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Food New York TimesBy BY NIKITA RICHARDSON Via NYT To WORLD NEWS

Tuesday, October 12, 2021

बच्चों के लिए Covaxin की सिफारिश तो ठीक, पर विशेषज्ञों को एक आशंका अब भी है

नई दिल्ली कुछ शर्तों के साथ 2 से 18 साल की आयु के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोविड वैक्‍सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को इमर्जेंसी यूज की मंजूरी (ईयूए) के लिए एक का चिकित्सकों ने स्वागत किया है। हालांकि, उन्‍होंने इस बात को लेकर आशंका भी जाहिर की कि इसे वैश्विक स्तर पर अभी स्वीकार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर इसकी प्रभावशीलता स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि बच्चे विदेश यात्रा के दौरान प्रतिबंध संबंधी उपायों के अधीन न हों। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण ने दो साल से 18 साल तक के बच्चों और किशोरों को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में भारत बायोटेक का कोवैक्सीन टीका लगाने की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। द्वारका के आकाश हेल्थकेयर में श्वसन रोग विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अक्षय बुधराजा ने कहा, 'यह बच्चों के साथ-साथ उनके आस-पास के लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा। हमें सामूहिक प्रतिरक्षा हासिल करने और आगे की लहरों के जोखिम को कम करने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बच्चे और किशोर कमजोर समूह हैं। यदि टीका सुरक्षा आंकड़ा पर्याप्त तौर पर मजबूत है और हम उन्हें प्रतिरक्षित करें तो इससे कोविड के फैलने को कम करने में बड़ा असर होगा।' उन्होंने कहा कि यह अहम कदम साबित हो सकता है क्योंकि कॉलेज, कोचिंग संस्थान और खेलकूद से जुड़े केंद्र धीरे-धीरे खुल रहे हैं। ‘सीड्स ऑफ इनोसेंस’ की संस्थापक डॉ. गौरी अग्रवाल ने इसे महामारी को हराने की दिशा में कदम करार दिया और कहा कि इससे बच्चों को अपना सामान्य जीवन फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'हालांकि, बच्चों पर कोवैक्सीन के प्रधान जांचकर्ता के मुताबिक, टीका सुरक्षा और इम्‍यूनिटी के नतीजे अभी प्रतीक्षित हैं। यह महत्वपूर्ण है कि जब तक इसे लगाने की मंजूरी मिले तब तक टीके की प्रभावशीलता स्थापित हो जाए।' उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर टीके की प्रभावशीलता स्थापित करने का प्रयास होना चाहिए जिससे बच्चे विदेश यात्रा के दौरान प्रतिबंधात्मक उपायों का सामना न करें। फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज में बाल रोग और नवजात विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. राहुल नागपाल ने कहा कि यह पहला कदम है और इसे लागू करने से पहले अभी एक लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोवैक्सिन को स्वीकार नहीं किए जाने के संबंध में अग्रवाल के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, 'यह पहला कदम है और इसे पूरी तरह से लागू होने में अभी समय है। यह स्पष्ट रूप से रोमांचक खबर है, लेकिन हमें इंतजार करने और देखने की जरूरत है।'

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