दुनियाभर में 20 मार्च को वर्ल्ड स्पैरो डे मनाया जाता है लेकिन गौरैया चिड़िया को देख पाना लगभग हर शहर में मुश्किल हो चुका हैWorld Sparrow Day की शुरुआत साल 2010 से हुई थी जब Nature Forever Society के सदस्यों ने इन नन्हीं चिड़ियों को बचाने की मुहिम शुरू की थी साल 2010 के बाद से लगातार संख्या में घटती जा रही इन चिड़ियाओं के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता हैएक्सपर्ट के मुताबिक आधुनिक जीवनशैली के चलते घरों के आंगन से चिड़ियों की चहचहाहट ही गायब हो गई।भारत ही नहीं बल्कि युरोप (Europe) और ब्रिटेन (Britain) में भी यह खत्म होने की कगार पर है . साल 2012 में गौरैया को बर्ड ऑफ की स्टेट का दर्जा दिया गया थाइंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के सर्वे की बात करें तो आंध्र प्रदेश में गौरैयों की संख्या 80 फीसदी तो केरल, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में करीब 40 प्रतिशत कम हुई
via WORLD NEWS
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