देश में आए दिन करोड़ों रुपये के घूसखोरी के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन यह मामला ऐसा है जो आपको परेशान कर देगा। वर्ष 1987 में एक डॉक्टर पर 100 रुपये की रिश्वत लेकर जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का केस दर्ज किया गया। लेकिन यह मामला वर्ष 2015 में डॉक्टर की मौत तक चलता रहा। मौत के 4 साल बाद यानि 2019 में केस को साक्ष्य के अभाव में रद्द कर दिया गया। डॉक्टर की मौत के बाद भी उनकी पत्नी और बेटियों ने उन्हें निर्दोष साबित करने की जंग जारी रखी थी।
via WORLD NEWS
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