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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 30, 2021

सरकार अपनी मजबूरी तो बताए, वादा करते हैं उसका सिर नहीं झुकने देंगे: टिकैत

गाजियाबाद भारतीय किसान यूनियन के नेता ने शनिवार को केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताए कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती। हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे। ट्रैक्टर परेड में हिंसा के कारण किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने के बाद एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच टिकैत ने सरकार से कहा, ‘सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करने पर अड़ी हुई है?’ टिकैत ने कहा कहा, ‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे।’ किसान नेता ने कहा, ‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके जरिए इसे दबाया जा सकता है। किसान तभी घर लौटेंगे जब नए कानून वापस ले लिए जाएंगे।’ दरअसल 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन कमजोर पड़ गया था। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शनस्थलों से ज्यादातर किसान बोरिया-बिस्तर समेटकर अपने-अपने घर जा चुके थे। कुछ किसान संगठनों ने आंदोलन से दूरी भी बना ली। किसान नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किए गए। लेकिन गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसू छलकने के बाद एक बार फिर आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी विरोध-प्रदर्शन की जगहों पर पहुंच रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर तो पश्चिमी यूपी से ग्रामीण राकेश टिकैत के लिए घड़ों में पानी लेकर पहुंच रहे हैं क्योंकि उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ यूपी का पानी पिएंगे। गाजीपुर प्रदर्शनकारियों को गुरुवार रात तक स्थान खाली करने का ‘अल्टीमेटम’ देने से दो दिन पहले ही स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल पर बिजली-पानी की सप्लाई बंद कर दी थी। इसके चलते, टिकैत ने यह कहा था कि वह तभी पानी पिएंगे जब किसान अपने गांवों से यह लेकर आएंगे, लेकिन आंदोलन जारी रखेंगे। भावुक होने के बाद टिकैत की आंखे भर आई, जिन्होंने यह घोषणा की थी कि वह किसानों के लिए प्रदर्शन खत्म करने के बजाय आत्महत्या करना पसंद करेंगे। इसके बाद तो न सिर्फ गाजीपुर बॉर्डर बल्कि दूसरे प्रदर्शनस्थलों पर भी माहौल बदल गया।

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