वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने वाजपेयी की सरकार दोबारा बनने की संभावना जताई थी, लेकिन वास्तविक नतीजे इसके बिलकुल विपरीत रहे थे। न सिर्फ यूपीए की सीटें अनुमान से काफी ज्यादा रहीं, बल्कि उसने कुछ और सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार भी बनाई। एग्जिट पोल के नतीजों में गलती की संभावना इसलिए रहती है क्योंकि सर्वे में काफी कम वोटरों की राय ली जाती है, जो पूरी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व नहीं कहा जा सकता। छोटा सैंपल होने की वजह से थोड़ी सी चूक का नतीजा पर बड़ा असर होता है।
via WORLD NEWS
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