चुनाव आयोग भले गुप्त मतदान का कितना भी दावा करती हों, लेकिन यह पूरी तरह गोपनीय नहीं रहता है। बूथ के आधार पर होनेवाली मतगणना से पार्टी और प्रत्याशी यह तो आसानी से पता लगा लेते हैं कि किन गांवों या क्षेत्रों में उन्हें समर्थन मिला। जाति के आधार पर भी दलों को समर्थन या विरोध की तस्वीर पता लग जाती है। via WORLD NEWS The Navbharattimes
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