नई दिल्ली केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि इस बात पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है कि स्वास्थ्य देखभाल, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए कोविड रोधी टीके की एहतियाती (तीसरी) खुराक क्या पहली दो खुराक के समान होनी चाहिए। इस सबंध में जल्द ही एक निर्णय की उम्मीद है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि सरकार 10 जनवरी से पहले इस पर स्पष्ट सिफारिशें जारी करेगी, जब स्वास्थ्य सेवा, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को एहतियाती खुराक देना शुरू हो जाएगा। भार्गव ने कहा, 'हम एक व्यापक चर्चा कर रहे हैं (एहतियाती खुराक के रूप में कौन सा टीका दिया जाना है)। हमने कल, एक दिन पहले और आज एनटीएजीआई (टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) में कई बैठकें की हैं। हम यह तय कर रहे हैं कि इस टीके की कितनी आबादी को जरूरत होगी जिसमें अग्रिम पंक्ति के कर्मी, स्वास्थ्य देखभाल कर्मी और 60 से अधिक उम्र के अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग शामिल हैं। कौन से नए टीके उपलब्ध हैं और कौन सा टीका सुरक्षा और प्रभावकारिता के मामले में दिया जा सकता है।' उन्होंने कहा, 'इसलिए, हम उन सभी आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं जो इस संदर्भ में उपलब्ध हैं कि कौन सा टीका दिया जा सकता है...चाहे वह एक ही हो या अलग हो। 10 जनवरी से पहले हमें उस पर स्पष्ट सिफारिशों को मंजूरी देनी होगी। औषधि नियंत्रक और एनटीएजीआई की बैठक हो रही है और यह फैसला लिया जाएगा।' स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ‘15-18 वर्ष के बीच के बच्चों के लिए कोविड-19 टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित आबादी के लिए एहतियाती खुराक’ के दिशानिर्देश के अनुसार, उनके लिए “एहतियाती खुराक” की प्राथमिकता और अनुक्रमण दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से नौ महीने पूरे होने पर आधारित होगा। दिशानिर्देश में कहा गया कि वे अपने मौजूदा को-विन खाते के जरिये एहतियाती खुराक लेने में सक्षम होंगे। इससे जुड़े दिशानिर्देशों पर तीन जनवरी से अमल शुरू होगा।
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