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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Saturday, January 15, 2022

'पोंगल' पर दिखी भारत की कल्‍चरल डिप्‍लोमेसी, श्रीलंकाई वित्‍त मंत्री से वर्चुअली मिले जयशंकर

नई दिल्ली भारत और श्रीलंका के बीच किसी तरह की कड़वाहट को दूर करने के लिए यह हमेशा सलाह दी जाती है कि त्योहार सबसे अच्छा समय होता है और ऐसा लगता है कि विदेश मंत्रालय ने इसे बहुत गंभीरता से लिया, इसलिए इसमें एक चुटकी 'सांस्कृतिक कूटनीति' भी शामिल की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तमिल समुदाय के लिए शुभ दिन 'पोंगल'उत्सव पर श्रीलंका के वित्तमंत्री बेसिल राजपक्षे के साथ वर्चुअल बैठक की। यह बातचीत पिछले महीने राजपक्षे की भारत यात्रा के बाद हुई है। कूटनीतिक रूप से भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों में हाल के दिनों में कुछ खुरदुरे पैच आए थे, जब श्रीलंका सरकार ने चीन को अपने बंदरगाह शहर-हंबनटोटा को हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय समुद्री सीमाओं से कुछ मील दूर विकसित करने की अनुमति दी, जिसका भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हंबनटोटा बंदरगाह के माध्यम से चीन उस क्षेत्र में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, जो वैश्विक समुद्री व्यापार के दो-तिहाई हिस्से को सीधे प्रभावित करता है और यह हंबनटोटा ही है, जहां से ये सब शुरू हुआ। श्रीलंका बुरी तरह से चीनी ऋण जाल में फंस गया है, ऋण की राशि लगभग 3 अरब डॉलर से अधिक है। यह बताया गया है कि कर्ज में डूबे श्रीलंका ने अपने विदेशी कर्ज को निपटाने के लिए फिर से चीन की मदद मांगी। 'पोंगल' पर दोनों मंत्रियों ने सार्क मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था के तहत श्रीलंका को 40 करोड़ डॉलर के विस्तार और एसीयू को स्थगित करने पर सकारात्मक रूप से ध्यान दिया। दो महीने में 515.2 मिलियन डॉलर का समझौता, जो श्रीलंका की सहायता करेगा। दोनों मंत्रियों ने खाद्य, आवश्यक वस्तुओं और दवाओं के आयात के लिए एक अरब डॉलर की भारतीय ऋण सुविधा और भारत से ईंधन के आयात के लिए 50 करोड़ डॉलर की भारतीय ऋण सुविधा का विस्तार करने की प्रगति की समीक्षा की। राजपक्षे ने श्रीलंका के साथ भारत के लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को याद किया और समर्थन के इशारों की सराहना की। उन्होंने बंदरगाहों, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली और विनिर्माण सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में श्रीलंका में भारतीय निवेश का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि इस तरह के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाएगा। दोनों मंत्रियों ने नोट किया कि त्रिंकोमाली ऑयल टैंक फार्मो के संयुक्त रूप से आधुनिकीकरण के लिए श्रीलंका सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों से श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के अलावा निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा। जयशंकर ने संदेश दिया कि भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा रहा है और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक और अन्य चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हर संभव तरीके से श्रीलंका का समर्थन करना जारी रखेगा। घनिष्ठ मित्र और समुद्री पड़ोसी के रूप में भारत और श्रीलंका दोनों को घनिष्ठ आर्थिक अंतसर्ंबधों से लाभ होगा। विदेश मंत्री ने श्रीलंका में हिरासत में लिए गए भारतीय मछुआरों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने श्रीलंका सरकार से मानवीय आधार पर हिरासत में लिए गए मछुआरों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

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