। हामिद अंसारी ने अपनी नई किताब 'बाय मेनी अ हैप्पी एक्सीडेंट: रीकलेक्शन ऑफ अ लाइफ' में लिखा है कि इन दोनों ही घटनाओं ने कुछ तबकों में नाराजगी पैदा की।

सरकार अपनी मजबूरी तो बताए, वादा करते हैं उसका सिर नहीं झुकने देंगे: टिकैत

गाजियाबाद भारतीय किसान यूनियन के नेता ने शनिवार को केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताए कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती। हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे। ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा, ‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’ टिकैत ने कहा कहा, ‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे।’ किसान नेता ने कहा, ‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके जरिए इसे दबाया जा सकता है। किसान तभी घर लौटेंगे जब नए कानून वापस ले लिए जाएंगे।’ दरअसल 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ गया था। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शनस्थलों से ज्यादातर किसान बोरिया-बिस्तर समेटकर अपने-अपने घर जा चुके थे। कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन से दूरी भी बना ली। किसान नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। लेकिन गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसू छलकने के बाद एक बार फिर आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी विरोध-प्रदर्शन की जगहों पर पहुंच रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर तो पश्चिमी यूपी से ग्रामीण राकेश टिकैत के लिए घड़ों में पानी लेकर पहुंच रहे हैं क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ यूपी का पानी पिएंगे। गाजीपुर प्रदर्शनकारियों को गुरुवार रात तक स्थान खाली करने का ‘अल्टीमेटम’ देने से दो दिन पहले ही स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल पर बिजली-पानी की सप्लाई बंद कर दी थी। इसके चलते, टिकैत ने यह कहा था कि वह तभी पानी पिएंगे जब किसान अपने गांवों से यह लेकर आएंगे, लेकिन आंदोलन जारी रखेंगे। भावुक होने के बाद टिकैत की आंखे भर आई, जिन्होंने यह घोषणा की थी कि वह किसानों के लिए प्रदर्शन खत्म करने के बजाय आत्महत्या करना पसंद करेंगे। इसके बाद तो न सिर्फ गाजीपुर बॉर्डर बल्कि दूसरे प्रदर्शनस्थलों पर भी माहौल बदल गया।

Mann Ki Baat: किसान आंदोलन के बीच आज पीएम मोदी करेंगे 'मन की बात'

नई दिल्ली नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो पर 'मन की बात' करेंगे। इसका प्रसारण सुबह 11 बजे आकाशवाणी के सभी केंद्रों से किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' का यह 73वां संस्करण है। दो महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन, गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बीच पीएम का यह कार्यक्रम काफी अहम है। एक दिन बाद बजट भी पेश होने वाला है। 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान आंदोलन को लेकर भी बात कर सकते हैं। इससे पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा कि किसानों को दिया गया सरकार का प्रस्ताव अब भी कायम है और किसान कृषि मंत्री से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। पीएम मोदी के इस बयान का सकारात्मक असर भी पड़ा क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि सरकार के साथ बातचीत के दरवाजे को बंद रखने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी के साथ-साथ दूरदर्शन पर सुबह 11 बजे से होगा। इसके अलावा यह नरेंद्र मोदी ऐप पर भी उपलब्ध होगा। पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज के जरिए भी इसे सुना जा सकता है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस साल का पहला 'मन की बात' भी है।

23 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि, 10 में पोल्ट्री फार्म्स तक पहुंचा संक्रमण, जानें अपने राज्य का हाल

