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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Thursday, October 7, 2021

NDA के बाद मिलिट्री स्कूल-कॉलेजों में भी लड़कियों की होगी एंट्री, सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया निर्देश

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों को एनडीए के बाद मिलिट्री स्कूल एग्जामिनेशन में बैठने की इजाजत दे दी है ताकि उनका 2022 सेशन में दाखिला हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेजों में दाखिले के लिए 18 दिसंबर को होने वाले एग्जाम में महिला कैंडिडेट को बैठने की इजाजत दे ताकि 2022 सेशन में उनका प्रवेश हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इसके लिए वह उपयुक्त व्यवस्था करे और नए सिरे से विज्ञापन निकाले। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले एनडीए में लड़कियों को बैठने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को दिए आदेश में इस साल एनडीए एंट्रेंस में लड़कियों को इजाजत देने के अपने आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आर्म्ड फोर्स इमरजेंसी की स्थिति को डील करने में सक्षम है, हम महिलाओं का एनडीए में एंट्री एक साल के लिए नहीं टाल सकते। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सकार को रिम्स (राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज) देहरादून में लड़कियों के दाखिले के मुद्दे पर दो हफ्ते में हलफनामा पेश करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि अब इस मामले में देरी नहीं की जा सकती है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच में कहा कि इस बार रिम्स के लिए 18 दिसंबर को एग्जाम है और तैयारियां एडवांस स्टेज पर है। कोर्ट इस बार महिलाओं के प्रवेश को छोड़ दे बल्कि 2023 के सेशन के लिए इजाजत दे तो बेहतर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया और कहा कि छह महीना बहुत ज्यादा है लड़कियों को जून 2022 सेशन में प्रवेश के लिए परीक्षा देने की इजाजत दी जाए। अभी पर्याप्त समय है तैयारी हो सकती है ताकि महिलाओं को जून 2022 सेशन में दाखिला मिल सके। इस दौरान एश्वर्य भाटी ने कहा कि 30 अक्टूबर आवेदन की आखिरी तारीख है और 18 अगस्त को एग्जाम है ऐसे में अभी काफी परेशानी है ऐसे में इस बार लड़कियों को छोड़ना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आग्रह को नकार दिया। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं कहते कि परेशानी नहीं है लेकिन कदम आगे बढ़ाना चाहिए।

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