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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Sunday, January 31, 2021

कोरोना काल में इन देशों के लिए 'देवदूत' बना भारत, गिफ्ट कर चुका वैक्‍सीन की लाखों डोज

कोविड वैक्‍सीन डिवेलप होने के बावजूद, दुनिया के कुछ देशों के सामने बड़ी परेशानी है। उनके यहां न तो वैक्‍सीन बन रही है, न ही इतना बजट है कि अमेरिकी, चीनी व अन्‍य वैक्‍सीन खरीद सकें। ऐसे देशों के लिए भारत किसी देवदूत की तरह सामने आया। छोटे और कम आय वाले कई देशों को भारत ने अपने यहां बनी ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन 'कोविशील्‍ड' की खेप भिजवाई है, वह भी तोहफे के रूप में। एक तरफ देश में टीकाकरण अभियान जारी है तो दूसरी तरफ, इन देशों की मदद भी। भारत की इस पहल को दुनिया भी सराह रही है।

India Gifts Covid Vaccine: कोरोना वायरस रूपी संकट से उबरने में नेपाल, भूटान, बांग्‍लादेश, श्रीलंका समेत कई पड़ोसियों की मदद करने की खातिर भारत सबसे आगे खड़ा है।


Covid Vaccine News: कोरोना काल में इन देशों के लिए देवदूत बना भारत, गिफ्ट कर चुका वैक्‍सीन की लाखों डोज

कोविड वैक्‍सीन डिवेलप होने के बावजूद, दुनिया के कुछ देशों के सामने बड़ी परेशानी है। उनके यहां न तो वैक्‍सीन बन रही है, न ही इतना बजट है कि अमेरिकी, चीनी व अन्‍य वैक्‍सीन खरीद सकें। ऐसे देशों के लिए भारत किसी देवदूत की तरह सामने आया। छोटे और कम आय वाले कई देशों को भारत ने अपने यहां बनी ऑक्‍सफर्ड-एस्‍ट्राजेनेका वैक्‍सीन 'कोविशील्‍ड' की खेप भिजवाई है, वह भी तोहफे के रूप में। एक तरफ देश में टीकाकरण अभियान जारी है तो दूसरी तरफ, इन देशों की मदद भी। भारत की इस पहल को दुनिया भी सराह रही है।



अबतक इन देशों को भारत ने दी वैक्‍सीन
अबतक इन देशों को भारत ने दी वैक्‍सीन

बांग्‍लादेश

- 20 लाख डोज

म्‍यांमार

- 15 लाख डोज

नेपाल

- 10 लाख डोज

श्रीलंका

- 5 लाख डोज

भूटान

- डेढ़ लाख डोज

मालदीव

- 1 लाख डोज

मॉरीशस

- 1 लाख डोज

ओमन

- 1 लाख डोज

सेशेल्‍स

- 50 हजार डोज

यहां अभी भेजी जानी है वैक्‍सीन

अफगानिस्‍तान

- 5 लाख डोज

निकारगुआ

- 2 लाख डोज

मंगोलिया

- 1.5 लाख डोज

बारबेडोज

- 1 लाख डोज

डॉमिनिका

- 70 हजार डोज



वैक्‍सीन पर क्‍या है भारत की नीति?
वैक्‍सीन पर क्‍या है भारत की नीति?

सरकार का स्‍टैंड ये था कि दुनियाभर को वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराई जाए। महामारी के दौर में स्‍वाथी न बना जाए। देश के लोगों की जरूरत पूरी करने के बाद भारत अपने पड़ोसियों और सहयोगियों को पहली प्राथमिकता देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार कहते रहे हैं कि भारत अपने व्यापक वैक्‍सीन इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का इस्‍तेमाल दूसरे देशों की मदद में करेगा।



ग्‍लोबल कमिटमेंट का हिस्‍सा है सीरम इंस्टिट्यूट
ग्‍लोबल कमिटमेंट का हिस्‍सा है सीरम इंस्टिट्यूट

'कोविशील्‍ड' बना रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीन निर्माताओं में से एक है। कंपनी पहले ही कह चुकी है कि वो जितनी भी डोज बनाएगी, उसका आधा भारत के लिए और बाकी Covax के लिए होगा। Covax असल में वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक पहल है ताकि वैक्‍सीन कम और मध्‍य आय वर्ग वाले देशों में भी उपलब्‍ध हो सके।



दुनिया कर रही भारत की तारीफ
दुनिया कर रही भारत की तारीफ

कुछ दिन पहले, संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने वैक्‍सीन हब के तौर भारत की तारीफ की थी। उन्‍होंने दूसरे देशों को डोज सप्‍लाई करने के लिए भारत की पीठ थपथपाई थी। अमेरिका ने पिछले हफ्ते भारत को 'सच्‍चा दोस्‍त' बताते हुए कहा था कि वह अपने फार्मा सेक्‍टर का इस्‍तेमाल दुनियाभर के लोगों की मदद में कर रहा है। भारत ने जहां-जहां वैक्‍सीन भेजी है, उन देशों ने भी बेहद भावुक होकर शुक्रिया अदा किया है। कई देशों ने भारत से वैक्‍सीन हासिल होने की उम्‍मीद जताई है।



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