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने शनिवार को बताया कि 10 राज्यों में पोल्ट्री बर्ड्स में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हुई है, जबकि 13 राज्यों में कौवे, प्रवासी और जंगली पक्षियों में इस बीमारी की जानकारी मिली है। प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। केरल, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर ने पोल्ट्री पक्षियों में एवियन इंफ्लूएंजा फैलने की पुष्टि की है। वहीं मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और बिहार में कौवे, प्रवासी और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की सूचना मिली है। जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर में घरेलू मुर्गी में एवियन इंफ्लूएंजा फैलने की पुष्टि हुई है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने एक बयान में कहा, इसके अलावा हिमाचल के हमीरपुर जिले में कौवे में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई और बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में यह बीमारी एक मोर में पाई गई। बयान में कहा गया है कि हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश के प्रभावित केंद्रों में नियंत्रण और रोकथाम अभियान (सफाई और कीटाणुशोधन) चल रहे हैं। उन स्थानों पर निगरानी कार्य चल रहा है, जहां मुर्गी पालन को छोड़कर बाकी पक्षियों की प्रजातियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिन किसानों के मुर्गी पक्षियों, अंडे और मुर्गी पालन आहार को राज्य सरकार के निर्देश पर मारा या निस्तारित किया जाता है, उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है। सभी राज्य हर रोज बर्ड फ्लू की रोकथाम, नियंत्रण और रोकथाम के लिए संशोधित कार्य योजना पर अपनाए गए नियंत्रण उपायों के बारे में सूचित किया जा रहा है।

बातचीत पर नरम हुए दोनों पक्षों के सुर, किसान नेता बोले- खुला है दरवाजा

नई दिल्ली केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि सरकार के साथ बातचीत का रास्ता बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सर्वदलीय बैठक में कहा था कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान सरकार की तरफ से गई पेशकश अभी भी बरकरार है और कृषि मंत्री किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। फिर जगी बातचीत की उम्मीद सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद शाम को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बातचीत का रास्ता बंद नहीं होने का बयान महत्वपूर्ण है। आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘सद्भावना दिवस’ मनाया और पूरे दिन का उपवास रखा। सरकार और किसानों के बीच पिछले हफ्ते हुई बातचीत में सरकार ने साफ कर दिया था कि कानूनों को डेढ़-दो साल तक टालने के प्रस्ताव से आगे वह नहीं झुकेगी। उसके बाद से ही इसे लेकर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं कि क्या फिर से सरकार और किसान बातचीत की मेज पर आएंगे। अपनी चुनी हुई सरकार से बात के लिए दिल्ली की चौखट तक आए हैं: किसान नेता मोर्चा के नेता दर्शन पाल की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'किसान अपनी चुनी हुई सरकार से बातचीत करने के लिए दिल्ली के दरवाजे तक चल कर आए हैं, इसलिए किसान संगठनों की तरफ से सरकार से बातचीत का दरवाजा बंद किए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’ किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर कायम हैं किसान नेता मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि यूनियनें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने की अपनी मांग जारी रखेंगी। मोर्चा ने को ‘कमजोर और बर्बाद करने’ के पुलिस के कथित प्रयासों की भी आलोचना की। आंदोलनकारी किसानों ने एक दिन का उपवास रखा पाल ने एक बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमलों को बढ़ावा दे रही है। पुलिस और बीजेपी के गुंड़ों की तरफ से लगातार की जा रही हिंसा सरकार के भीतर के डर को दिखाती है।’ बयान में कहा गया है कि दिल्ली की सभी सीमाओं सहित पूरे देश में आज एक दिन का उपवास रखा गया। किसानों ने अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने की शपथ ली। बयान के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में भी किसानों के उपवास करने की सूचना है। वहीं बिहार में मुजफ्फरपुर और नालंदा जिलों सहित अन्य जिलों में सद्भावना दिवस पर मानव श्रृंखला बनाई गई।

चुनाव आते ही ममता को झटके पे झटका, TMC के 5 दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल

