शरद टांक, सिरोही
राजस्थान के सिरोही जिले के स्वरूपगंज कस्बे में रेबारी समाज में शादी के समय दूल्हे द्वारा ऊंट पर बैठकर ससुराल के तोरण द्वार पहुंचने की प्रथा है। लेकिन स्वरूपगंज कस्बे में रेबारी (देवासी) समाज के युवाओं ने दूल्हे को ऊंट पर बिठाकर गाजे बाजे के साथ बंदौरी निकाल कर एक नवाचार किया है, जो कस्बेवासियों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना रहा।
एक दिसंबर को हुआ विवाह
स्वरूपगंज कस्बे के रबारीवास में रहने वाले दीपाराम पुत्र मगाराम रेबारी के पुत्र कैलाश कुमार तका एक दिसंबर को विवाह था। उससे पूर्व परिवार रेबारी समाज के युवा मंडल की मांग पर कैलाश कुमार को ऊंट पर बैठा कर पूरे सरूपगंज कस्बे में बंदोली निकाली गई। देवासी समाज की ओर से सरूपगंज कस्बे में यह बंदोली पहली बार निकाली गई है। बंदौरी के साथ परंपरागत ढंग से सजाई गई छाताओ में रंग बिरंगी लाइट और डीजे पर बज रही देसी धुन देसी अंदाज में नाचते वह गुजर रही है। बंदौरी कस्बे वासियों के लिए एक अलग अंदाज में विशेष साबित हुई। इस बंदौरी को देखने के लिए काफी लोग गांव से बाहर आए।
via WORLD NEWS
No comments:
Post a Comment