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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 30, 2021

बातचीत पर नरम हुए दोनों पक्षों के सुर, किसान नेता बोले- खुला है दरवाजा

नई दिल्ली केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि सरकार के साथ बातचीत का रास्ता बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सर्वदलीय बैठक में कहा था कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान सरकार की तरफ से गई पेशकश अभी भी बरकरार है और कृषि मंत्री किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। फिर जगी बातचीत की उम्मीद सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के बाद शाम को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बातचीत का रास्ता बंद नहीं होने का बयान महत्वपूर्ण है। आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘सद्भावना दिवस’ मनाया और पूरे दिन का उपवास रखा। सरकार और किसानों के बीच पिछले हफ्ते हुई बातचीत में सरकार ने साफ कर दिया था कि कानूनों को डेढ़-दो साल तक टालने के प्रस्ताव से आगे वह नहीं झुकेगी। उसके बाद से ही इसे लेकर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं कि क्या फिर से सरकार और किसान बातचीत की मेज पर आएंगे। अपनी चुनी हुई सरकार से बात के लिए दिल्ली की चौखट तक आए हैं: किसान नेता मोर्चा के नेता दर्शन पाल की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'किसान अपनी चुनी हुई सरकार से बातचीत करने के लिए दिल्ली के दरवाजे तक चल कर आए हैं, इसलिए किसान संगठनों की तरफ से सरकार से बातचीत का दरवाजा बंद किए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।’ किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर कायम हैं किसान नेता मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि यूनियनें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने की अपनी मांग जारी रखेंगी। मोर्चा ने को ‘कमजोर और बर्बाद करने’ के पुलिस के कथित प्रयासों की भी आलोचना की। आंदोलनकारी किसानों ने एक दिन का उपवास रखा पाल ने एक बयान में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमलों को बढ़ावा दे रही है। पुलिस और बीजेपी के गुंड़ों की तरफ से लगातार की जा रही हिंसा सरकार के भीतर के डर को दिखाती है।’ बयान में कहा गया है कि दिल्ली की सभी सीमाओं सहित पूरे देश में आज एक दिन का उपवास रखा गया। किसानों ने अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने की शपथ ली। बयान के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और अन्य राज्यों में भी किसानों के उपवास करने की सूचना है। वहीं बिहार में मुजफ्फरपुर और नालंदा जिलों सहित अन्य जिलों में सद्भावना दिवस पर मानव श्रृंखला बनाई गई।

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