कोलकाता/नई दिल्लीकेंद्रीय गृहमंत्री का पश्चिम बंगाल का दौरा भले ही रद्द हो गया हो, मगर दिल्ली में बैठकर ही चले गए उनके दांव से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। कोलकाता से विशेष फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के तीन बागी विधायकों सहित पांच नेता गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इन नेताओं में ममता सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विधायक , प्रबीर घोषाल और प्रमुख हैं। वहीं, हावड़ा के पूर्व मेयर रथीन चक्रवर्ती और पार्थसारथी भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि रविवार को हावड़ा में होने वाली स्मृति ईरानी की रैली में सभी पांचों नेता बीजेपी का मंच शेयर करेंगे। दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह का 30 और 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल का दौरा करना था। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले राजीव बनर्जी सहित पांच नेताओं के बीजेपी में शामिल होने का कार्यक्रम तय था। मगर, दिल्ली में बम ब्लास्ट और किसानों के आंदोलन को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह का ऐन वक्त पर दौरा स्थगित हो गया था। बावजूद इसके तृणमूल कांग्रेस के बागी नेताओं की जॉइनिंग पर कोई असर नहीं पड़ा। विशेष प्‍लेन से दिल्‍ली पहुंचे थे बागी पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस के पांचों नेताओं को कोलकाता से शाम चार बजे की विशेष फ्लाइट से लेकर दिल्ली पहुंचे। इसके बाद सभी नेता गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे और बीजेपी में शामिल हो गए। अमित शाह ने मुझे दिल्‍ली बुलाया: राजीव बनर्जी गौरतलब है कि प्रबीर घोषाल और वैशाली डालमिया को हाल ही में तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित किया गया है। बीजेपी में शामिल होने से पहले राजीव बनर्जी ने कहा कि उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत हुई है जिन्होंने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी बुलाया है। उन्होंने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस से मेरे इस्तीफे के बाद मुझे बीजेपी नेतृत्व से फोन आया। अमित शाह ने मुझे दिल्ली आने को कहा। ’ बीजेपी में उनकी संभावित भूमिका के संबंध में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि यह पार्टी को तय करना है। हम असंतुष्टों को सेना की तैनाती कर नहीं रोक सकते: TMC वहीं, इस पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। वरिष्ठ सांसद और पार्टी प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा, ‘जो लोग छोड़कर गए हैं, उनका कोई लंबा राजनीतिक इतिहास नहीं है और उनमें से अधिकतर को पार्टी में ममता बनर्जी ने शामिल किया था। भविष्य में तृणमूल कांग्रेस सतर्क रहेगी।’ तृणमूल कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता और मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘यदि कोई जाना चाहता है तो क्या किया जा सकता है? हम एक बड़ी पार्टी हैं। हम असंतुष्टों को सेना की तैनाती कर नहीं रोक सकते।’

दिल्ली हिंसा: अब थरूर के खिलाफ दिल्ली में भी FIR, पायलट बोले- आजादी का घोंटा जा रहा गला

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के दौरान आईटीओ पर एक प्रदर्शनकारी की मौत के बारे में लोगों को कथित रूप से गुमराह करने को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, द कारवां और अन्य के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आईपी एस्टेट थाने में आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले यूपी और मध्य प्रदेश में भी थरूर और 6 पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'कांग्रेस नेता शशि थरूर और पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने की कोशिश है।' इससे पहले थरूर और 6 पत्रकारों पर नोएडा पुलिस ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को लेकर राजद्रोह समेत अन्य आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने यह जानकारी थी। मध्यप्रदेश पुलिस ने भी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बारे में ‘गुमराह करने वाले ट्वीट’ को लेकर थरूर और 6 पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 26 जनवरी को हजारों प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिसकर्मियों से भिड़ गए थे। किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर यह ट्रैक्टर परेड निकाली थी। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लालकिला पहुंच गए थे। कुछ ने तो ऐतिहासिक लाल किले पर एक धार्मिक झंडा भी फहरा दिया था।

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At Home New York TimesBy BY FLORENCE FABRICANT Via NYT To WORLD NEWS

Trump Parts Ways With Lead Impeachment Lawyer


U.S. New York TimesBy BY MAGGIE HABERMAN Via NYT To WORLD NEWS

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At Home New York TimesBy BY KATHERINE CUSUMANO AND EMMA GRILLO Via NYT To WORLD NEWS

Quotation of the Day: Attacked by a ‘Superspreader’ of Online Smears


Today’s Paper New York TimesBy Unknown Author Via NYT To WORLD NEWS

Federal officials pause plan to vaccinate Guantánamo detainees.


World New York TimesBy BY CAROL ROSENBERG Via NYT To WORLD NEWS

Protesters disrupt motorists from entering Dodger Stadium vaccination site.


World New York TimesBy BY ALLYSON WALLER Via NYT To WORLD NEWS

Sundance Diary, Part 3: Documentaries That Don’t Despair


Movies New York TimesBy BY A.O. SCOTT Via NYT To WORLD NEWS

Pentagon Halts Plan to Vaccinate the 40 Prisoners at Guantánamo Bay


U.S. New York TimesBy BY CAROL ROSENBERG Via NYT To WORLD NEWS