Featured Post

Don’t Travel on Memorial Day Weekend. Try New Restaurants Instead.

Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Wednesday, November 24, 2021

क्या दोषी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आप तैयार हैं? SC ने केंद्र से पूछा सवाल

नई दिल्ली वर्तमान और पूर्व एमपी- एमएलए के खिलाफ केसों के ट्रायल के लिए मजिस्ट्रेट कोर्ट गठित न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा है कि वह स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का गठन करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके आदेश की गलत व्याख्या की है और सिर्फ स्पेशल सेशन कोर्ट का गठन किया है जबकि मजिस्ट्रेट कोर्ट का गठन नहीं किया। जबकि हमारा आदेश था कि जहां भी जरूरत है वहां मजिस्ट्रेट कोर्ट और सेशन कोर्ट का गठन किया जाए। इन स्पेशल कोर्ट में पूर्व व वर्तमान एमएलए और एमपी के पेंडिंग केस का ट्रायल चलना है। इस मामले में सपा सांसद आजम खान की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी और हाई कोर्ट के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी जिसमें मजिस्ट्रेट कोर्ट में सांसदों और एमएलए के केसों को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछ लिया सवाल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने इलाहाबाद हाई कोर्ट के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है। आजम खान की ओर से नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई और कहा गया कि मजिस्ट्रेट कोर्ट में जिन मामलों का ट्रायल होना चाहिए उसका ट्रायल सेशन कोर्ट में हो रहा है और यह कानूनी प्रावधानों के सिद्धांत का उल्लंघन है। इस पर जब सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया तो इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील ने कहा कि सीटिंग व पूर्व एमएलए और एमपी के मामलों के ट्रायल के लिए सेशन कोर्ट का गठन हुआ है। स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का गठन नहीं हुआ है। आपने हमारे आदेश की गलत व्याख्या की है कारण पूछे जाने पर वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ही सेशन कोर्ट का गठन हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने हमारे आदेश की गलत व्याख्या की है। हमें पता है कि हमारा आदेश क्या है। हमने कहा था कि जहां भी मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट के गठन की जरूरत हो वहां स्पेशल मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट का गठन हो। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कोर्ट सलाहकार से पूछा कि अन्य राज्यों में क्या स्थिति है। तब कोर्ट सलाहकार ने बतााय कि कई अन्य राज्यों में सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट का गठन हुआ है। दोषी नेताओं के चुनाव लड़ने पर क्या है केंद्र का स्टैंड सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 16 सितंबर 2020 का आदेश है और कहा कि राज्यों को निर्देश दिया जाता है कि वह सेशन और मजिस्ट्रेट कोर्ट का गठन करें जहां एमएलए और एमपी के केस का ट्रायल हो। सेशन कोर्ट में जहां भी मजिस्ट्रेट लेवल के केस पेंडिंग हैं वह ट्रांसफर किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया कि क्या दोषी ठहराए जा चुके नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए आप तैयार हैं। इस मामले में केंद्र का क्या स्टैंड है। सुप्रीम कोर्ट से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वह मामले में निर्देश लेकर आएंगे।

No comments:

Post a Comment